दीवानों की हस्ती

Question
CBSEENHN8000589

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
किस ओर चले? यह मत पूछो,
चलना है, बस इसलिए चले,
जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले,
दो बात कही. दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।
छककर सुख-दुख के पघूँटोंको
हम एक भाव सै पिए चले।

संसार के लोगों से मिलकर वे कुछ हँसते और कुछ रोते हैं ऐसा कवि ने क्यों कहा?

  • हँसना सुख का व रोना दुख का प्रतीक है।

  • जब वे अपने भाई-बांधवों से मिलकर सुख की बातें करते हैं तो हँसते हैं और जब दुख की बातें करते है तो रोते हैं।
  • कभी बहुत खुश होते हैं कभी रो पड़ते हैं।
  • उपर्युक्त सभी।

Solution

B.

जब वे अपने भाई-बांधवों से मिलकर सुख की बातें करते हैं तो हँसते हैं और जब दुख की बातें करते है तो रोते हैं।

Some More Questions From दीवानों की हस्ती Chapter

उन्होंने संसार को भिखमंगा क्यों कहा है?

वे हृदय पर असफलता की कैसी निशानी रखते हैं?

इस कविता से हमें क्या संदेश मिलता है?

दीवानों की हस्ती कविता किन्हें आधार बनाकर लिखी गई है?

‘दीवाने’ एक स्थान पर टिक कर क्यों नहीं रहते?

‘दीवानों’ का संसार के लोगों से कैसा संबंध है?

वीरों ने संसार के लोगों को भीखमंगा क्यों कहा है?

वीरों के हृदय पर असफलता की कैसी निशानी है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चलें,
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चल अभी,
सब कहते ही रह गए. अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?

दीवाने शब्द किनके लिए प्रयुक्त किया गया है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चलें,
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चल अभी,
सब कहते ही रह गए. अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?

वे टिककर एक स्थान पर क्यों नहीं बैठते?