CBSE hindi
Sponsor Area
Q8.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?
(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?
(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
(क) ‘ गिरगिट’ पाठ में पुलिस और जनता के बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|
(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|
गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|
(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था कि ‘मत जाने दो’ उसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई|
Sponsor Area
Q9वजीर अली कौन था? उसके चरित्र की क्या विशेषताएं हैं? अपने शब्दों में सोदाहरण स्पट कीजिए।
‘कारतूस’ कहानी में वजीर अली को एक बहादुर, साहसी और निडर व्यक्तित्व व कारनामों वाले व्यक्ति के रुप में दर्शाया गया है| वजीर अली अवध के नवाब आसिफ़ उद्दौला का पुत्र था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे शासन से वचिंत कर उसके चाचा को उसका राज्य को सौंप दिया था। तब से वह अंग्रेजों का कट्टर विरोधी हो गया था। उसका यही उद्देश्य था कि अंग्रेजों को अपने देश से निकाल बाहर करना। वह इतना बहादुर व निडर व्यक्ति था कि अकेले ही अंग्रेजी सेना के खेमे में घुसकर अंग्रेजी अफ़सर से कारतूस प्राप्त कर लिया। उसकी बहादुरी के आगे वह अफ़सर भी नतमस्तक हो गया था। उसे किसी की गुलामी पसंद नहीं थी। वह कायर नहीं था। अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उनसे कंपनी के वकील तक की हत्या कर दी थी। उसका विशाल व्यक्तित्व ही था कि उसके विरोधी भी उसकी तारीफ करते थे।
Q11(क) बिहारी के दोहों की रचना मुख्यतः किन भावों पर आधारित है ? उनके मुख्य ग्रंथ और भाषा के नाम का उल्लेख कीजिये । (2)
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा गया है और क्यों ? (2)
(ग) 'कर चले हम फिदा ' कविता में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है ? (1)
(क) बिहारी के दोहों की रचना मुख्यत: प्रेम, मौसम, भक्ति, आडंबर, इत्यादि पर आधारित है| उनका मुख्य ग्रंथ बिहारी सतसई है और उनकी भाषा मानक ब्रज है|
(ख) सुमृत्यु वह है, जो दूसरों के लिए न्योछावर हो जाए| सभी मनुष्य स्वयं के लिए जीते हैं और एक दिन मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं| पर यदि कोई मनुष्य दूसरों को बचाने के लिए या फिर परोपकार के लिए अपना जीवन न्योछावर कर देता है, तो उसका जीवन तथा मृत्यु दोनों सफल हो जाते हैं| ऐसी मृत्यु को ही सुमृत्यु कहा गया है|
(ग) मनुष्य को सबसे प्रिय अपनी प्रिया या दुल्हन होती है। वह उसके घर का मान-सम्मान और उसका प्रेम होती है। अतः उस पर कोई बुरी नज़र उठाए, तो वह उस व्यक्ति की जान भी ले सकता है। अपनी प्रिया या पत्नी की रक्षा करना उसका धर्म होता है। अतः वह उसकी सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है। यही कारण है कि धरती को दुल्हन कहा गया है। इस कारण सैनिक उसकी रक्षा के लिए प्रबल शक्ति से भर जाता है।
Q12'आत्त्मत्राण' शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
यह कविता हमें ईश्वर के सहारे ना रहकर स्वयं संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती है| कवि के अनुसार हमें दृढ़तापूर्वक अपने जीवन मार्ग पर हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए| कैसी भी इस स्थिति क्यों ना आ जाए हमें कभी भी अपने जीवन में कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए| यदि ईश्वर से कुछ मांगना ही है तो अच्छा स्वास्थ्य, निडरता, बल, विश्वास तथा भगवान का साथ मांगना चाहिए| मनुष्य चाहे तो वह परिस्थिति से निपट सकता है| यही कविता का शीर्षक सार्थक करता है| हमें स्वयं को मजबूत बनाना है| ईश्वर या अन्य किसी के सहारे आगे नहीं बढ़ना है| हमें हर स्थिति का सामना डट कर करना है| इसके साथ-साथ हमें स्वयं की क्षमताओं पर और ईश्वर पर अटल विश्वास रखना चाहिए|
Q13'सपनों के से दिन' पाठ में पीटी सर की किन चारित्रिक विशेषताओं का उललेख किया गया है? वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताओं और पाठ में वर्णित युक्तियाओं के संबंध में अपने विचार जीवन मूल्यों की दृष्टि से व्यक्त कीजिए।
पी.टी. सर कठोर स्वभाव के व्यक्ति थे। बच्चों को सजा देते हुए वह भूल जाते थे कि बच्चे कोमल होते हैं। उनकी आह का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। यह उनकी कठोरता का प्रमाण है। अनुशासन बनाए रखने के लिए बच्चों के साथ कठोरता की हद पार कर जाते थे। उनके अनुसार अनुशासन के माध्यम से ही बच्चों को सुधारा जा सकता था। उनके अंदर हृदय ही नहीं था। बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। जो व्यक्ति बच्चों को जानवरों से भी बुरा मारता हो, उसके अंदर मानवीय भावनाओं का होना असंभव लगता है। जीवनमूल्यों के आधार पर देखा जाए, तो यह उचित नहीं है। शायद यही सभी कारण थे कि आज की शिक्षा व्यवस्था में नई मान्यताओं को स्वीकृति मिली है। प्रधानाचार्य शर्मा जी द्वारा अपनाया गया व्यवहार बच्चों को नई विकासधारा देता है। शर्मा जी के माध्यम से बताया गया है कि कैसे बच्चों को पढ़ाया जाए, उनके साथ कैसा व्यवहार हो कि वे विद्यालय के वातावरण में स्वयं को सहज महसूस करें। यह युक्तियाँ अध्यापक और बच्चों के मध्य अच्छा संबंध बनाती है और बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
Sponsor Area
Mock Test Series
Mock Test Series



