भारत और समकालीन विश्‍व 2 Chapter 5 औधोगीकरण का युग
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्‍व 2

    औधोगीकरण का युग Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान औधोगीकरण का युग Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान औधोगीकरण का युग Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018530

    निम्नलिखित की व्याख्या करे:

    ब्रिटेन की महिला कामगारों से स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए।  

    Solution

    बेरोजगारी की आशंका के कारण मज़दूर नई प्रौद्योगिकी से चिढ़ते थे। जब ऊन उद्योग में स्पिनिंग जेनी मशीन का इस्तेमाल शुरू किया तो हाथ से ऊन कातने वाली औरतें इस तरह की मशीनों पर हमला करने लगीं। जेनी के इस्तेमाल पर यह टकराव लंबे समय तक चलता रहा।

    Question 2
    CBSEHHISSH10018531

    निम्नलिखित की व्याख्या करे:

    सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे।

    Solution

    सत्रहवीं और अठारहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों की तरफ़ रुख़ करने लगे थे। वे किसानों और कारीगरों को पैसा देते थे और उनसे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिए उत्पादन करवाते थे। 

    (i) विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया के विभिन्न भागों में उपनिवेशों की स्थापना के कारण चीजों की माँग बढ़ने लगी थी।

    (ii) इस माँग को पूरा करने के लिए केवल शहरों में रहते हुए उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता था। वजह यह थी कि शहरों में शहरी दस्तकारी और व्यापारिक गिल्ड्स काफ़ी ताकतवर थे।

    (iii) ये गिल्ड्स उत्पादकों के संगठन होते थे। गिल्ड्स से जुड़े उत्पादक कार्य कारीगरों को प्रशिक्षण देते थे, उत्पादकों पर नियंत्रण रखते थे, प्रतिस्पर्धा और मूल्य तय करते थे तथा व्यवसाय में नए लोगों को आने से रोकते थे।

    (iv) शाशकों ने भी विभिन्न गिल्ड्स को खास उत्पादों के उत्पादन और व्यापार का एकाधिकार दिया हुआ था। फलस्वरूप, नए व्यापारी शहरों में कारोबार नहीं कर सकते थे। इसलिए वे गाँवों की तरफ़ जाने लगे। गाँवों में गरीब काश्तकार और दस्तकार सौदागरों के लिए काम करने लगे।

    Question 3
    CBSEHHISSH10018532

    सूरत बंदरगाह अठारहवीं सदी के अंत तक हाशिए पर पहुंच गया था।       

    Solution

    मशीन उद्योगों के युग से पहले अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में भारत में रेशमी और सूती उत्पादों का दबदबा रहता था। गुजरात के तट पर स्थित बंदरगाह के जरिए भारत खाड़ी और लाल सागर के बंदरगाहों से जुड़ा हुआ था। निर्यात व्यापार के इस नेटवर्क में बहुत सारे भारत व्यापारी और बैंकर सक्रिय थे। 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला यह नेटवर्क टूटने लगा था। यूरोपीय कंपनियों की ताकत बढ़ती जा रही थी। पहले उन्होंने स्थानीय दरबारों से कई तरह की रियातें हासिल की और इसके बाद उन्होंने व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त कर लिया। इससे सूरत बंदरगाह से होने वाले निर्यात में नाटकीय कमी आई और यह बंदरगाह हाशिए पर चला गया।     

    Question 4
    CBSEHHISSH10018533

    निम्नलिखित की व्याख्या करें:

    ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था। 

    Solution

    ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के वस्त्र व्यापार पर अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती थी। अतः कंपनी ने वस्त्र व्यापर की प्रतिस्पर्धा को खत्म करने, लागतों पर अंकुश रखने और कपास का रेशम से बनी चीजों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन व नियंत्रण की एक नई व्यवस्था लागू कर दी।

    कंपनी ने कपड़ा व्यापार में क्रियाशील व्यापारियों और दलालों को समाप्त करने तथा बुनकरों पर अधिक प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। कंपनी ने बुनकरों पर निगरानी रखने, माल एकत्रित करने और कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने के लिए वेतनभोगी कर्मचारी तैनात कर दिए जिन्हें गुमाश्ता कहा जाता था।

    Tips: -

    M. Imp.

    Question 6
    CBSEHHISSH10018535

    आदि-औद्योगिक का मतलब बताएँ।

    Solution

    औद्योगीकरण के इतिहास अक्सर प्रारंभिक फैक्ट्रियों की स्थापना से शुरू होते हैं। पर इस सोच में एक समस्या है दरअसल इंग्लैंड और यूरोप में फैक्ट्रियों की स्थापना से पहले यंत्र राष्ट्र बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फ़ैक्टरियों में नहीं होता था। बहुत सारे इतिहासकार औद्योगीकरण के इस चरण को आदि- औद्योगीकरण देते हैं।

    Question 7
    CBSEHHISSH10018536

    उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे।

    Solution

    इसके निम्नलिखित कारण थे:
    (i) जब श्रमिकों की बहुतायत होती है तो वेतन गिर जाते हैं। इसलिए, उद्योगपति को श्रमिकों की कमी या वेतन के मद में भारी लागत जैसे कोई परेशानी नहीं थी। उन्हें ऐसी मशीनों में कभी दिलचस्पी नहीं थी जिसके कारण मजदूरों से छुटकारा मिल जाए वह जिन पर बहुत ज्यादा कर चाहने वाला हो।

    (ii) बहुत सारे उद्योगो में श्रमिकों की माँग मौसमी आधार पर घटती-बढ़ती रहती थी। गैसघरों और शराबखानों में जाड़ों के दौरान खासा काम रहता था। इस दौरान उन्होंने ज़्यादा मज़दूरों की ज़रूरत होती थी। क्रिसमस के समय बुक बाइंडराे और प्रिंटरों को भी दिसंबर से पहले अतिरिक्त मज़दूरों की दरकार रहती थी।

    (iii) बंदरगाहों पर जहाज़ों की मरम्मत और साफ़-सफ़ाई व सजावट का काम भी जाड़ों में ही किया जाता था। जिन उद्योगों में मौसम के साथ उत्पादन घटता- बढ़ता रहता था वहाँ उद्योगपति मशीनों की बजाए मज़दूरों को ही काम पर रखना पसंद करते थे।

    (iv) बहुत सारे उत्पाद केवल हाथ से ही तैयार किए जा सकते थे। मशीनों से एक जैसे के उत्पाद ही बड़ी संख्या में बनाए जा सकते थे। लेकिन बाज़ार में अकसर बारीक डिज़ाइन और खास आकारों वाली चीज़ों की काफी माँग रहती थी। इन्हें बनाने के लिए यांत्रिक प्रौद्योगिकी की नहीं बल्कि इंसानी निपुणता की ज़रूरत थी।

    (v) विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग-कुलीन और पूँजीपति वर्ग-हाथों से बनी चीज़ों को तरजीह देते थे। हाथों से बनी चीज़ों को परिष्कार और सुरुचि का प्रतीक माना जाता था। उनकी फ़िनिश अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता था और उनका डिज़ाइन अच्छा होता था।

    Question 8
    CBSEHHISSH10018537

    ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़ों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया।

    Solution

    ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक सत्ता स्थापित हो जाने के बाद कंपनी व्यापार पर अपने एकाधिकार का दावा कर सकती थी।

    (i) उसने प्रतिस्पर्धा खत्म करने, लागतों पर अंकुश रखने और कपास व रेशम से बनी चीज़ों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन और नियंत्रण की एक नयी व्यवस्था लागू कर दी। यह काम कई चरणों में किया गया।

    (ii) कंपनी ने कपड़ा व्यापार में सक्रिय व्यापारियों और दलालों को खत्म करने तथा बुनकरों पर ज़्यादा प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश की।

    (iii) कंपनी ने बुनकरों पर निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने और कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने के लिए वेतनभोगी कर्मचारी तैनात कर दिए जिन्हें गुमाश्ता कहा जाता था।

    (iv) कंपनी को माल बेचने वाले बुनकरों को अन्य खरीदारों के साथ कारोबार करने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके लिए उन्हें पेशगमी रक़म दी जाती थी।

    (v) एक बार काम का ऑर्डर मिलने पर बुनकरों को कच्चा माल खरीदने के लिए कर्ज़ा दे दिया जाता था। जो कर्ज़ा लेते थे उन्हें अपना बनाया हुआ कपड़ा गुमाश्ता को ही देना पड़ता था। उसे वे किसी और व्यापारी को नहीं बेच सकते थे।

     

     

    Question 9
    CBSEHHISSH10018538

    कल्पना कीजिए कि आपको ब्रिटेन तथा कपास के इतिहास के बारे में विश्वकोश के लिए लेख लिखने को कहा गया है। इसे अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर अपना लेख लिखिए।

    Solution

    औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैंड में 1730 के दशक में हुई। इंग्लैंड में सबसे पहले स्थापित होने वाले कारखानों में कपास के कारखाने प्रमुख थे।
    कपास (कॉटन) नए युग का पहला प्रतीक थी। उन्नीसवीं सदी के अंत में कपास के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। 1760 में ब्रिटेन अपने कपास उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 25 लाख पौंड कच्चे कपास का आयत करता था। 1787 में आयात बढ़कर 220 लाख पौंड तक पहुँच  गया। यह वृद्धि उत्पादन की प्रक्रिया में बहुत सारे बदलावों का परिणाम थी। 

    अठारहवीं सदी में कई ऐसे आविष्कार हुए जिन्होंने उत्पादन प्रक्रिया के हर चरण की कुशलता बढ़ा दी। प्रति मजदूर उत्पादन बढ़ गया और पहले से अधिक मजबूत धागों व रेशों का उत्पादन होने लगा। इसके बाद रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा सामने रखी। अत: इंग्लैंड में सूती कपड़े के नए कारखानें की स्थापना हुई।


     
     

    Question 10
    CBSEHHISSH10018539

    पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा?

    Solution

    पहले विश्व युद्ध ने एक बिल्कुल नयी स्थिति उत्पन्न कर दी थी:

    (i) ब्रिटिश कारखाने सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए युद्ध संबंधी उत्पादन में व्यस्त थे इसलिए भारत में मैनचेस्टर के माल का आयात कम हो गया। भारतीय बाज़ारों को रातोंरात एक विशाल देशी बाज़ार मिल गया।

    (ii) युद्ध लंबा खींचा तो भारतीय कारखानों में भी फ़ौज के लिए जूट की बोरियाँ, फौजियों के लिए वर्दी के कपड़े, टेंट और चमड़े के जूते, घोड़े व खज्जर की जीन तथा बहुत सारे अन्य समान बनने लगे।

    (iii) नए कारखाने लगाए गए। पुराने कारखाने कई पालियों में चलने लगे। बहुत सारे नए मज़दूरों को काम पर रखा गया और हरेक को पहले से भी ज़्यादा समय तक काम करना पड़ता था। युद्ध के दौरान औद्योगिक उत्पादन तेजी से बढ़ा।

    Question 11
    CBSEHHISSH10018730

    'वस्त्र उद्योग देश का एकमात्र उद्योग है जो कच्चे माल से उच्चतम अतिरिक्त मूल्य उत्पाद तक की श्रृंखला में परिपूर्ण तथा आत्मनिर्भर है।' इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए।

    Solution

    वस्त्र उद्योग उत्पाद तक की श्रंखला में परिपूर्ण तथा आन्मनिर्भर है-
    (i) वस्त्र उद्योग का औद्योगिक उत्पादन में महत्त्पूर्ण (14%) योगदान है।
    (ii) यह बड़ी संख्या में (35 लाख) लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाकर कृषि के बाद दूसरा बड़ा उद्योग है।
    (iii) इससे बड़ी मात्रा में (24.6 %) विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
    (iv) सकल घरेलू उत्पाद में इसका 4% योगदान है।

    Question 12
    CBSEHHISSH10018773

    भारतीय उद्योगों पर प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए ?

    Solution
    • प्रथम विश्व युद्ध से भारतीय उद्योगों को अनेक कारणों से प्रोत्साहन मिला।
    • ब्रिटिश कारखाने सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए युद्ध सबन्धी उत्पादन में वयस्त हो गये, इससे भारत में वास्तविक रूप से सारे आयात बंद हो गए।
    • अचानक भारतीय कारखानों को घरेलू बाजार के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ उत्पादित करने का अवसर मिल गया।
    • भारतीय कारखानों में भी फौज के लिए जूट की बोरियाँ, फौजियों के लिए वर्दी के कपड़े, चमड़े के जूते बनने लगे।
    Question 13
    CBSEHHISSH10018774

    जोबर कौन था? उसके कार्य स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    • उद्योगपति नये मजदूरों की भर्ती के लिए जॉबर रखते थे। जॉबर कोई पुराना और विश्ववस्त कर्मचारी होता था।

    • वह अपने गाँव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में जमने के लिए मदद करता था और मुसीबत में पैसे से मदद करता था ।

    • जॉबर मजबूत और ताकतवर बन गया था । वह मदद के बदले पैसे और तोहफे की माँग करने लगा था और मजदूरों की जिन्दगी नियंत्रित करने लगा था ।

    Question 14
    CBSEHHISSH10018775

    18 वीं सदी के प्रारंभ में भारतीय बुनकरों की क्या - क्या समस्याएं थी ?

    Solution
    • कच्चे माल की कमी - भारत से कच्चे कपास का निर्यात बढ़ने से कच्चे कपास की कीमतें बढ़ गई । भारतीय बुनकरों महंगी कीमतों पर कच्चा कपास खरीदने को बाध्य हो गये ।
    • गुमाश्तों के साथ कलह- गुमाश्तें अन्यायपूर्ण तरीके से काम करते थे और बुनकरों को आपूर्ति में देरी करने पर दंडित करते थे। इसलिए उनका बुनकरों के साथ कलह होता रहता था ।
    • अग्रिम की व्यवस्था - अंग्रेजो ने आपूर्ति की सुनिश्चितता के लिए बुनकरों को अग्रिम देने की व्यवस्था शुरू की । बुनकरों ने अधिक कमाने के लिए उत्सुकता पूर्वक अग्रिम लिया परन्तु वे ऐसा करने में असमर्थ रहे। वे अब छोटे खेतों को भी खोने लगें जिनको अब तक जोतते आ रहे थे।
    Question 15
    CBSEHHISSH10018776

    प्रसिद्ध पुस्तक नई सदी के उदय की तस्वीर क्या दर्शाती है?

    Solution
    • इसमें विकास का संदेश दिखाया गया है। तस्वीर के मध्य में एक देवी जैसी तस्वीर है जो नई सदी की ध्वजा लिए प्रगति का फरिश्ता दिखाई देती है।
    • उसका एक पाँव पंखो वाले पहिए पर टिका है उसकी उड़ान भविष्य की ओर है, संघर्ष भविष्य में निहित था।
    • उसके पीछे उन्नति के चिन्ह लिये रेलवे, केमरा, मशीनें, प्रिंटिंग प्रेस और कारखाने तैर रहे है।
    Question 16
    CBSEHHISSH10018777

    भारतीय उद्योगपतियों और व्यापारियों की समस्याओं की व्याख्या कीजिए ?

    Solution
    • सीमित व्यापार से भारतीय व्यापारियों को बाजार में काम करने के अवसर कम होते गए ।
    • निर्मित वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण भारतीय व्यापारियों को यूरोपीय देशों से व्यापार करने से अलग कर दिया गया ।
    • भारतीय व्यापारियों को यूरोप में निर्मित वस्तुओं, कच्चेमाल, गेहूँ, नील आदि अंग्रेजों की आवश्यकता की वस्तुओं को ब्रिटेन में निर्यात करने से रोक दिया गया ।
    • आधुनिक जहाजों के निर्माण से अंग्रेजों ने भारतीय व्यापारियों को जहाजों के व्यवसाय से अलग कर दिया ।
    Question 17
    CBSEHHISSH10018778

    आदि औद्योगीकरण के मुख्य लक्षणों का वर्णन कीजिए ।

    Solution
    • उत्पादन कारखानों पर आधारित नहीं था ।
    • अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए घरों पर आधारित उत्पादन किया जाता था ।
    • व्यापारी गांवों में जाकर कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों के लिए वस्तुएँ उत्पादित करने के लिए अग्रिम राशि देते थे।
    • इससे किसानों को आय के वैकल्पिक स्त्रोत मिला ।
    • आदि औद्योगीकरण उत्पादन से किसानों को कृषि से मिलने वाली कम आय बढ़ गई ।
    • घर के समस्त श्रम साधनों का उत्पादन में उपयोग किया गया ।
    • गाँवों और शहरों के मध्य व्यवसायिक सम्बन्धों का विकास हुआ ।

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    Question 18
    CBSEHHISSH10018779

    अंग्रेजों ने ब्रिटिश वस्तुओं का भारतीय बाजारों में किस प्रकार विस्तार किया ?

    Solution
    • वस्तुओं का विज्ञापन किया तथा विज्ञापनों ने वस्तुओं को जरूरी और वाँछनीय बना दिया । इससे लोगों की सोच बदल गई और नई जरूरतें पैदा हो गई ।
    • औदयोगीकरण के युग में विज्ञापनों ने वस्तुओं के लिए बाजार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
    • कपड़ो के बण्डलों पर लेबल लगाए गए - लेबल से खरीददारों को कंपनी का नाम एवं उत्पादन की जगह का पता चल जाता था । लेबल चीजों की गुणवता का प्रतीक भी था । जब लेबल पर मोटे अक्षरों में मेड़ इन मेनचेस्टर लिखा दिखाई देता तो खरीददारों को कपडा खरीदने में किसी प्रकार का डर नहीं रहता था।
    • देवी देवीताओं की तस्वीर - देवी देवताओं की तस्वीरों के बहाने निर्माता यह दिखाने की कोशिश करते थे कि ईश्वर भी चाहता है कि लोग इस चीज को खरीदे। कृष्ण या सरस्वती की तस्वीरों का फायदा यह होता था कि विदेशों में बनी चीज भी भारतीयों को जानी पहचानी लगती थी ।
    • मुद्रित कैलेण्डरों ने उत्पादों को लोकप्रिय बनाया - अखबारों और पत्रिकाओं को तो पढ़े लिखे लोग ही समझ सकते थे लेकिन कैलेण्डर उन लोगों की समझ में आ जाते थे जो पढ़ नहीं सकते थे। चाय की दुकानों, दफ्तरों एवं मध्यवर्गीय घरों में कलैण्डर लटके रहते थे।
    Question 19
    CBSEHHISSH10018780

    औदयोगीक क्रांति मिश्रित वरदान था स्पष्ट कीजिए ?

    Solution

    औदयोगिक क्रांति के वरदान :-

    • मशीनों द्वारा उत्पादन से संसार की बढ़ी हुई जनसँख्या का बढ़ी हुई आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हुई ।
    • मशीनों से मानवता की प्रारंभिक आवश्यकताओं भोजन, कपड़ा और मकान की पूर्ति संभव हुई ।
    • मशीनों ने मुनष्य को दु:खदायी थकान और आनंदहीन कार्यों से मुक्ति दिलाई ।
    • मशीनों से मनुष्यों को अधिक सुख मिला ।

    Question 20
    CBSEHHISSH10018781

    औदयोगीकरणन क्रांति के बुरे प्रभाव क्या थे ?

    Solution
    • औदयोगीकरण क्रांति ने किसानों को भूमिहीन श्रमिक बनाकर ग्रामीण जीवन को नष्ट कर दिया ।
    • ग्रामीण बेरोज़गारी से किसान काम की तलाश में शहरों में प्रवास को मजबूर हुए ।
    • शहरों में भीड़ बढ़ गई । अस्वास्थ्य और घरों की कमी की समस्या पैदा हुई ।
    • साम्राज्यवाद का विकास हुआ ।
    Question 21
    CBSEHHISSH10018782

    अग्रिम की व्यवस्था बुनकरों के लिए किस प्रकार हानिकारक सिद्ध हुई?

    Solution
    • मोल तोल का अवसर नहीं रहा, बुनकरों ने मोल तोल के अवसर खो दिए ।
    • भूमि को भाड़े पर दे दिया - अब बुनकर अपनी जमीन भाड़े पर देकर सारा समय बुनकरी में देने लगे।
    • भोजन के लिए दूसरों पर आश्रित हो गए - अधिकतर बुनकर भूमि खोकर अपने भोजन की अवशयकता पूर्ति के लिए दूसरों पर आश्रित हो गए ।
    • गुमाश्तों के साथ कलह होने लगे - गुमाश्ते निरंकुश आचरण करने लगे, पुलिस के साथ गांवों में घूमने लगे और काम में ढ़िलाई के लिए बुनकरों को दंडित किया ।
    Question 22
    CBSEHHISSH10018783

    सूती वस्त्र उत्पादक बुनकरों ने कौन - कौन सी समस्याओं का सामना किया ?

    Solution
    • उनका निर्यात बाजार धराशाही हो गया ।
    • मेनचेस्टर के आयातों की बाढ़ से स्थानीय बाजार संकुचित हो गया ।
    • मशीन निर्मित आयातित सूती वस्त्र के सामान इतने अधिक सस्ते थे कि बुनकर आसानी से उनका मुकाबला नहीं कर सके।
    • बुनकर पर्याप्त मात्रा मे उच्च श्रेणी के कच्चे सूत की आपूर्ति नहीं कर सके।

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