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Question
CBSEHIHN10002901

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए?

(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?

(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?

(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?

 

Solution

.(क) ‘ गिरगिट’ पाठ में पुलिस और जनता के  बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|

 

(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|

गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|

 

(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था कि ‘मत जाने दो’ उसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई|

 

 

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Question
CBSEHIHN10002902

वजीर अली कौन था? उसके चरित्र की क्या विशेषताएं हैं? अपने शब्दों में सोदाहरण स्पट कीजिए।

Solution

‘कारतूस’ कहानी में वजीर अली को एक बहादुर, साहसी और निडर व्यक्तित्व व कारनामों वाले व्यक्ति के रुप में दर्शाया गया है| वजीर अली अवध के नवाब आसिफ़ उद्दौला का पुत्र था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे शासन से वचिंत कर उसके चाचा को उसका राज्य को सौंप दिया था। तब से वह अंग्रेजों का कट्टर विरोधी हो गया था। उसका यही उद्देश्य था कि अंग्रेजों को अपने देश से निकाल बाहर करना। वह इतना बहादुर व निडर व्यक्ति था कि अकेले ही अंग्रेजी सेना के खेमे में घुसकर अंग्रेजी अफ़सर से कारतूस प्राप्त कर लिया। उसकी बहादुरी के आगे वह अफ़सर भी नतमस्तक हो गया था। उसे किसी की गुलामी पसंद नहीं थी। वह कायर नहीं था। अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उनसे कंपनी के वकील तक की हत्या कर दी थी। उसका विशाल व्यक्तित्व ही था कि उसके विरोधी भी उसकी तारीफ करते थे।

 

Question
CBSEHIHN10002904

(क) 'बिहारी के दोहे' के आधार पर लिखिए की माला जपने और तिलक लगाने से क्या होता है। ईश्वर किससे प्रसन्न रहते हैं?
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?
(ग) 'आत्मत्राण' कविता में कोई सहायता न मिलने पर कवि की क्या प्रार्थना है? 

Solution

(क)बिहारी के अनुसार ईश्वर को तो केवल सच्ची भक्ति से ही पाया जा सकता है। हाथ पर माला लेकर जपने तथा माथे पर चन्दन का तिलक लागकर जप करने से वह किसी काम नहीं आता है। यह सब बाहरी आडम्बर हैं। इस तरह के आडम्बरों से ईश्वर को पाया नहीं किया जा सकता। ये साधन साधक के लिए बाधा के समान है।
(ख)  कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा इसलिए दी है जिससे सब मैत्री भाव से आपस में मिलकर रहें क्योंकि एक होने से सभी कार्य सफल होते हैं ऊँच-नीच, वर्ग भेद नहीं रहता। सभी एक पिता परमेश्वर की संतान हैं। अत: सब एक हैं।

(ग) कवि सहायक के न मिलने पर प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष न हिलेवह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले।

Question
CBSEHIHN10002905

'कर चले हम फ़िदा'- कविता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को उल्लेख करते हुए उसका प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

 

Solution

 अपने देश के सम्मान और रक्षा के लिए सैनिक हर चुनौतियों को स्वीकार करके अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। अपनी अंतिम साँस तक देश के मान की रक्षा कर उसे शत्रुओं से बचाते हैं। कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरुक करना चाहता है। यह कविता सन 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी है। कवि एक सैनिक के मन के भाव और उसके दर्द को व्यक्त करता है। इसके अंदर एक सैनिक देशवासियों से निवेदन करता है कि उसने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया है। उसके बाद उन्हें ही देश की रक्षा करना होगी।

 

Question
CBSEHIHN10002906

'सपनों के से दिन' पाठ में पीटी सर की किन चारित्रिक विशेषताओं का उललेख किया गया है? वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताओं और पाठ में वर्णित युक्तियाओं के संबंध में अपने विचार जीवन मूल्यों की दृष्टि से व्यक्त कीजिए।

Solution

पी.टी. सर कठोर स्वभाव के व्यक्ति थे। बच्चों को सजा देते हुए वह भूल जाते थे कि बच्चे कोमल होते हैं। उनकी आह का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। यह उनकी कठोरता का प्रमाण है। अनुशासन बनाए रखने के लिए बच्चों के साथ कठोरता की हद पार कर जाते थे। उनके अनुसार अनुशासन के माध्यम से ही बच्चों को सुधारा जा सकता था। उनके अंदर हृदय ही नहीं था। बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। जो व्यक्ति बच्चों को जानवरों से भी बुरा मारता हो, उसके अंदर मानवीय भावनाओं का होना असंभव लगता है। जीवनमूल्यों के आधार पर देखा जाए, तो यह उचित नहीं है। शायद यही सभी कारण थे कि आज की शिक्षा व्यवस्था में नई मान्यताओं को स्वीकृति मिली है। प्रधानाचार्य शर्मा जी द्वारा अपनाया गया व्यवहार बच्चों को नई विकासधारा देता है। शर्मा जी के माध्यम से बताया गया है कि कैसे बच्चों को पढ़ाया जाए, उनके साथ कैसा व्यवहार हो कि वे विद्यालय के वातावरण में स्वयं को सहज महसूस करें। यह युक्तियाँ अध्यापक और बच्चों के मध्य अच्छा संबंध बनाती है और बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।