-
Call Us
+91 8076753736 -
Send us an Email
[email protected]
अंतिम दौर-एक
भले ही सर सैयद अहमद खाँ मुसलमानों के स्वार्थों हेतु ब्रिटिश सरकार के विरोधी नहीं थे, दूसरी और वे हिंदू विरोधी या सांप्रदायिक दृष्टि से अलगाववादी भी नहीं थे। उन्होंने कहा ‘हिंदू’ और ‘मुसलमान’ ये शब्द सिर्फ धार्मिक अंतर बताने के लिए है। वरना सब लोग चाहे वे हिंदू हो या मुसलमान यहाँ तक ईसाई भी जो इस देश में रहते हैं, एक ही राष्ट्र के लोग हैं।
Sponsor Area
Sponsor Area