Question
नीचे लिखे काव्यांशों को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
वैसोई राज-समाज बने, गज, बाजि घने मन संभ्रम छायो।
कैधों परयो कहुँ मारग भूलि, कि फैरि कै मैं अब द्वारका आयो।।
भौन बिलोकिबे को मन लोचत, अब सोचत ही सब गांव मझायो।
पूँछत पाड़े फिरे सब सों, पर झोपरी को कहुँ खोज न पायी।
सुदामा अपने गाँव पहुँचकर अपने गाँव को पहचान क्यों नहीं पाया?
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वास्तव में यह गलत गाँव में आ गया था।
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उसकी झोपड़ी व पत्नी और बच्चे वहाँ नहीं थे।
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उसका गाँव द्वारिका नगरी की भांति चमक रहा था।
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उसके गाँव का नाम बदल गया था।
Solution
C.
उसका गाँव द्वारिका नगरी की भांति चमक रहा था।