Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जो पेड़ तुम देखते हो न ! वह ऊपर ही इतना बड़ा नहीं है, पृथ्वी में भी लगभग इतना ही बड़ा है। उसकी बड़ी जड़े, छोटी जड़ें और जड़ों के रोएँ हैं। वे रोएँ बड़े निर्दयी होते हैं। मुझ जैसे असंख्य जल-कणों को वे बलपूर्वक पृथ्वी में से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और अधिकांश का सब कुछ छीनकर उन्हें बाहर निकाल देते हैं।
बूँद लेखक को क्या बताना चाहती है?
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पेड़ उन्हें आत्मसात कर लेते हैं।
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पेड़ उनका अस्तित्व मिटा देते हैं।
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पेड़ धरती से बाहर आने का रास्ता बताते हैं।
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इनमें से कोई नहीं।
Solution
B.
पेड़ उनका अस्तित्व मिटा देते हैं।