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दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
दहन के लिए आवश्यक ईंधन हैं- ऑक्सीजन, ऊष्मा (ईंधन का ताप उसके ज्वलन ताप से अधिक करने हेतु)
समझाइए की मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है?
सीएनजी एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है। प्राकृतिक गैस मुख्य रूप से मीथेन की बनी होती है और इससे निकलने वाले धुँए में जल वाष्प होती है और इसमे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन की मात्रा बिल्कुल कम होती है। इससे निकलने वाले धुँए में कार्बन और अन्य कणों के अभाव के कारण हानिकारक तत्वों की मात्रा नगण्य होती है। यह पेट्रोल या डीजल की अपेक्षा एक अधिक स्वच्छ ईंधन है। इससे हमारे शहरों का प्रदूषण कम हुआ है।
ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।
एलपीजी | लकड़ी |
(i) इसका उष्मीय मान अधिक होता है: 55000 kJ / kg | (i) इसका उष्मीय मान कम होता है: 17000 से 22000 kJ / kg |
(ii) यह धुआँ रहित ईंधन है। | (ii) इसके जलने से अधिक धुआँ उत्तपन्न होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। |
(iii) इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचता। | (iii) लड़की को पेड़ों को काटकर प्राप्त किया जाता है जिसका पर्यावरण पर गहरा असर पड़ता है। |
कारण बताइए-
विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
यदि विद्युत उपकरणों में आग लगी हो तो पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि पानी विद्युत का सुचालक होता है तो आग बुझाने वाले को इससे करंट लग सकता है।
कारण बताइए-
एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
लड़की के जलने से अधिक मात्रा में धुआँ उत्पन्न होता है और अवशेष बनता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जबकि एलपीजी के जलने से धुआँ उत्पन्न नहीं होता और न ही किसी तरह का धुआँ उतपन्न होता। इसलिए एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
कारण बताइए-
कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चरों और लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
कागज़ एक दाह्य पदार्थ है जो आसानी से जलता है जबकि ऐलुमिनियम अदाह्य पदार्थ है। इसलिए कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चरों और लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
ईंधन के उष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
ईंधन के उष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम ( kJ / kg ) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है।
आग बुझाने वाले यंत्रों में तरल की तरह झाग निकलता है जिसमें कार्बन डाइआक्साइड गैस के बुलबुले रहते हैं। ये गैस ईंधन और ऑक्सीजन के बीच के सम्पर्क को तोड़ देती है। जिससे आक्सीजन की कमी के कारण आग बुझ जाती है।
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है क्योंकि उसमे पानी होता है जबकि सूखी पत्तियां पानी रहित होती है इसलिए उन्हें जलाना आसान होता है।
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के अदीप्त क्षेत्र का प्रयोग करता है। क्योंकि यह भाग बहुत अधिक गर्म होता हैं।
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन ऊष्मा का मैप 180,000 kJ था। ईंधन का उष्मीय मान परिकलित कीजिए।
उष्मीय मान = ऊष्मा का माप / प्रयोग होने वाले ईंधन का भार
उष्मीय मान = 180,000 / 4.5 = 40,000 kJ / kg
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है? विवेचना कीजिए।
दहन वह रासायनिक अभिक्रिया है जिसमे पदार्थ ऑक्सीजन से अभिक्रिया करता है और ऊष्मा या प्रकाश के रूप में ऊर्जा देता है। जंग लग्न एक बहुत धीमी प्रक्रिया है जो हवा और नमी की उपस्थिति में होती है। यह प्रक्रिया किसी तरह की ऊष्मा या प्रकाश नहीं देती। यह धीमी प्रक्रिया है। इसलिए जंग लगने के प्रक्रम को दहन नहीं कहा जा सकता।
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आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पिले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा?
ज्वाला का बहरी (नीला भाग) सबसे गर्म होता है जबकि आंशकि दहन (पीला भाग) वाला होता है और कम गर्म होता है। इसलिए रमेश के बीकर का पानी आदिबा के बीकर के पानी से जल्दी या कम समय में गर्म हो जाएगा।
हमने पढ़ा है कि सूर्य अपनी ऊष्मा और प्रकाश स्वयं उत्पन्न करता है। क्या यह भी एक प्रकार का दहन है?
हाँ। यह भी एक प्रकार का दहन है।
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