Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
बस-कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस से जा रहे थे। हमने उनसे पूछा-“यह बस चलती भी है?” वह बोले-“चलती क्यों नहीं है जी। अभी चलेगी।” हमने कहा- “वही तो हम देखना चाहते हैं। अपने आप चलती है यह? हाँ जी, और कैसे चलेगी?”
गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।
हम आगा-पीछा करने लगे। डॉक्टर मित्र ने कहा- “डरो मत, चलो! बस अनुभवी है। नयी-नवेली बसों से ज्यादा विश्वसनीय है। हमें बेटों की तरह प्यार से गोद में लेकर चलेगी।”
हम बैठ गए। जो छोड़ने आए थे, वे इस तरह देख रहे थे जैस अंतिम विदा दे रहे हैं। उनकी आँखें कह रही थीं- “आना-जाना तो लगा ही रहता है। आया है, सो जाएगा-राजा, रंक, फकीर। आदमी को कूच करने के लिए एक निमित्त चाहिए।”
‘आया है सो जाएगा राजा, रक, फकीर’ पंक्ति का क्या आशय है?
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राजा, रंक एवं फकीर एक ही श्रेणी के माने हैं।
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राजा, रंक एवं फकीर सभी को समान रूप से प्रेम करना चाहिए।
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राजा हो, भिखारी हो या साधु संत सभी को एक-न-एक दिन मृत्यु को प्राप्त होना है।
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इनमें से कोई नहीं।
Solution
C.
राजा हो, भिखारी हो या साधु संत सभी को एक-न-एक दिन मृत्यु को प्राप्त होना है।