-
Call Us
+91 8076753736 -
Send us an Email
[email protected]
क्या निराश हुआ जाए
दैनिक जागरण
कॉलम-पाठकनामा
दूसरों की भलाई
आज के समय में अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए कुछ करना वह भी पूरे जोश व संघर्ष के साथ एक अलग व्यक्तित्व की पहचान कराता है। महात्मा गाँधी से प्रभावित डॉ. एन. लैंग दक्षिण अफ्रीका ही नहीं, पूरे विश्व की महिलाओं के लिए आदर्श हैं। रंगभेद से त्रस्त यूरोप में एक श्वेत महिला द्वारा अश्वेत के जीवन को सही राह दिखाना, अंधेरे में दीपक जलाने के समान है। अपने चमकते भविष्य को दरकिनार कर डॉ. एन. लैंग जिस तरह हर बच्चे के भविष्य के लिए संघर्ष कर रही हैं, वह लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। दु:खद यह है कि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ही डी एन लैंग के काम में बाधा डाल रही है। दक्षिण अफ्रीका की सरकार एवं विश्व के सभी लोगों को लैंग की सहायता करनी चाहिए और अपने देश में भी ऐसे अनाथ बच्चों के सहायतार्थ योजना बनानी चाहिए, जिन्हें वास्तव में मदद की जरूरत है और वे इस मदद के बगैर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
टिप्पणी-इस समाचार को पढ़कर हम यह कह सकते हैं कि हमें केवल अपने बारे में ही नहीं सोचना चाहिए बल्कि समाज मैं कमजोर वर्ग का भी सहारा बनना चाहिए। जैसे डॉ. एन. लैंग पीड़ित महिलाओं व अनाथ बच्चों हेतु सहायतार्थ कार्यो के लिए अग्रसर है। हमारा यह भी कर्तव्य बनता है कि जो लोग लोकहित कार्यो में रुचि लेते हैं उनकी सहायता भी की जाए ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें जिससे समाज लाभांवित हो।
दैनिक जागरण (आम समाचार)
स्वरोजगार भवन
समाज में लाचार व विकलांगों की सहायता हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘स्वरोजगार भवनों’ के निर्माण पर विचार किया है जिसमें जरूरतमंद लोग अपनी शारीरिक योग्यता के अनुसार कार्य करके धन कमा सकेंगे।
टिप्पणी-ऐसे कार्यो से ही समाज आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। वर्ग भेद व ऊँच-नीच की भावना समाप्त होगी क्योंकि जब किसी स्थान पर लोग मिलकर कार्य करते हैं तो एकता की भावना को बल मिलता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
Sponsor Area
दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
Sponsor Area