Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
“कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती ढँक जो जाती है।” गवरा बोला. “अब तू ही सोच! अभी तो तेरी सुघड़ काया का एक-एक कटाव मेरे सामने है, रोंवें-रोवें की रंगत मेरी आँखों में चमक रही है। अब अगर तू मानुस की तरह खुद को सरापा ढँक ले तो तेरी सारी खूबसूरती ओझल हो जाएगी कि नहीं?”
गवरा ने गवरइया की सुदंरता का वर्णन कैसे किया?
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बिना वस्त्रों के ही वह सुंदर लगती है।
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बिना वस्त्रों के उसकी काया का एक-एक कटाव साफ नजर आता है।
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ईश्वर ने पंखों के रूप में इतने सुंदर वस्त्र हमें प्रदान किए हैं।
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इनमें से कोई नहीं।
Solution
B.
बिना वस्त्रों के उसकी काया का एक-एक कटाव साफ नजर आता है।