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माटी वाली

Question
CBSEENHN9001208

माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है?

Solution

माटी वाली का रोटियों का हिसाब लगाना उसकी गरीबी, फटेहाली और आवश्यकता की मजबूरी को प्रकट करता है। माटीवाली दिनभर के अथक परिश्रम के बाद भी इतना नहीं कमा पाती थी कि जिससे वह अपना तथा अपने बूढ़े बीमार पति का पेट भर सकें। इस प्रकार की मजदूरी से उसका जीवन-निर्वाह तक कठिन हो जाता है। यह माटीवाली की विवशता ही थी कि रोटियों का हिसाब लगाकर वह स्वयं खाती थी तथा बाकी बची रोटियाँ अपने बीमार बूढ़े पति के लिए रख लेती थी। 

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