Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे?
वे मन ही मन क्या सोच रहे थे?
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पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।
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वे पत्नी को क्या जवाब देंगे।
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अपनी पत्नी के भाई से नजरें कैसे मिलाएँगे।
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पत्नी पर रोब कैसे जतलाएँगे।
Solution
A.
पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।