Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अपनी गुफा में बैठा हुआ साँप सब कुछ देखा करता-लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी- मेढ़ी बल खाती हुई नदी की गुस्से से भरी आवाजें। वह मन ही मन खुश होता था कि इस गर्जन-तर्जन के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है। कोई उसे दुख नहीं दे सकता। सबसे अलग. सबसे दूर, वह अपनी गुफा का स्वामी है। न किसी से लेना, न किसी से देना। दुनिया की भाग-दौड़, छीना-झपटी से वह दूर है। साँप के लिए यही सबसे बड़ा सुख था।
साँप गुफा में बैठा-बैठा क्या करता था?
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लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी-मेढ़ी चाल से नदी की तेज आवाज सुनता था।
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नदी की तेज लहरों को निहारता था।
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गुफा में आराम करता था।
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हरदम किसी-न-किसी के आने का इंतजार करता था।
Solution
A.
लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी-मेढ़ी चाल से नदी की तेज आवाज सुनता था।