Question
बदलू की किस बात से लेखक को उसकी स्वाभिमानी पर गर्व हो आया?
Solution
जब लेखक ने बदलू की बेटी रज्जो की कलाइयों में लाख की चूड़ियाँ देखीं तो वह सुंदर चूड़ियों को देखकर ठिठक गया। तभी बदलू ने उसे बताया कि यह मेरा बनाया अंतिम जोड़ा है। जमींदार ने अपनी बेटी की शादी के लिए बनवाया था लेकिन केवल दस आने पैसे में इसे खरीदना चाहता था लेकिन मैंने देने से ही इंकार कर दिया। यह सुनकर लेखक को बदलू की स्वाभिमानी पर गर्व हो आया कि बदलू ने लाख की चूड़ियाँ न बिकने के दिनों में भी अपने उसूल न तोड़े और कम पैसों में ‘सुहाग की चूड़ियों का जोड़ा’ न दिया।