CBSE hindi

Sponsor Area

Question
CBSEENHN100018879

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिए :
महात्मा गांधी ने कोई 12 साल पहले कहा थामैं बुराई करने वालों को सजा देने का उपाय ढूँढ़ने लगूं तो मेरा काम होगा उनसे प्यार करना और धैर्य तथा नम्रता के साथ उन्हें समझाकर सही रास्ते पर ले आना। इसलिए असहयोग या सत्याग्रह घृणा का गीत नहीं है। असहयोग का मतलब बुराई करने वाले से नहीं, बल्कि बुराई से असहयोग करना है।

आपके असहयोग का उद्देश्य बुराई को बढ़ावा देना नहीं है। अगर दुनिया बुराई को बढ़ावा देना बंद कर दे तो बुराई अपने लिए आवश्यक पोषण के अभाव में अपने-आप मर जाए । अगर हम यह देखने की कोशिश करें कि आज समाज में जो बुराई है, उसके लिए खुद हम कितने जिम्मेदार हैं तो हम देखेंगे कि समाज से बुराई कितनी जल्दी दूर हो जाती हैं। लेकिन हम प्रेम की एक झूठी भावना में पड़कर इसे सहन करते हैं। मैं उस प्रेम की बात नहीं करता, जिसे पिता अपने गलत रास्ते पर चल रहे पुत्र पर मोहांध होकर बरसाता चला जाता है, उसकी पीठ थपथपाता है; और न मैं उस पुत्र की बात कर रहा हूँ जो झूठी पितृभक्ति के कारण अपने पिता के दोषों को सहन करता है। मैं उस प्रेम की चर्चा नहीं कर रहा हूँ। मैं तो उस प्रेम की बात कर रहा हूँ, जो विवेकयुक्त है और जो बुद्धियुक्त है और जो एक भी गलती की ओर से आँख बंद नहीं करता। यह सुधारने वाला प्रेम है। (क) गांधीजी बुराई करने वालों को किस प्रकार सुधारना चाहते| [2]
(ख) बुराई को कैसे समाप्त किया जा सकता है? [2]
(ग) ‘प्रेम’ के बारे में गांधीजी के विचार स्पष्ट कीजिए। [2]
(घ) असहयोग से क्या तात्पर्य है? [1]
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपर्युक्त शीर्षक दीजिए। [1]

Solution

(क) गांधीजी बुराई करने वाले को उनसे प्यार करके, धैर्य, नम्रता के साथ उन्हें समझाकर सही रास्ते पर लाना चाहते
(ख) बुराई को असहयोग से समाप्त किया जा सकता है। असहयोग का मतलब बुराई करने वाले से नहीं, बल्कि बुराई का साथ न देना है।
(ग) प्रेम के बारे में गांधीजी के विचार यह हैं कि जो विवेकयुक्त, बुद्धियुक्त और जो एक भी गलती की ओर से अपनी आँखें बंद नहीं करें पुत्र के प्रति पिता का अंधा मोह और पिता के प्रति पुत्र की झूठी पितृभक्ति प्रेम नहीं है।
(घ) “असहयोग” का अर्थ है साथ न देना। यहाँ पर गांधीजी का असहयोग से अर्थ है ‘बुराई में साथ न देना।
(ङ) उपयुक्त शीर्षक समाज से बुराइयों का अंत

Sponsor Area

Question
CBSEENHN100018880

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिए :
तुम्हारी निश्चल आँखें
तारों-सी चमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में प्रेम
पिता का दिखाई नहीं देता है।
जरूर दिखाई देती होंगी नसीहतें
नुकीले पत्थरों-सी
दुनिया भर के पिताओं की लंबी कतार में
पता नहीं कौन-सा कितना करोड़वाँ नंबर है मेरा
पर बच्चों के फूलोंवाले बगीचे की दुनिया में
तुम अव्वल हो पहली कतार में मेरे लिए
मुझे माफ करना मैं अपनी मूर्खता और प्रेम में समझता था
मेरी छाया के तले ही सुरक्षित रंग-बिरंगी दुनिया होगी तुम्हारी
अब जब तुम सचमुच की दुनिया में निकल गई हो।
मैं खुश हूँ सोचकर
कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई।
(क) बच्चे माता-पिता की उदासी में उजाला भर देते हैं-यह भाव किन पंक्तियों में आया हैं? [1]
(ख) प्रायः बच्चों को पिता की सीख कैसी लगती है? [1]
(ग) माता-पिता के लिए अपना बच्चा सर्वश्रेष्ठ क्यों होता है? [1]
(घ) कवि ने किस बात को अपनी मूर्खता माना है और क्यों? [2]
(ङ) भाव स्पष्ट कीजिए : ‘प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता। [2]

Solution

(क) तुम्हारी निश्चल आँखें तारों-सी चमकती हैं।
मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में।
(ख) प्रायः बच्चों को पिता की सीख नुकीले पत्थरों की तरह लगती है।
(ग) बच्चे से अत्यधिक प्रेम के कारण माता-पिता को अपना बच्चा सर्वश्रेष्ठ लगता है।
(घ) कवि ने इस बात को अपनी मूर्खता माना है कि एक बच्चा अपने माता-पिता की छाया के नीचे भली-भाँति फल-फूल सकता है और खुश रह सकता है।
(ङ) पिता बच्चे के प्रेम में यदि सही मार्ग दिखाने के लिए उसे नसीहत देता है, तो बच्चों को वे नसीहतें नुकीले पत्थरों की तरह चुभने लगती हैं। बच्चा उन नसीहतों के पीछे पिता के छिपे हुए प्रेम को नहीं देखता।

Question
CBSEENHN100018881

निर्देशानुसार उत्तर लिखिए। [1 × 3 = 3]

(क) बालगोबिन जानते हैं कि अब बुढ़ापा आ गया। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए।)
(ख) मॉरीशस की स्वच्छता देखकर मन प्रसन्न हो गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(ग) गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटे हुए थे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। (सरल वाक्य में बदलिए)

Solution

(क) आश्रित उपवाक्य : अब बुढ़ापा आ गया है। भेद : संज्ञा उपवाक्य
(ख) मिश्र वाक्य : जब मॉरीशस की स्वच्छता देखी तब मन प्रसन्न हो गया।

(ग) सरल वाक्य : गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटकर प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द ले रहे थे।

Question
CBSEENHN100018882

निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए : [1 × 4 = 4)
(क) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ने नोटिस थमा दिया। (कर्मवाच्य में)
(ख) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
(ग) खबर सुनकर वह चल भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्य में)
(घ) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा। (कर्तृवाच्य में)

Solution

(क) कर्मवाच्य : कॉलेज वालों के द्वारा मई महीने में शीला अग्रवाल को नोटिस थमा दिया गया।
(ख) कर्तृवाच्य : देश भक्तों की शहादत को आज भी याद करते हैं।
(ग) भाववाच्य : खबर सुनकर उससे चला भी नहीं जा रहा था।
(घ) कर्तृवाच्य : जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा।

Question
CBSEENHN100018883

रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए। [1 × 4 = 4]
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया

Solution

पद परिचय
गांव की – संज्ञा पद, सम्बन्ध कारक, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन
मिट्टी- संज्ञा पद, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, कर्मकारक
मैं- सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, वर्ताकारक
तरस गया— क्रिया पदबंध अकर्मकद्ध, भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन