अकबरी लोटा

Question
CBSEENHN8000986

निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

वे मन ही मन क्या सोच रहे थे?
  • पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।
  • वे पत्नी को क्या जवाब देंगे।
  • अपनी पत्नी के भाई से नजरें कैसे मिलाएँगे।
  • पत्नी पर रोब कैसे जतलाएँगे।

Solution

A.

पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।

Some More Questions From अकबरी लोटा Chapter

“उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”
समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

“लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”
“अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”
“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।

अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?

यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?

जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

“अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।”
उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

“इस कहानी में आपने दो चीज़ों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी - अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी।”
आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?

अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।

बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चूनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।