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नयी दिल्ली और शाहजहाँनाबाद की रूपरेखा तय करने वाले दो वास्तुकार.......और .......थे।
इडवार्ड लुटियन
,जेम्स बेकर
.................. के नाम से 1888 में एक विस्तार योजना तैयार की गईं।
लाहौर गेट सुधार योजना।
नयी दिल्ली और शाहजहाँनाबाद की नगर योजना में तीन फर्क ढूँढे।
शाहजहाँनाबाद दीवारों से घिरा शहर था वहाँ भीड़-भाड़ वाले मोहल्ले तथा कई संकरी गालियाँ थी। ये नयी दिल्ली में नही थे। यहाँ सीधी तथा चौड़ी गालियाँ थीं जिनके दोनों तरफ बंगले बने हुए थे । ये शानदार एवं भव्य बंगले एक बड़े मैदान के बीचों-बीच बने होते थे।
नई दिल्ली में जलापूर्ति तथा गंदगी आदि का निपटारे की अच्छी व्यवस्था थीं। यहाँ पेड़ तथा पार्क थे जो शुद्ध हवा तथा ऑक्सीजन की आपूर्ति करते थे।
मद्रास जैसे शहरों के 'गोरे' इलाकों में कोन लोग रहते थे?
मद्रास के 'गोरे' इलाकों में अंग्रेज़ अधिकारी वर्ग तथा धनि देसी (भारतीय) लोग रहते थे।
विशहरीकरण का क्या मतलब है?
अठारहवीं शताब्दी के अंत में, कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी शहर के रूप में महत्व में बढ़ोतरी हुईं। वे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रिटिश सत्ता के केंद्र बन गए। इसी समय, छोटे शहरों के एक मेजबान गिरावट आई है। कई कस्बों का निर्माण किया जाने वाला कस्बों ने उन चीज़ों की मांग में गिरावट की वजह से गिरावट दर्ज की, जो उन्होंने उत्पादित की थी। पुराने व्यापार केंद्र और बंदरगाह जीवित नहीं रह सकता जब व्यापार के प्रवाह नए केंद्रों में चले गए।
इसी तरह, पूर्वी क्षेत्रीय शक्ति के पूर्वी केंद्र गिर गए जब स्थानीय शासकों को ब्रिटिश और नए केंद्र प्रशासन द्वारा पराजित किया गया। इस प्रक्रिया को अक्सर विशहरीकरण के रूप में वर्णित किया गया है।
अंग्रेज़ों ने दिल्ली में ही विशाल दरबार क्यों लगाया जबकि दिल्ली राजधानी नहीं थीं।
(i) 1857 के विद्रोह के दौरान, अंग्रेज़ों ने महसूस किया कि लोगों के लिए मुगल सम्राट आज भी बहुत मेहत्वपूर्ण है तथा वे उसे अपने नेता के रूप में देखते हैं।
(ii)अत: मुगल सम्राट को नीचा दिखाने के लिए उन्होंने बहुत ठाठ- बाट के साथ एक ऐसी जगह पर अपने दरबार के आयोजन किया जहाँ कभी मुगल सम्राट की तूती बोलती थीं। इस तरह का दरबार के आयोजन के उद्देश्य ऐसी जगह पर ब्रिटिश सत्ता के प्रदर्शन करना था जहाँ 1857 में विद्रोहियों ने कब्ज़ा कर लिया था।
पुराना दिल्ली शहर ब्रिटिश शासन के तहत किस तरह बदलता गया?
(i) जनसंख्या अव्यवस्थित रूप में बढ़ती रही फलत: मोहल्ले भीड़-भाड़ वाले हो गए।
(ii) जलापूर्ति एवं नालों की सुविकसित व्यवस्था के रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिया गया।
(iii) कुआँ तथा बावली की व्यवस्था भी टूट चुकी थीं। घर की गंदगी के निपटारे के लिए बनाई गईं व्यवस्था को भी क्षती पहुँची।
(iv) शाहजहाँनी नालों को बंद कर दिया गया तथा सतह पर खुले नालों वालो के लिए एक नई व्यवस्था लागू हुई।
(v) सड़क के किनारे पड़े कूड़े से बदबू आती थीं तथा खुले नाले से पानी बहार सड़कों पर बेहता रहता था।
विभाजन से दिल्ली के जीवन पर क्या असर पड़ा?
(i) पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के कारण दिल्ली की आबादी बहुत तेज़ी से बढ़ी। दिल्ली में आने वाले शरणार्थियों का पेशा अलग था। इनमें से कई वकील, ग्रामीण ज़मींदार, शिक्षक, व्यापारी तथा छोटे दुकानदार थे। उनके जीवन में बहुत परिवर्तन आया।
(ii) पंजाब से आने वाले शरणार्थियों ने यहाँ के सामाजिक ताने-बाने को बदलकर रख दिया।
(iii) लोगों की नौकरी में बदलाव आया तथा शहर की संस्कृति भी बदली।
(iv) उन्हें बढ़ईगीरी तथा खोमचे लगाने जैसे काम कर अपनी जीविका चलनी पड़ी।
(v) यहाँ के खाने का स्वाद बदल गया। इसी तरह के बदलाव वेशभूषा तथा कला आदि के क्षेत्र में भी आए।
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