Sponsor Area
सिंधु घाटी सभ्यता की निम्नलिखित विशेषताएँ थी-
1. सिंधु घाटी की सभ्यता अपने आप में पूर्णरूप में विकसित थी व। वर्तमान का आधार प्रतीत होती है।
2. यह धर्मनिरपेक्ष सभ्यता थी, धार्मिक महत्वता होने पर भी किसी विशेष धर्म को अहमियत नहीं दी गई।
3. यह सभ्यता सांस्कृतिक युगों की अग्रदूत बनी अर्थात् इस सभ्यता के बाद में होने वाले सांस्कृतिक कार्य इसी के आधार पर हुए।
4. फ़ारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से यह मध्यता बेहतर थी। इसने इन सभी सभ्यताओं से व्यापारिक सेबंध भी कायम किए।
मोहनजोदड़ो
गंगा नदी
सिंधु घाटी की सभ्यता
तक्षशिला
C.
सिंधु घाटी की सभ्यता
C.
छः-सात हज़ार वर्षC.
पानी के हमाम और नालियों के तंत्र निर्माण मेंसिंधु सभ्यता से एक हजार वर्ष पूर्व
सिंधु सभ्यता से एक हजार वर्ष बाद
भारत के मूल थे।
इनमें से कोई नहीं।
B.
सिंधु सभ्यता से एक हजार वर्ष बाद
Sponsor Area
1400 ईसा पूर्व
1000 ईसा पूर्व
2000 ईसा पूर्व
A.
1500 ईसा पूर्वB.
अपने समय के ज्ञान का संग्रहB.
परलोक परायण में विश्वास करने वालेC.
भारत के पूर्ण रूप से विकास हेतुSponsor Area
A.
इस प्रथा ने समाज को ऊँच-नीच वर्ग में बाँट दिया।C.
कठिनाइयाँ होने पर भी लगातार विकास के पथ पर अग्रसरउपनिषदों की प्रार्थना में यह कामना की गई है कि हे ईश्वर मुझे ‘असत् से सत् अर्थात् अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले चल, अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चल, मृत्यु से अमरत्व की और ले चल।’
इस कामना से यह कह सकते हैं कि निराकार ईश्वर को सेबोधित किया गया कि मनुष्य की जीवन की सही सह की ओर बढ़ाए।
B.
निरंतर अपने मार्ग पर अग्रसर रहो।C.
मनुष्य का तन-मन सदा स्वस्थ हो व अनुशासन में रहेभारतीय आर्य किस पद्धति में विश्वास रखते थे?
A.
व्यक्तिवादC.
लोग आत्मकेंद्रित हो गएB.
जीवन की वास्तविकता मेंC.
भोजपत्र व ताड़पत्रों परC.
ई.पू. चौथी शताब्दीD.
बंधन रहित होकर व्यावहारिक जीवन व्यतीत करें।भारत के दो प्रमुख महाकाव्य हैं-
1. रामायण
2. महाभारत।
पुराकथाओं व प्रचलित कहानियों की निम्नलिखित विशेषताएँ थीं-
1. ये कहानियाँ वीरगाथात्मक थीं।
2. इनमें सत्य का पालन करने व वचन निभाने पर बल दिया गया है।
3. इनमें जीवनपर्यंत व मरणोपरांत भी वफादारी साहस और लोकहित के लिए सदाचार और बलिदान की शिक्षा दी गई
4. इन कहानियों में कल्पना और तथ्य इस प्रकार गुंथे हैं कि उन्हें अलग नहीं किया जा सकता।
A.
रामायण व महाभारतD.
अनेक रूपों में विभाजित, जात-पाँत व ऊँच-नीच में बँटा समाज कैसे एकजुट होकर रहता था।D.
कल्हण द्धारा रचित राजतरंगिनीA.
क्योंकि क्रमबद्ध इतिहास की तिथियाँ उपलब्ध नहीं है।Sponsor Area
D.
राजनीतिक और सामाजिक सेस्थाओं का पूर्ण ब्यौरा।A.
आर्यों के भारतीयों में घुल-मिल जाने पर वैदिक धर्म मे सशोधन करके विराट धर्म ‘हिंदू धर्म’ का उदय हुआ।A.
हस्तिनापुर व इंद्रप्रस्थ (वर्तमान दिल्ली)D.
यह विशेष वर्ग की नहीं अपितु सेपूर्ण विश्व के लोकमंगल की कामना करता है।C.
लोकहित हेतु की गई हिंसा को बुश नहीं मानना चाहिए।A.
मनुष्य को कर्म में विश्वास करना चाहिए। फल की इच्छा न करना ही सच्चा धर्म है।वनाश्रमों की शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालय भी विद्यमान थे। वनाश्रमों में विद्यार्थी शिक्षा-प्रशिक्षण हेतु एकत्र होते थे। विद्यार्थी सैनिक प्रशिक्षण के साध-साथ तरह-तरह के विषयी का अध्ययन करते थै।
बनारस प्रमुख शिक्षा का केंद्र था। इसके अलावा पेशावर के पास एक प्राचीन विश्वविद्यालय तक्षशिला था जो विशेष रूप से विज्ञान, चिकित्सा-शास्त्र और विभिन्न कलाओं के लिए मशहूर था। यहां के विद्यार्थियों का बहुत सम्मान किया जाता था। महान वैयाकरण पाणिनी ने भी यहीं शिक्षा प्राप्त की थी।
A.
भारत जब उन्नति की ओर अग्रसर हुआ तो उसने हर क्षेत्र में उन्नति की।Sponsor Area
B.
औषध विज्ञान के जनकA.
बनारस व तक्षशिलाA.
वैदिक धर्मA.
यथार्थवादिता व अहिंसाB.
जो अपने मन पर विजय पा ले।B.
अपने मन मेंA.
हमें संघर्ष से भागना नही चाहिए बल्कि उसका मुकाबला कर नवीन अवसरों की और बढ़ना चाहिए।B.
सदैव लोकहित कार्य करेगा। निजी स्वार्थों को प्रमुखता नहीं देगा। उसे कभी भी जनता द्वारा बदला जा सकता है।किस ई.पू. में अशोक शासन गद्दी पर बैठा?
475 ई.पू.
C.
273 ई.पू.B.
भारतीय कला से प्रेरित होते हुए भी विदेशी छाप की झलकSponsor Area
Sponsor Area