Aroh Bhag Ii Chapter 2 आलोक धन्वा
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    NCERT Solution For Class 12 Hindi Aroh Bhag Ii

    आलोक धन्वा Here is the CBSE Hindi Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 Hindi आलोक धन्वा Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 Hindi आलोक धन्वा Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN12026061

    प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

    सबसे तेज बौछारें गईं भादों गया

    सवेरा हुआ

    खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

    शरद आया पुलों को पार करते हुए

    अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

    घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

    चमकीले इशारों से बुलाते हुए

    पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

    चमकीले इशारो से बुलाते हुए और

    आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

    कि पतंग ऊपर उठ सके

    दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज उड़ सके

    दुनिया का सबसे पतला कागज उड़ सके-

    बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-

    कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और

    तितलियों की इतनी नाजुक दुनिया

    Solution

    प्रस्तुत पक्तियाँ आधुनिक युग के कवि आलोक धन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतग’ से अवतरित हैं। इस कविता में कवि ने पतंग के बहाने बात सुलभ इच्छाओं और उमग, का सजीव चित्रण किया है। पतग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना होता है।

    व्याख्या: कवि के अनुसार समय परिवर्तनशील है। इसके अनुसार ही ऋतुओं का बारी-बारी से आगमन होता है। इसी क्रम में भादों का महीना बरसात का होता है। इस मास में तेज बौछारें पड़ती हैं। तेज बौछारों और भादो की विदाई साथ-साथ होती है। भादों की रातें अँधेरी होती हैं। भादों के जाते ही शरद की उजियाली फैल जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि रात बीत गई और सवेरा हो गया। इस सवेरे की तुलना खरगोश की लाल आँखों से की गई है। सवेरे में सूर्य की लालिमा भी मिली होती है। खरगोश की आँखों के समान लालिमा और चमक से युक्त एक नए सवेरे का आगमन हो चुका है। कवि शरद का मानवीकरण करते हुए कहता है कि शरद अपनी नई चमकदार साइकिल को तेज गति से चलाते हुए और जोर-जोर से उसकी घंटी को बजाकर पतग उड़ान वाले बच्चो के समुह को सुंदर संकेतों के माध्यम से बुला रहा है।

    इस समय बच्चे पतंग उड़ा रहे हैं अत: शरद आकाश को इतना मुलायम बना देता है कि बच्चों की पतंग आसानी से ऊपर की ओर: उठ सके अर्थात् वह उनके लिए अनुकूल वातावरण की सृष्टि कर देता है। पतंग दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन वस्तु है। वह उसे उड़ाने में सहायक बनता है। पतंग अत्यंत पतले कागज से बनी होती है और इसमें बाँस की पतली कमानी भी लगी होती है। ये सब चीजें मिलकर पतंग का निर्माण करती हैं। शरद का सवेरा इन सबको उड़ने के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण करता है। पतंग के उड़ने के साथ ही बच्चों की सीटियों एवं किलकारियों का दौर शुरू हो जाता है। तितलियों की दुनिया भी बड़ी नाजुक होती हे। वे भी मधुर गुजार करने लगती है। बच्चों का संसार भी इन तितलियों के समान होता है

    Question 2
    CBSEENHN12026062

    भादों मास में क्या होता है तथा उसके जाते ही मौसम में क्या परिवर्तन आ गया?

    Solution

    भादों मास में वर्षा की तेज बौछारें पड़ती हैं। भादों मास के जाते ही अर्थात् समाप्त होते ही अंधकार समाप्त हो जाता है और खरगोश की आँखों के समान लालिमा युक्त चमकदार सवेरा हो जाता है। प्रात:कालीन सूर्य लालिमा लिए हुए होता है। सर्वत्र एक नया उजाला फैल जाता है।

    Question 3
    CBSEENHN12026063

    शरद का मानवीकरण किस रूप में किया गया है?

    Solution

    कवि शरद का मानवीकरण करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि शरद अपनी नई चमकदार साइकिल को तेज गति से चलाते हुए जोर-जोर से उसकी घंटी को बजाकर पतंग उड़ा रहे बच्चों को सुंदर संकेतों के माध्यम से बुला रहा है।

    Question 4
    CBSEENHN12026064

    शरद ने बच्चों के लिए क्या कर दिया है?

    Solution

    शरद ने अपने चमकदार संकेतों और मधुर ध्वनियों से आकाश को इतना कोमल बना दिया है कि बच्चों की पतंग इस असीम आकाश में ऊपर उठ सके। वह उनके लिए उपयुक्त वातावरण निर्मित कर देता है।

    Question 5
    CBSEENHN12026065

    बच्चों की दुनिया के बारे में क्या बताया गया है?

    Solution

    इस कविता में बच्चों की दुनिया के बारे में यह बताया गया है कि वे पतले कागज और बाँस की कमानी वाली पतंग को आसमान में उड़ा सकें। पतंग को आसमान में उड़ता हुआ देखकर बच्चे सीटियाँ बजाने और किलकारी मारने लगते हैं। बच्चों का संसार तितलियों के समान मोहक होता है।

    Question 6
    CBSEENHN12026066

    प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

    जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

    पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास

    जब वे दौड़ते हैं बेसुध

    छतों को भी नरम बनाते हुए

    दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

    जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं

    डाल की तरह लचीले वेग से अकसर

    छतों के खतरनाक किनारों तक-

    उस समय गिरने से बचाता है उन्हें

    सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

    पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज एक धागे के सहारे

    पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं

    अपने रंध्रों के सहारे

    अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

    और बच जाते हैं तब तो

    और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं

    पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है

    उनके बेचैन पैरों के पास।

    Solution

    प्रसगं: प्रस्तुत काव्याशं आलोक धधन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतंग’ से अवतरित है। इस कविता में कवि पतंग के माध्यम से बाल मन की इच्छाओं का सुदंर चित्रण करता है। बालक आसमान में उड़ती पतंगों की ऊँचाइयों को छूना चाहता है।
    व्याख्या: कवि बच्चों के सुकोमल शरीर का वर्णन करते हुए कहता है कि वे जन्म से ही कई के समान कोमल एवं नरम होते हैं पृथ्वी भी उनका कोमल स्पर्श करने के लिए लालायित रहती है। यह कविता धीरे- धीरे बिबों की एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ शरद् ऋतु का चमकीला इशारा है, जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है। जहाँ बच्चों के पैरों के पास पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत होती है। बच्चे पतंग के पीछे नंगे पैर दौड़ते हैं और बेसुध से हो जाते हैं। वे छतों पर नंगे पैर भागकर छतों तक को नरम बना देते हैं। वे दिशाओं को भी मृदंग की तरह बजाते हैं अर्थात् उनकी दुनिया बड़ी रंगीन है जहाँ दिशाओं रूपी मृदंग बजते हैं। वे इस प्रकार बड़े चले आते हैं जैसे कोई पेड़ की डाल पर झूला झूलते समय शो बढ़ाता है। उनका साहस इतना बढ़ जाता है कि उनके पैर छतों के उन खतरनाक किनारों तक पहुँच जाते हैं जहाँ से गिरने का भय रहता है। उस समय उन्हें इस खतरे से उनके शरीर का संगीत ही बचाता है। इससे वे भय पर विजय पा जाते हैं। उन्हें थामने का काम केवल पतग कर लेती है और यह पतग स्वयं भी एक धागे कै सहारे उड़ती रहती है। इन पतंगों के सहारे बच्चे भी उड़ते प्रतीत होते हैं। पतंग उड़ाते बच्चे यदि कभी छत के खतरनाक किनारों से गिर भी जाते हैं तो भी वे साफ बच जाते हैं। इस अवस्था में उनकी हिम्मत और भी बढ़ जाती है। वे उस समय सुनहले सूरज के सम्मुख आ खड़े होते हैं और उनके बेचैन पैरों के पास धरती घूमती हुई स्वयं चली आती है। पृथ्वी का हर कोना खुद --ब-खुदउनके पास चला आता है। वे फिर से नई पतंगों को उड़ाने का हौसला लिए आ खडे़ होते हैं।

    Question 7
    CBSEENHN12026067

    बच्चों के जन्म के समय की तुलना किससे की गई है और क्यों?

    Solution

    बच्चों के जन्म के समय की तुलना कपास से की गई है। इसका कारण यह दै कि जिस प्रकार कपास कोमल होती है उसी प्रकार बच्चे भी जन्म के समय अत्यंत सुकुमार (नाजुक) होते हैं। पृथ्वी भी उनका सस्पर्शकरने को लालायित रहती है।

    Question 8
    CBSEENHN12026068

    कवि ने बच्चों के दौड़ने का वर्णन किस प्रकार किया है?

    Solution

    कवि ने बच्चों के दौड़ने का वर्णन करते हुए कहा है कि उनके पैसे के पास धरती घूमती हुई आती है। इसके अलावा जब वे व्याकुल होकर दौड़ते हैं तो छतों को भी कोमल बना देते हैं तथा वे दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हैं।

    Question 9
    CBSEENHN12026069

    बच्चे पतंग उड़ाते हुए किस खतरनाक स्थिति तक पहुँच जाते हैं? तब उन्हें कौन बचाता है?

    Solution

    बच्चे पतंग उड़ाते हुए छतों के खतरनाक किनारों तक पहुँच जाते हैं। तब उन्हें इन खतरनाक किनारों से गिरने से -कवल उनके शरीर का रोमांचित संगीत ही बचाता है।

    Question 10
    CBSEENHN12026070

    कवि के पतंग के साथ बच्चों के बारे में क्या संबंध स्थापित किया है?

    Solution

    कवि ने पतंग के साथ बच्चों के बारे मे संबंध स्थापित करते हुए कहा है कि बच्चे भी पतंग के साथ उड़ते हुए प्रतीत होते हैं।

    Question 11
    CBSEENHN12026071

    ‘सबसे तेज बौछारें गयी, भादों गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों मे करें।

    Solution

    भादों के महीने में तेज वर्षा होती है बौछारें पड़ती हैं। बौछारों के जाते ही भादों का महीना समाप्त हो जाता है। इसके बाद क्वार (आश्विन) का महीना शुरू हो जाता है। इसके आते ही प्रकृति में अनेक प्रकार के परिवर्तन आ जाते हैं-

    अब सवेरे का सूरज खरगोश की औंखों जैसा लाल-लाल दिखाई देने लगता है अर्थात् सूरज की लालिमा बढ़ जाती है।

    शरद् ऋतु का आगमन हो जाता है। गर्मी से छुटकारा मिल जाता है। ऐसा लगता है कि शरद अपनी साइकिल को तेज गति से चलाता हुआ आ रहा है।

    सवेरा चमकीला होने लगता है।

    फूलों पर तितलियाँ मँडराती दिखाई देती हैं। बच्चे भी तितलियों के समान प्रतीत होते हैं।

    Question 12
    CBSEENHN12026072

    सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन बीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?

    Solution

    पतंग हल्की होने पर ही आकाश में उड़ पाती है। वह जितनी हल्की होती है उतनी ही ऊँची और दूर तक जाती है। उसे हल्का बनाने के लिए ही उससे संबंधित सभी चीजों को हल्का और पतला बताया गया है। ये विशेषण पतग को हल्की एवं आकर्षक (रंगीन) बनाते हैं। यह कविता बाल सुलभ चेष्टाओं और क्रियाकलापों का चित्रांकन करती है। बच्चों का मन भी अत्यंत कोमल और हल्का होता है।

    Question 13
    CBSEENHN12026073

    बिंब स्पष्ट करें-

    सबसे तेज बौछारें गईं भादों गया

    सवेरा हुआ

    खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

    शरद आया पुलों को पार करते हुए

    अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

    घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

    चमकीले इशारों से बुलाते हुए और

    आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

    कि पतंग ऊपर उठ सके।

    Solution

    प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने गतिशील बिंब की योजना की है। यह चाक्षुस बिंब है। भादों मास के जाते ही सवेरा अपनी परी चमक के साथ प्रकट होने लगता है। शरद् का प्रात: लीन सूर्य लाल चमकीला होता है। इसे देखकर खरगोश की आँखों का बिंब सामने उभरता है। शरद् ऋतु के आगमन में उस बालक का बिंब साकार होता है जो अपनी नई साइकिल चलाता, घंटी बजाता आता है। मुलायम वातावरण में ही कोई चीज ऊपर उठ पाती है। मुलायम आकाश की कल्पना मनोहर है। इसमें पतंग का उड़ना एक अनोखे दृश्य की सृष्टि करता है।

    Question 14
    CBSEENHN12026074

    जन्म से ही वे अपने साथ लाने हैं कपास-कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?

    Solution

    बच्चे अपने जन्म से ही अपने साथ कपास लाते हैं-कपास से बच्चों का संबंध कोमलता, नाजुकता से बन सकता है। कपास की प्रकृति निर्मल निश्छल एवं कोमल होती है। बच्चे भी इसी प्रकृति के होते हैं। बच्चे भी कपास की भांति कोमल एवं स्वच्छ मन होते हैं वे निष्कपट होते हैं। कपास नरम और मुलायम होती है तथा बच्चे भी जन्म से सुकुमार होते हैं। अत: दोनों में गहरा संबंध है।

    Question 15
    CBSEENHN12026075

    पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं-बच्चों का उड़ान से कैसा सबंध बनता है?

    Solution

    कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जब पतंग उड़ती है तो बच्चों का मन भी उसके साथ उड़ता है। पतंग उड़ाते समय वे अत्यधिक उत्साहित हो जाते हैं। उनका मन भी पतंग के साथ- साथ उड़ता है। बच्चे पतंग के साथ पूरी तरह जुड़े रहते हैं। इसके साथ उनका अटूट संबंध बन जाता है। पतंग के आकाश में ऊपर जाते समय बच्चों का मन भी हिलोरे लेने लगता है। उन्हें पतंग के अतिरिक्त और कुछ दिखाई नहीं देता।

    Question 16
    CBSEENHN12026076

    निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

    (क) छतों को भी नरम बनाते हुए दिशाओं को मृदय की तरह बजाते हुए

    (ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से और बच जाते हैं तब तो और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

    A. दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है? (i) बच्चे जब छतों पर इधर-उधर घूमते हैं उनके पैरों से छत नरम बनती प्रतीत होती है क्योंकि बच्चों के चरण कोमल होते हैं। तब ऐसा प्रतीत होता है कि वे दिशाओं को मृदंग की तरह बजा रहे हैं। छतों पर होने वाली आवाज मृदंग की तरह प्रतीत होती है। बच्चे शोर भी मचाते हैं।
    B. जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है? (ii) जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए हमको छत कठोर प्रतीत नहीं होती। उस समय हमारा ध्यान पतंग पर ही केंद्रित रहता है। कष्ट का अनुभव ही नहीं होता।
    C. जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए हमको छत कठोर प्रतीत नहीं होती। उस समय हमारा ध्यान पतंग पर ही केंद्रित रहता है। कष्ट का अनुभव ही नहीं होता। (iii) खतरनाक स्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को निडर अनुभव करते हैं। हम और भी साहसी एवं चमकदार रूप से उभरते हैं। तब हम निडर बन जाते हैं। इसके बाद जीवन में आने वाली चुनौतियों में हम सहज अनुभव करते हैं।

    Solution

    A.

    दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है?

    (i)

    बच्चे जब छतों पर इधर-उधर घूमते हैं उनके पैरों से छत नरम बनती प्रतीत होती है क्योंकि बच्चों के चरण कोमल होते हैं। तब ऐसा प्रतीत होता है कि वे दिशाओं को मृदंग की तरह बजा रहे हैं। छतों पर होने वाली आवाज मृदंग की तरह प्रतीत होती है। बच्चे शोर भी मचाते हैं।

    B.

    जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है?

    (ii)

    जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए हमको छत कठोर प्रतीत नहीं होती। उस समय हमारा ध्यान पतंग पर ही केंद्रित रहता है। कष्ट का अनुभव ही नहीं होता।

    C.

    जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए हमको छत कठोर प्रतीत नहीं होती। उस समय हमारा ध्यान पतंग पर ही केंद्रित रहता है। कष्ट का अनुभव ही नहीं होता।

    (iii)

    खतरनाक स्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को निडर अनुभव करते हैं। हम और भी साहसी एवं चमकदार रूप से उभरते हैं। तब हम निडर बन जाते हैं। इसके बाद जीवन में आने वाली चुनौतियों में हम सहज अनुभव करते हैं।

    Question 17
    CBSEENHN12026077

    आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे खयाल आते हैं? लिखिए।

    Solution

    आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर हमारे मन में बड़े अच्छे खयाल आते हैं। ये पतंगें आकाश में अत्यंत आकर्षक रूप प्रदान कर देती हैं। ये रंगीन पतंगें छोटे-छोटे इंद्रधनुष-सी प्रतीत होती हैं। हमें इन पतंगों को उड़ाने वालों का भी खयाल आता है। हम स्वयं भी पतंग उड़ाना चाहते हैं।

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    Question 18
    CBSEENHN12026078

    ‘रोमांचित शरीर का संगीत’ का जीवन की लय से क्या संबंध है?

    Solution

    जब शरीर रोमांचित होता है तभी हृदय से संगीत के स्वर फूटते हैं। इससे जीवन की लय प्रकट होती है। जीवन का लयबद्ध होना आनंद की अनुभूति कराता है। इससे शरीर में रोमांच उत्पन्न होता है। तब हम अपने मन के अनुकूल कार्य कर पाएँगे। हमारा प्रत्येक अंग रोमांचित हो उठेगा। उसमें संगीत का जोश उत्पन्न होता प्रतीत होगा।

    Question 19
    CBSEENHN12026079

    ‘महज एक धागे के सहारे, पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ’ उन्हें (बच्चों को) कैसे थाम लेती हैं? चर्चा करें।

    Solution

    पतंग एक धागे के सहारे आकाश में ऊँचाई की ओर उड़ती चली जाती है। बच्चे इस धागे को टापने हाथ में थामे रहते हैं। वे उत्साहित होते हैं।

    विद्यार्थी इसकी कक्षा में चर्चा करें।

    Question 21
    CBSEENHN12026081

    आपके जीवन में शरद ऋतु क्या मायने रखती हैं?

    Solution

    हमारे जीवन में शरद ऋतु बहुत मायने रखती हैं। यह ऋतु हमें गरमी-वर्षा मुक्ति दिलाती है। इस ऋतु के आगमन के साथ ही हमारे जीवन में उत्साह का संचार हो जाता है। प्राकृतिक वातावरण सुहावना हो जाता है। शरद ऋतु स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है। शरदऋतु का प्रारंभ दशहरा-दीपावली जैसे उल्लासपूर्ण त्योहारों से होता है। इनसे हमारे जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    Question 22
    CBSEENHN12026082

    निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए:

    सवेरा हुआ
    खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
    शरद आया पुलों को पार करते हुए
    अपनी नई चमकीली साइकिल तेजं चलाते हुए
    घंटी बजाते हुए जो़र- जो़र से
    चमकीले इशारों से बुलाते हुए।

    1) प्रातःकाल की तुलना किससे की गई है और क्यों?

    2) काव्यांश के बिंब को स्पष्ट कीजिए।

    3) मानवीकरण के सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए।

    Solution

    1) प्रात:काल की तुलना खरगोश की आँखों की लालिमा से की गई है। खरगोश की आँखें लाल होती हैं और प्रात:काल का सवेरा भी लालिमा लिए हुए होता है। रंग और चमक की समानता दर्शाने के लिए यह तुलना की गई है।

    2)काव्यांश का बिंब:

    दृश्य बिंब: ‘खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा’-इसमें सवेरे के दृश्य की कल्पना खरगोश और उसकी लाल आँखों के रूप में की गई है।
    श्रव्य बिंब: ‘घंटी बजाते हुए जोर-शोर’ में साइकिल चलाते बच्चों का बिंब साकार हो उठा है।

    3) इस काव्यांश मानवीकरण का सौंदर्य देखते बनता है-”शरद आया पुलों को पार करते हुए अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए ....” इसमें शरद ऋतु का मानवीकरण किया गया है। उसे पुल पार करते, साइकिल चलाते हुए दर्शाया है। इनमें मानवीय क्रियाओं का समावेश हुआ है।?

    Question 23
    CBSEENHN12026083

    ‘पतंग’ कविता में कवि ने क्या बात कहनी चाही है?

    अथवा

    ‘पतंग’ कविता का प्रतिपाद्य क्या है?

    Solution

    ‘पतंग’ एक लंबी कविता है। इसके तीसरे भाग को पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया है। पतंग के बहाने कवि ने बाल सुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर चित्रण किया है। बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आए परिवर्तनों को अभिव्यक्त करने के लिए सुंदर बिंबों का उपयोग किया गया है। पतंग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना है। आसमान में उड़ती पतंग ऊँचाइयों की वे हदें हैं, जिन्हें बालमन छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है।

    Question 24
    CBSEENHN12026084

    ‘पतंग’ कविता में चित्रित भादों बीत जाने के बाद के प्राकृतिक परिवर्तनों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

    Solution

    भादों के महीने में तेज वर्षा होती है, बौछारें पड़ती हैं। बौछारों के जाते ही भादों का महीना समाप्त हो जाता है। इसके बाद क्वार (आश्विन) का महीना शुरू हो जाता है। इसके आते ही प्रकृति में अनेक प्रकार के परिवर्तन आ जाते हैं-

    अब सवेरे का सूरज खरगोश की आँखों जैसा लाल-लाल दिखाई देने लगता है अर्थात् सूरज की लालिमा बढ़ जाती है।
    शरद् ऋतु का आगमन हो जाता है। गर्मी से छुटकारा मिल जाता है। ऐसा लगता है कि शरद अपनी साइकिल को तेज गति से चलाता हुआ आ रहा है।
    सवेरा चमकीला होने लगता है।
    फूलों पर तितलियाँ मँडराती दिखाई देती हैं। बच्चे भी तितलियों के समान प्रतीत होते हैं।

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