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TextBook Solutions for Uttarakhand Board Class 10 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 2 Chapter 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

Question 1
CBSEHHISSH10018646

विशेषताएँ [सिर्फ बिंदुवार लिखें जितने बिंदु बताना चाहें उतने बता सकते है इससे कम से कम बिंदुओं में निबटाने का प्रयास करें]

Solution
1. लोकतंत्र में एक-दूसरे के अंतरों का सम्मान करते हुए उन्हें काम करने का प्रयास करना चाहिए।
2. जनता के पास यह अधिकार होना चाहिए की यदि यदि उनके द्वारा चुना गया प्रतिनिधि अपना काम सही तरीके से न करें तो उसे वापस बुला लिया जाए।
3. लोगों के बीच मौजूद सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
4. अल्पसंख्यकों और वंचितों को उचित अधिकार उपलब्ध करने चाहिए।
5. निर्वाचित नेताओं को नैतिक सिद्धांतों का उलंघन नहीं करना चाहिए।
6. सभी के लिए समान अधिकार उपलब्ध हो धर्म, जाति, रंग व लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न किया जाए।
7. सरकार को जनता के सवालों का सही उत्तर देना चाहिए।
Question 3
CBSEHHISSH10018648

यहाँ दी गई चुनौतियों के लिए राजीतिक सुधारों की आवश्यकता है। इन चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करें।यहाँ सुधार के जो विकल्प दिए गए है उनकों देखें और कारण बताते हुए अपनी अपनी पसंद के समाधान को बताएँ। यह बात याद रखें कि यहाँ बताए गए विकल्प सीधे-सीधे 'सही' या 'गलत' करार दिए जा सकते है।आप कई विकल्पों को मिलाकर जवाब दे सकते है या ऐसा समाधान भी बता सकते है जिसकी यहाँ कोई चर्चा ही नहीं हुई है।आप समाधान पूरे विस्तार से दे और अपनी पसंद के लिए तर्क भी बताएँ।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति राजनीतिक दलों का चंदा

चुनौती:
उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वेक्षण कराया और पाया कि ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधिकतर डॉक्टर अनुपस्थित थे। वे शहरों में रहते हैं, नीजी प्रैक्टिस करते हैं और महीने में सिर्फ एक या दो बार अपनी नियुक्ति वाली जगह पर घूम आते हैं। गाँव वालों को साधारण रोगों के इलाज के लिए भी शहर जाना पड़ता है और प्राइवेट डॉक्टरों को मोटी फ़ीस देनी पड़ती है।
सुधार के प्रस्ताव:

  • सरकार को डॉक्टर के लिए नियुक्ति वाली जगह पर रहना अनिवार्य कर देना चाहिए अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए।
  • डॉक्टरों की अनुपस्थिति की जांच के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को अचानक छापा करना चाहिए।
  • ग्राम पंचायतों को डॉक्टरों के कामकाज की वार्षिक रिपोर्ट लिखने का अधिकार होना चाहिए और इस रिपोर्ट को पंचायत में रखा जाना चाहिए।
  • इस जैसी समस्याओं का समाधान उत्तर प्रदेश को कई टुकड़ों में बाँटना है जिसे प्रशासन कुशलता से चल सके।

चुनौती:
लोकसभा का पिछला चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उमीदवार की संपत्ति औसतन एक करोड़ से ज़्यादा की थी। यह डर व्यक्त किया जा रहा है कि आप चुनाव लड़ना सिर्फ़ अमीरों या उनका समर्थन रखने वालों के लिए ही संभव है। अधिकतर राजनीतिक दल बड़े व्यावसायिक घरानों के चंदों पर निर्भर करता है। आशंका इस बात की है कि राजनीति में पैसों की यह बढ़ती हुई भूमिका गरीबों के खिलाफ़ जाएगी और उनके लोकतंत्र में जो थोड़ी-बहुत आवाज उठा पाते हैं उससे भी वंचित हो जाएँगे।
सुधार के प्रस्ताव:

  • प्रत्येक राजनीतिक दल की वित्तीय लेखा जोखा को सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए। इसका लेखा सरकारी ऑडिटरों से कराया जाना चाहिए।
  • चुनाव का खर्च सरकार को उठाना चाहिए पार्टियों को चुनावी खर्च के लिए सरकार कुछ रकम दे। नागरिकों को भी दल के कार्यकर्ताओं को चंदा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आयकर में छूट मिलनी चाहिए।

Easy

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