क्या निराश हुआ जाए

Question
CBSEENHN8000696

निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
इन दिनों कुछ ऐसा माहौल बना है कि ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलानेवाले निरीह और भोले-भाले श्रमजीवी पिस रहे हैं और झूठ तथा फ़रेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं। ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है, सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। ऐसी स्थिति में जीवन के महान मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है।
‘श्रमजीवी’ शब्द से आप क्या समझते हैं?
  • श्रम पर जीवन व्यतीत करना
  • मेहनत करने वाला अर्थात् परिश्रमी
  • श्रम का महत्व
  • श्रम रूपी जीव

Solution

B.

मेहनत करने वाला अर्थात् परिश्रमी

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Some More Questions From क्या निराश हुआ जाए Chapter

लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?

यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिन्हों में से कौन-सा चिह लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए। - , । . ! ? . ; - , …. ।
 ● “आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

“हमारे महान मनीषियों के सपनों का भारत है और रहेगा।” आपके विचार से हमारे महान विद्वानों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे? लिखिए।

आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिए? लिखिए।

दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।

पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।

जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?

धर्म-भीरु लोग कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच क्यों नहीं करते?

भ्रष्टाचार के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करना किस बात को प्रमाणित करता है?

‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?