कृतिका भाग २ Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
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    NCERT Solution For Class 10 Hindi कृतिका भाग २

    मैं क्यों लिखता हूँ? Here is the CBSE Hindi Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 Hindi मैं क्यों लिखता हूँ? Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 Hindi मैं क्यों लिखता हूँ? Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN100018889

    “आज आपकी रिपोर्ट छाप हूँ तो कल ही अखबार बंद हो जाए” -स्वतंत्रता संग्राम के दौर में समाचार-पत्रों के इस रवैये पर ‘एही तैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा’ के आधार पर जीवन-मूल्यों की दृष्टि से लगभग १५० शब्दों में चर्चा कीजिए।” [4]
    अथवा
    ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि विज्ञान के दुरुपयोग से किन मानवीय मूल्यों की क्षति होती हैं ? इसके लिए हम क्या कर सकते हैं ?

    Solution

    जहाँ एक ओर विज्ञान ने  जीवन को आसान बनाया है वहीं दूसरी ओर विज्ञान ने समस्त प्राणी जगत को संकट में डाल दिया है |

    "Our scientific power has outrun our spiritual power. We have guided missiles and misguided men."

    -Martin Luther King, Jr.

    एक महान व्यक्ति ने एक बार कहा था, हमारी वैज्ञानिक शक्ति ने हमारी आध्यात्मिक शक्ति का नाश कर दिया है | हमारे पास बेहतर तकनीक वाली मिसाइल्स, बॉम इत्यादि हैं लेकिन इन हथियारों को नियंत्रित करने वालों में नैतिकता नहीं हैं |

    इसका उपाय है विज्ञान के साथ-साथ हमें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाये | भारत जगत गुरु है | इस देश की संस्कृति है "वसुधैव कुटुम्बकम" | प्राचीन समय में भारत में गुरुकुलों में नैतिक शिक्षा और चरित्र निर्माण पर ही बल दिया जाता था |

    "When wealth is lost, nothing is lost; when health is lost, something is lost; when character is lost, all is lost."

    -Billy Graham

    आज विश्व में भारत की संस्कृति को सभी श्रेष्ठ मानते हैं | जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं हम प्रकृति से प्राप्त करते हैं, विज्ञान की प्रगति सदा ही प्रकृति का विनाश करती है |

    अतः हमें विज्ञान का उपयोग उन गतिविधियों तक ही सीमित रखना चाहिए जो जीवन के लिए आवश्यक हों और जिनसे पृथ्वी पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव न्यूनतम हों |

    अथवा

    मैं क्यों लिखता हूँ' लेखक के अनुसार 

    आज विज्ञान का दुरुपयोग कई तरह से हो रहा है। दुनिया देश विकास के लिए जीवाश्म इंधनों का बढ़ चढ़कर उपयोग कर रहे हैं जिससे हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे विनाश की ओर बढ़ रहा है। कई देश एक से बढ़कर एक जैविक हथियार तैयार कर रहे हैं। 

    1. हीरोशिमा में हुए विस्फोट के हमलों के कारण  लेखक कल्पना करते हैं और पीढ़ित लोगों के पीढ़ा को भी वह व्यक्त करते हैं।

    2. विज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए हवाई जहाज , गाडियों आदि का निर्माण किया, इसकी वजह से जिससे हमारा पर्यावरण हो रहा है |

    3. चिकत्सा के क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड का दुरूपयोग किया जा रहा है , लोग गर्भ में पल रहे लिंग की जाँच करके गर्भ में हत्या कर दे रहे है |

    4. विज्ञान ने कंप्यूटर का अविष्कार किया फिर इंटरनेट का , और मानव काम का बोझ कम कर लिए लेकिन कुछ लोगों ने इसका दुरूपयोग करना शुरू कर दिया |

    विज्ञान का दुरुपयोग रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपने आप से शुरुआत करनी होगी । मैं ये कोशिश करूँगा कि मेरे कारण पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुँचे। उसके बाद मैं अपने समाज में विज्ञान के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाउंगा। 

    पर्यावरण साफ़ होगा तभी हम जीवन सफल होगा |

     

    Question 2
    CBSEENHN10002748

    लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?

    Solution

    लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है। तो हम घटित होते हुए देखते हैं परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात् कर लेते हैं, यह वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं होता है। वह आँखों के आगे नहीं आया होता अनुभव की तुलना में अनुभूति उसके हृदय के सारे भावों को बाहर निकालने में उसकी मदद करती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन का कार्य करना संभव नहीं है। क्योंकि यही हृदय में संवेदना जागृत करती है और लेखन के लिए मजबूर करती है। लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए लेखक, लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्व देता है।

    Question 3
    CBSEENHN10002749

    लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

    Solution

    लेखक हिरोशिमा के बम-विस्फोट के परिणामों को अख़बारों में पढ़ चुका था। लेखक ने अपनी जापान यात्रा के दौरान हिरोशिमा का दौरा किया था। वह उस अस्पताल में भी गया जहाँ आज भी उस भयानक विस्फोट से पीड़ित लोगों का इलाज हो रहा था। इस अनुभव द्वारा लेखक को, उसका भोक्ता बनना स्वीकारा नहीं था। कुछ दिन पश्चात् जब उसने उसी स्थान पर एक बड़े से जले पत्थर पर एक व्यक्ति की उजली छाया देखी, विस्फोट के समीप कोई व्यक्ति उस स्थान पर खड़ा रहा होगा। विस्फोट से विसर्जित रेडियोधर्मी पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बना दिया और पत्थर को झुलसा दिया। इस प्रकार जैसे समूची ट्रेजडी जैसे पत्थर लिखी गई है। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को झकझोर दिया। इस प्रकार लेखक हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया।

    Question 4
    CBSEENHN10002750

    मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-
    लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?

    Solution

    लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है।

    Question 5
    CBSEENHN10002751

    मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-
    किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?

    Solution

    किसी रचनाकार को उसकी आंतरिक विवशता रचना करने के लिए प्रेरित करती है। परन्तु कई बार उसे संपादकों के दवाब व आग्रह के कारण रचना लिखने के लिए उत्साहित होना पड़ता है। कई बार प्रकाशक का तकाज़ा व उसकी आर्थिक विवशता भी उसे रचना, रचने के लिए उत्साहित करती है।

    Question 6
    CBSEENHN10002752

    कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन-से हो सकते हैं?

    Solution

    कोई आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव, उसे हमेशा लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। फिर चाहे कुछ भी हो परन्तु इनके साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। यह लेखक को लिखने के लिए प्रेरित करते है। यह इस प्रकार है:
    1) आर्थिक लाभ की आकांक्षा
    2) सामाजिक परिस्थितियाँ
    3) संपादकों का आग्रह
    4) विशिष्ट के पक्ष में प्रस्तुत करने का दबाव

    Question 7
    CBSEENHN10002753

    क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?

    Solution

    बिल्कुल! ये दवाब किसी भी क्षेत्र के कलाकार हो, सबको समान रुप से प्रभावित करते हैं। कलाकार अपनी अनुभूति या अपनी खुशी के लिए अवश्य अपनी कला का प्रदर्शन करता हो, परन्तु उसके क्षेत्र की विवशता एक रचनाकार से अलग नहीं है। जैसे -
    1) अभिनेता, मंच कलाकार या नृत्यकार - इन पर निर्देशक का दबाव रहता है।
    2) गायक-गायिकाएँ - इन पर आयोजको और श्रोताओं का दबाव बना रहता है।
    3) मूर्तिकार - इन पर बनवाने वाले ग्राहकों की इच्छाओं का दबाव रहता है।
    4) चित्रकार - इन पर बनवाने वाले ग्राहकों की इच्छाओं का दबाव रहता है।

    Question 8
    CBSEENHN10002754

    हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत : व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं?

    Solution

    लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था। हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था परन्तु जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया को देखकर उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित लोगों के दर्द की अनुभूति कराई, लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।

    Question 9
    CBSEENHN10002755

    हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?

    Solution

    हिरोशिमा तो विज्ञान के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है ही पर हम मनुष्यों द्वारा विज्ञान का और भी दुरुपयोग किया जा रहा है। जैसे -
    1) विज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए हवाई जहाज़, गाड़ियों आदि का निर्माण किया परन्तु हमने इनसे अपने ही वातावरण को प्रदूषित कर दिया है।
    2) इस विज्ञान की देन के द्वारा आज हम अंगप्रत्यारोपण कर सकते हैं। परन्तु आज इस देन का दुरुपयोग कर हम मानव अंगों का व्यापार करने लगे हैं।
    3) विज्ञान के दुरुपयोग से भ्रूण हत्याएँ बढ़ रही है ।
    4) विविध कीटनाशकों का प्रयोग आत्महत्या के लिए होता है।
    5) विज्ञान ने कंप्यूटर का आविष्कार किया उसके पश्चात् उसने इंटरनेट का आविष्कार किया ये उसने मानव के कार्यों के बोझ को कम करने के लिए किया। हम मनुष्यों ने इन दोनों का दुरुपयोग कर वायरस व साइबर क्राइम को जन्म दिया है।
    6) आज हर देश परमाणु अस्त्रों को बनाने में लगा हुआ है जो आने वाले भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

    Question 10
    CBSEENHN10002756

    एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?

    Solution

    हमारी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये कहना कि विज्ञान का दुरुपयोग हो रहा है - सही है ! परन्तु हर व्यक्ति इसका दुरुपयोग कर रहा है। यह कहना सर्वथा गलत होगा। क्योंकि कुछ लोग इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्य करते रहते हैं।
    (1) विज्ञान के बनाए हथियारों का यथासंभव मानवता की भलाई के लिए ही करें , मनुष्य के विनाश के लिए नहीं।
    (2) प्रदूषण के प्रति जनता में जागरुकता लाने के लिए अनेकों कार्यक्रमों व सभा का आयोजन किया जा रहा है। जिससे प्रदूषण के प्रति रोकथाम की जा सके। इन समारोहों में जाकर व लोगों को बताकर हम अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं।
    (3) टी.वी पर प्रसारित अश्लील कार्यक्रमों का खुलकर विरोध करुँगा और समाजोपयोगी कार्यक्रमों के प्रसारण का अनुरोध करुँगा।

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