मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
मूक प्राणी भी संवेदनशील होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनुभूति होती है। पाठ में रविन्द्रनाथ जी के कुत्ते के कुछ प्रसंगों से यह बात स्पष्ट हो जाती है -
1. गुरुदेव के स्पर्श को कुत्ता आँखें बंद करके अनुभव करता है, तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श ने तृप्ति मिल गई हो।
2. गुरुदेव की मृत्यु के उपरांत कुत्ता अस्थिकलश के पास कुछ देर तक उदास बैठा रहता है। वह भी अन्य लोगों की तरह शोक प्रकट करता है ।