Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
बेर की झाड़ी पर से मोती-सी एक बूँद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूँद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोचा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा। कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूँद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं मानो बोल रहे हों।
बूँद के कणों को देखकर लेखक को क्या महसूस हुआ?
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मानो कुछ बोल रहे हों
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मानो आगे की आेर सरकते जा रहे हों
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मानो वाष्पित होना चाहते हों
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मानो और भागों में बँटना चाहते हों
Solution
A.
मानो कुछ बोल रहे हों