जब सिनेमा ने बोलना सीखा

Question
CBSEENHN8000829

निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
यह फिल्म 14 मार्च 1931 को मुंबई के ‘मैजेस्टिक’ सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फिल्म 8 सप्ताह तक ‘हाउसफुल’ चली और भीड़ इतनी उमड़ती थी कि पुलिस के लिए नियंत्रण करना मुश्किल हो जाया करता था। समीक्षकों ने इसे ‘भड़कीली फैंटेसी’ फिल्म करार दिया था मगर दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अनोखा अनुभव थी। यह फिल्म 10 हजार फुट लंबी थी और इसे चार महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया था।

इस फिल्म के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया क्या रही?
  • लोगों ने इसे बहुत पसंद किया। आठ सप्ताह तक हाउसफुल चला।
  • लोग इससे ऊब गए।
  • लोगों को बोलती फिल्म समझ नहीं आई।
  • इसमें से कोई नहीं।

Solution

A.

लोगों ने इसे बहुत पसंद किया। आठ सप्ताह तक हाउसफुल चला।

Some More Questions From जब सिनेमा ने बोलना सीखा Chapter

उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश होते हैं। वाक्य में इनका अकेला प्रयोग नहीं होता। इन दोनों में अंतर केवल इतना होता है कि उपसर्ग किसी भी शब्द में पहले लगता है और प्रत्यय बाद में। हिंदी के सामान्य उपसर्ग इस प्रकार हैं-अ/अन, नि, दु, क/कु, स/सु, अध, बिन, औ आदि।
पाठ में आए उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं-
मूल शब्द      उपसर्ग       प्रत्यय        शब्द
वाक्            स            -             सवाक्
लोचन          सु            आ            सुलोचना
फिल्म          -             कार          फिल्मकार
कामयाब        -             ई             कामयाबी
इस प्रकार के 15-15 उदाहरण खोजकर लिखिए और अपने सहपाठियों को दिखाइए।

सवाक् फिल्म से आप क्या समझते हैं?

‘आलम आरा’ फिल्म में किन वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया?

फिल्म निर्माता अर्देशिर की कंपनी ने लगभग कितनी फिल्मों का निर्माण किया?

स्टंटमैन’ व ‘फैंटेसी’ शब्दों से आप क्या समझते हैं?

दर्शकों हेतु यह फिल्म अनोखा अनुभव कैसे थी?

सवाक् फिल्मों हेतु क्या आधार चुने गए?

‘आलम आरा’ ने किस-किस देश में सफलता पाई?

भारतीय सिनेमा के जनक कौन माने जाते हैं?

फाल्के ने अर्देशिर की किस उपलब्धि को अपनाया?