Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
मेरी ज़िंदगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भीगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भीगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगी भर आकाश में उड़ने का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।
बाज को अपनी ज़िंदगी से किसी प्रकार की कोई शिकायत क्यों नहीं?
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उसने अपने जीवन को जी भरकर भोगा था।
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दूर-दूर तक उड़ानें भरी थीं।
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आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा था।
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दिए गए सभी।
Solution
D.
दिए गए सभी।