Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क्षीण चांदनी में वृक्षों की छाया के नीचे वह बस बड़ी दयनीय लग रही थी। लगता जैसे कोई मग थककर बैठ गई हो। हमें ग्लानि हो रही थी कि बेचारी पर लदकर हम चले आ रहे हैं। अगर इसका प्राणांत हो गया तो इस बियाबान में हमें इसकी अंत्येष्टि करनी पड़ेगी।
लेखक के मन में बस के बारे में क्या विचार आया?
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यात्रियों को किसी दूसरी बस में बिठा देना चाहिए जिससे बस परेशान न हो।
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बस को ठीक करने के लिए किसी अच्छे कारीगर को बुलाना चाहिए।
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उसे लगा कि यदि इस वृद्धा का देहांत हो गया तो क्रिया-कर्म इसी जंगल में करना पड़ेगा अर्थात् यदि यहाँ बस ठस्स हो गई तो इसके पुर्जे भी हाथ न आएँगे।
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इनमें से कोई नहीं।
Solution
C.
उसे लगा कि यदि इस वृद्धा का देहांत हो गया तो क्रिया-कर्म इसी जंगल में करना पड़ेगा अर्थात् यदि यहाँ बस ठस्स हो गई तो इसके पुर्जे भी हाथ न आएँगे।