Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
भारतवर्ष ने कभी भी भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया है, उसकी दृष्टि से मनुष्य के भीतर जो महान अंतिरिक गुण स्थिर भाव से बैठा हुआ है, वही चरम और परम है। लोभ-मोह, काम-क्रोध आदि विचार मनुष्य में स्वाभाविक रूप से विद्यमान रहते हैं, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन तथा बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना बहुत बुरा आचरण है। भारतवर्ष ने कभी भी उन्हें उचित नहीं माना, उन्हें सदा संयम के बंधन से बाँधकर रखने का प्रयत्न किया है। परंतु भूख की उपेक्षा नहीं की जा सकती, बीमार के लिए दवा की उपेक्षा नहीं की जा सकती, गुमराह को ठीक रास्ते पर ले जाने के उपायों की उपेक्षा नहीं की जा सकती।
मनुष्य को अपना आचरण शुद्ध क्यों रखना चाहिए?
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ताकि अधिक से अधिक मित्र बनाए जा सकें।
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ताकि विश्व में अपनी संस्कृति का ऊँचा स्थान बना रहे।
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ताकि जीवन सुचारु रूप से चल सके।
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ताकि लोगों का सही मार्ग दर्शन हो सके।
Solution
C.
ताकि जीवन सुचारु रूप से चल सके।