Question
नीचे लिखे काव्यांशों को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कछु भाभी हमको दियो, सो तुम काहे न देत।
चाँपि पोटरी काँख में, रहे कहो केहि हेतु।।
आगे चना गुरुमातु दए ते, लए तुम चाबि हमें नहिं दीने।
स्याम कह्यो मुसकाय सुदामा सों, “चोरी की बान में ही जू प्रवीने।।
पोटरि काँख में चाँपि रहे तुम, खोलत नाहिं सुधा रस भीने।
पाछिलि बानि अजाै न तजो तुम, तैसई भाभी के तंदुल कीन्हे।।”
‘तुम चोरी की आदत में कुशल हो’-ऐसा कृष्ण ने क्यों कहा?
- क्योंकि सुदामा ने कृष्ण के हिस्से के भी चने खा डाले थे।
- क्योंकि सुदामा कृष्ण की वस्तुओं की चोरी करता था।
- एक बार सुदामा चोरी करके जेल में भी रहा।
- वे बचपन की बातों में खोना चाहते थे।
Solution
A.
क्योंकि सुदामा ने कृष्ण के हिस्से के भी चने खा डाले थे।