आर्थिक विकास की समझ Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान आर्थिक विकास की समझ

    भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 2 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Chapter 2 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 11
    CBSEHHISSH10018499

    निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए

    A. असिंचित भूमि (i) कृषि आधारित मिलों की स्थापना
    B. फसलों का कम मूल्य (ii) सहकारी विपणन समिति
    C. कर्ज भार (iii) सरकार द्वारा खाद्यान्नों की वसूली
    D. मंदी काल में रोज़गार का अभाव (iv) सरकार द्वारा नहरों का निर्माण
    E. कटाई के तुरंत बाद स्थानीय व्यापारियों को अपना अनाज बेचने की विवशता (v) कम ब्याज पर बैंकों द्वारा साख उपलब्ध कराना

    Solution

    A.

    असिंचित भूमि

    (i)

    सरकार द्वारा नहरों का निर्माण

    B.

    फसलों का कम मूल्य

    (ii)

    सरकार द्वारा खाद्यान्नों की वसूली

    C.

    कर्ज भार

    (iii)

    कम ब्याज पर बैंकों द्वारा साख उपलब्ध कराना

    D.

    मंदी काल में रोज़गार का अभाव

    (iv)

    कृषि आधारित मिलों की स्थापना

    E.

    कटाई के तुरंत बाद स्थानीय व्यापारियों को अपना अनाज बेचने की विवशता

    (v)

    सहकारी विपणन समिति

    Question 12
    CBSEHHISSH10018500

    असंगत की पहचान करें और बताइए क्यों?
    (क) पर्यटन-निर्देशक, धोबी, दर्जी, कुम्हार
    (ख) शिक्षक, डॉक्टर, सब्जी विक्रेता, वकील
    (ग) डाकिया, मोची, सैनिक, पुलिस कांस्टेबल
    (घ) एम.टी.एन.एल., भारतीय रेल, एयर इंडिया, सहारा एयरलाइंस, ऑल इंडिया रेडियो।

     

    Solution

    (क) पर्यटन-निर्देशक, क्योंकि यह तृतीयक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य प्राथमिक सेक्टर में।
    (ख) सब्जी विक्रेता, क्योंकि यह प्राथमिक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य तृतीयक सेक्टर में।
    (ग) मोची द्वितीयक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य तृतीयक सेक्टर में।
    (घ) एम.टी.एन.एल, क्योंकि यही सवांद वहन से सम्बंधित है और शेष यातायात समहू के हैं।


    Question 13
    CBSEHHISSH10018501

    एक शोध छात्र ने सूरत शहर में काम करने वाले लोगों से मिलकर निम्न आँकड़े जुटाए-

    कार्य स्थान रोजगार की प्रकृति श्रमिकों का प्रतिशत
    सरकार द्वारा पंजीकृत कार्यालयों और कारखानों में संगठित 15
    औपचारिक अधिकार-पत्र सहित बाजारों में अपनी दुकान, कार्यालय और क्लिनिक   15
    सड़कों पर काम करते लोग, निर्माण श्रमिक, घरेलू श्रमिक   20
    छोटी कार्यशालाएँ, जो प्राय: सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं हैं    

    तालिका को पूरा कीजिए। इस शहर में असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों की प्रतिशतता क्या है?




    Solution
    कार्य स्थान रोजगार की प्रकृति श्रमिकों का प्रतिशत
    सरकार द्वारा पंजीकृत कार्यालयों और कारखानों में संगठित 15
    औपचारिक अधिकार-पत्र सहित बाजारों में अपनी दुकान, कार्यालय और क्लिनिक संगठित 15
    सड़कों पर काम करते लोग, निर्माण श्रमिक, घरेलू श्रमिक असंगठित 20
    छोटी कार्यशालाएँ, जो प्राय: सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं हैं असंगठित 50
    Question 14
    CBSEHHISSH10018502

    क्या आप मानते हैं कि आर्थिक गतिविधियों का प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में विभाजन की उपयोगिता है? व्याख्या कीजिए कि कैसे?

    Solution

    आर्थिक गतिविधियों का प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में विभाजन कई दृष्टिकोण से उपयोगी है। 
    (i) यह रोजगार की स्थिति को दर्शाता है:
    आर्थिक गतिविधियों का वर्गीकरण विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति दिखाता है। उदाहरण के लिए, भारत जैसे विकासशील देश में, ज्यादातर लोग प्राथमिक क्षेत्र में लगे हुए हैं जिन्हें कृषि और संबंधित क्षेत्र भी कहा जाता है। दूसरी ओर, विकसित देशों में, जैसे अमरीका में अधिकांश लोग माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

    (ii) सरकारी योजना के लिए: आर्थिक गतिविधियों का वर्गीकरण भी सरकार को कदम उठाने में मदद करता है ताकि अधिक से अधिक लोग गैर-कृषि क्षेत्रों में विशेषकर तृतीयक क्षेत्र में कार्यरत हों, क्योंकि यह क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों के विकास में मदद करता है।

    (iii) लोगों के योगदान को जानने के लिए: लोगों के विभिन्न समूहों द्वारा किए जाने वाले आर्थिक गतिविधियों, उनके प्रतिशत और जी.डी.पी. में उनका योगदान जी.डी.पी. को जानना स्थिति: हम जीडीपी को जानते हैं ग्राफ़ और इन क्षेत्रों के आंकड़ों और उनकी हिस्सेदारी प्रतिशत में प्रतिशत।

    (iv) क्षेत्रों का हिस्सा: वर्गीकरण के माध्यम से हमें रोजगार के क्षेत्र में हिस्सेदारी (प्रतिशत) के बारे में भी पता चला है। वर्गीकरण हमें विभिन्न क्षेत्रों (लाखों / लाखों) में शामिल श्रमिकों की संख्या भी बताता है।

    (v) आर्थिक गतिविधियों का ज्ञान: क्षेत्र का वर्गीकरण हमें देश में किए गए आर्थिक गतिविधियों को सूचित करता है।

    Question 15
    CBSEHHISSH10018503

    इस अध्याय में आए प्रत्येक क्षेत्रकों को रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी‌) पर ही क्यों केंद्रित करना चाहिए? चर्चा करें।

    Solution

    इस अध्याय में वर्णित प्रत्येक क्षेत्र के लिए हमारा ध्यान रोज़गार और जी.डी.पी. पर होना चाहिए। क्योंकि, जीडीपी में वृद्धि और पूर्ण रोजगार हमारी पांच साल की योजनाओं के आम लक्ष्य हैं।

    हां, जिन अन्य मुद्दों की जांच होनी चाहिए वे हैं:

    (i) देश में संतुलित क्षेत्रीय विकास

    (ii) देश के लोगों के बीच आय और धन की समानता

    (iii) गरीबी उन्मूलन

    (iv) प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण

    (v) देश की आत्मनिर्भरता ।

    Question 16
    CBSEHHISSH10018504

    जीविका के लिए काम करने वाले अपने आसपास के वयस्कों के सभी कार्यों की लंबी सूची बनाइए। उन्हें आप किस तरीके से वर्गीकृत कर सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

    Solution

    में अपने आसपास के वयस्कों को विभिन्न कार्य करता देखता हूँ जिनकी सूची नीचे दी जा रही हैं:

    (i) प्राथमिक क्षेत्र: किसान, फल और फूल उत्पादक, सब्जी उत्पादक और पशु-पालक।

    (ii) द्वितीयक क्षेत्र: एक निर्माण स्थल पर काम करना, कारखाना मालिक।

    (iii) तृतीयक क्षेत्र: इंजीनियर, चिकित्सक, इलेक्ट्रीशियन, शिक्षक, दुकानदार, धोबी, बीमा प्रबंधक, सरकारी कर्मचारी, घरेलू कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी।

    (iv) संगठित क्षेत्र: डॉक्टर, इंजीनियर।

    (v) असंगठित क्षेत्र: दुकानदार, बिजली मिस्त्री, धोबी, स्वीपर, घरेलू कार्य और बीमा प्रबंधक।

    Question 17
    CBSEHHISSH10018505

    तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से भिन्न कैसे है? सोदाहरण व्याख्या कीजिए।

    Solution
    तृतीयक सेक्टरअन्य सेक्टर
    मशीन की जरूरत नहीं पड़ती है।मशीन की जरूरत पड़ती है।
    इस सेक्टर में श्रमिकों के मानसिक क्षमता की अधिक जरूरत पड़ती है।इस क्षेत्र में श्रमिकों के शारीरिक परिश्रम की अधिक जरूरत पड़ती है।
    किसी भी भौतिक वस्तु का निर्माण नहीं होता है।भौतिक वस्तु का निर्माण होता है।
    उदाहरण: डिजाइनर, शेफ, शिक्षक, वकील, आदि।उदाहरण: मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री, आदि।

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    Question 18
    CBSEHHISSH10018506

    प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।

    Solution

    प्रच्छन्न बेरोजगारी अर्थात छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में एक श्रमिक किसी खास काम में इसलिये लगा रहता है क्योंकि उसके पास उससे बेहतर करने को कुछ भी नहीं होता। इस स्थिति में श्रमिक के पास कोई विकल्प नहीं होता बल्कि किसी खास काम को करने की मजबूरी होती है।
    उदाहरण:
    (i) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में अक्सर देखने को मिलता है  कि जिस खेत पर काम करने के लिए एक दो लोग काफी होते हैं उसी खेत पर कई लोग काम करते रहते हैं। इसलिए, यहां तक कि अगर हम कुछ लोगों को (कृषि व्यवसाय से) बाहर ले जाते हैं, तो उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।
    (ii) शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र में हजारों अनियत कर्मचारी हैं जहां वे पूरे दिन काम करते हैं परन्तु बहुत कम कमा पाते हैं, एक ही दुकान पर आपको कई भाई काम करते मिल जाएँगे। उनको अलग अलग दुकान चलाना चाहिए लेकिन सही अवसर के अभाव में उन्हें एक ही दुकान पर काम करने को बाध्य होना पड़ता है।

     

     

     




     

    Question 19
    CBSEHHISSH10018507

    खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच विभेद कीजिए।

    Solution
    खुली बेरोज़गारी:
    (i) खुली बेरोज़गारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति योग्य अथवा स्वस्थ हैं अथवा मौजूदा मजदूरी दर पर काम करने का इच्छुक होते हुए भी उससे काम नहीं मिल पाता है। संसाधनों की कमी के कारण इस प्रकार की बेरोजगारी मौजूद है। 
    (ii) खुली बेरोजगारी शिक्षित बेरोजगारों के बीच मौजूद है आम तौर पर इस तरह के बेरोजगारी शहरी क्षेत्रों में देखी जा सकती है।
    (iii) इसके तहत, कार्यकर्ता काम करने के लिए तैयार है, लेकिन वह किसी भी काम को खोजने में असमर्थ है।
    प्रच्छन्न बेरोजगारी:
    (i) प्रच्छन्न बेरोजगारी अर्थात छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में एक श्रमिक किसी खास काम में इसलिये लगा रहता है क्योंकि उसके पास उससे बेहतर करने को कुछ भी नहीं होता। 
    (ii) दूसरी ओर प्रच्छन्न बेरोज़गारी कृषि क्षेत्र में आम तौर पर मौजूद होती है और ज्यादातर ग्रामीण लोगों में होती है।
    (iii) इसके तहत, कार्यकर्ता काम कर रहा है, लेकिन अगर उसे हटा दिया गया है, तो उत्पादन घटता नहीं है।
    Question 20
    CBSEHHISSH10018508

    “भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में तृतीयक क्षेत्रक कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रहा है।“ क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए।

    Solution

    मैं इस कथन से पूर्णता सहमत नहीं हूँ कि प्रत्येक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रहा है। में अपने उत्तर के पक्ष में निम्नलिखित कारण दे सकता हूँ:

    (क) भारत में तृतीयक क्षेत्र या सेवा क्षेत्र कई अलग-अलग प्रकार के लोगों को रोजगार देता है।

    (ख) प्राथमिक क्षेत्र को पीछे छोड़ते हुए यह क्षेत्र अब भारत का सबसे बड़ा उत्पादन क्षेत्र बन गया है। जी.डी.पी में तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा अब 50% से अधिक है।


            

    Question 21
    CBSEHHISSH10018509

    “भारत में सेवा क्षेत्रक दो विभिन्न प्रकार के लोग नियोजित करते हैं।“ ये लोग कौन हैं?

    Solution

    भारत में सेवा क्षेत्रक दो विभिन्न प्रकार के लोग नियोजित करते हैं:
    (i) अत्यंत कुशल तथा शिक्षित श्रमिकों को, किन्तु उन सेवाओं की संख्या सीमित होती हैं।
    (ii) अकुशल श्रमिक लेकिन बड़ी संख्या में, जैसे, छोटे दुकानदार, मरम्मत करने वाले व्यक्ति, परिवहन चालक, विक्रेता, फेरीवाला , फुटपाथ विक्रेता आदि।

    Question 22
    CBSEHHISSH10018510

    “असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।“ क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए।

    Solution

    हाँ, मैं इस दृष्टिकोण से सहमत हूँ कि असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।

    कारण:
    (i) असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाईयाँ, है जो बड़े पैमाने पर सरकार के नियंत्रण से बाहर होती हैं, इन क्षेत्रकों में सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं होता है।
    (ii) इस क्षेत्रक के नियम और विनयम तो होते हैं परन्तु उनका अनुपालन नहीं होता हैं। वे कम वेतन वाले रोज़गार हैं और प्रायः:नियमित नहीं हैं।
    (iii) यहाँ अतिरिक्त समय में काम करने, सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं हैं। रोज़गार सुरक्षित नहीं हैं।
    (iv) श्रमिकों को बिना किसी कारण काम को छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। कुछ मौसमों में जब काम कम होता है, तो कुछ लोगों को काम से छुट्टी दे दी जाती है।
    (v) बहुत से लोग नियोक्ता की पसंद पर निर्भर होते हैं।

    Question 23
    CBSEHHISSH10018511

    आर्थिक गतिविधियाँ रोजगार की परिस्थितियों के आधार पर कैसे वर्गीकृत की जाती हैं?

    Solution

    अर्थव्यवस्था में कार्यकलापों के आधार पर रोज़गार की परिस्थितियों को निम्नलिखित दो रूपों या क्षेत्रकों में विभाजित किया जाता है। 
    (i) संगठित क्षेत्रक                (ii) असंगठित क्षेत्रक।
    संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम अथवा कार्य-स्थान आते हैं जहाँ रोज़गार की अवधि नियमित होती हैं और इसलिए लोगों के पास सुनिश्चित काम होता है। वे क्षेत्रक सरकार द्वारा पंजीकृत होते हैं और उन्हें सरकारी नियमों एवं विनियमों का अनुपालन करना होता है।
    इसके विपरीत, असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयों, जो बड़े पैमाने पर सरकार के नियंत्रण से बाहर होती हैं, से निर्मित होता हैं। वे कम वेतन वाले रोज़गार हैं और प्रायः:नियमित नहीं हैं। रोज़गार सुरक्षित नहीं है, श्रमिकों को बिना किसी कारण काम से हटाया जा सकता है। 


    Question 24
    CBSEHHISSH10018512

    संगठित और असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना करें।

    Solution

    संगठित क्षेत्रक:
    पंजीकरण: संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम अथवा कार्य-स्थान आते हैं जहाँ रोज़गार की अवधि नियमित होती हैं और इसलिए लोगों के पास सुनिश्चित काम होता है। वे क्षेत्रक सरकार द्वारा पंजीकृत होते हैं।
    नियम: वे पंजीकृत होते हैं, इसलिए उन्हें सरकारी नियमों एवं विनियमों का अनुपालन करना होता है। इन नियमों एवं विनियमों का अनेक विधियों, जैसे, कारखाना अधिनियम न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, सेवानुदान अधिनियम, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, इत्यादि में उल्लेख किया गया हैं।
    वेतन और भत्ते आदि: वे नियोक्ता से कई दूसरे लाभ भी ले सकते हैं जैसे की सवेतन छुट्टी,अवकाश काल में भुक्तान, भविष्य निधि, सेवानुदान इत्यादि पाते हैं।
    रोज़गार की सुरक्षा: संगठित क्षेत्रक के कर्मचारियों को रोज़गार-सुरक्षा के लाभ मिलते हैं। उनसे एक निश्चित समय तक ही काम करने की आशा की जाती है। यदि वे अधिक काम करते हैं तो नियोक्ता द्वारा उन्हें अतिरिक्त वेतन दिया जाता है।
    असंगठित क्षेत्रक:
    सरकार का नियंत्रण न होना: असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयों, है जो बड़े पैमाने पर सरकार के नियंत्रण से बाहर होती हैं, से निर्मित होता हैं।

    अनुशासन का अभाव: इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो होते हैं परन्तु उनका अनुपालन नहीं होता है।

    कम वेतन और सुविधाओं का अभाव: वे कम वेतन वाले रोजगार हैं और प्रायः नियमित नहीं हैं। यहाँ अतिरिक्त समय में काम करने, सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं है।
    रोज़गार की सुरक्षा का अभाव: रोजगार सुरक्षित नहीं है। कुछ मौसमों में जब काम कम होता है, श्रमिकों को बिना किसी कारण काम से हटाया जा सकता है। बहुत से लोग नियोक्ता की पसंद पर निर्भर होते हैं।

     

    Question 25
    CBSEHHISSH10018513

    नरेगा 2005 के उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।

    Solution

    राष्टीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम - 2005  के उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
     
    (i) रा.ग्रा.रो.गा.अ. - 2005 के अंतर्गत उन सभी लोगों, जो काम करने में सक्षम हैं और जिन्हें काम की ज़रूरत हैं, को सरकार द्वारा वर्ष में 100 दिन के रोज़गार की गारंटी दी गई है।

    (ii) यदि सरकार रोज़गार उपलब्ध कराने में असफल रहती है तो वह लोगों को बेरोज़गारी भत्ता देगी ।
    (iii) अधिनियम के अंतर्गत उस तरह के कामों को वरीयता दी जाएगी, जिनसे भविष्य में भूमि से उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

    Question 26
    CBSEHHISSH10018514

    अपने क्षेत्र से उदाहरण लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक की गतिविधियों एवं कार्यों की तुलना कीजिए।

    Solution

    निजी क्षेत्रक:
    (i) निजी क्षेत्रक में परिसम्पतियों पर स्वामित्व और सेवाओं के वितरण की ज़िम्मेदारी एकल व्यक्ति या कंपनी के हाथों में होता है।
    (ii) निजी क्षेत्रक की गतिविधियों का ध्येय लाभ अर्जित करना होता है।
    (iii) इस सेक्टर की सेवाएं केवल भुगतान पर ही प्राप्त की जा सकती हैं, इसलिए गरीब लोग इस सेक्टर की सेवाएं नहीं ले सकते हैं।
    (iv) यह क्षेत्र सार्वजनिक उपयोगिता की सेवाएं प्रदान नहीं करता है।
    उदाहरण: टिस्को, रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स, मोदी टायर्स, बजाज स्कूटर, बर्गर पेंट्स
    सार्वजनिक क्षेत्रक:
    (i) सार्वजनिक क्षेत्रक में, अधिकांश परिसम्पत्तियों पर सरकार का स्वामित्व होता है और सरकार ही सभी सेवाएँ उपलब्ध कराती है।

    (ii) सार्वजनिक क्षेत्रक की गतिविधियों का ध्येय लाभ अर्जित करना नहीं होता है।
    (iii) यह सार्वजनिक उपयोगिता के संरचनाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए धन का निवेश करता है। उदहारण: सड़कों, पुलों, रेलवे, बंदरगाहों, बिजली उत्पादन, बांधों का निर्माण, विद्यालय और कॉलेज भवन आदि का निर्माण।
    (iv) किसी देश के सभी नागरिक इस क्षेत्र द्वारा निर्मित सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं और बिना शर्त के प्राप्त करते हैं।
    (v) यह निवेश के लिए धन को अप्रत्यक्ष रूप से कुछ आय वाले लोगों के करों के माध्यम से और उन्हें भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
    उदाहरण: पोस्ट और टेलीग्राफ, रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी।



    Question 27
    CBSEHHISSH10018515

    अपने क्षेत्र से एक एक उदाहरण देकर निम्न तालिका को पूरा कीजिए और चर्चा कीजिए:
      सुव्यवस्थित प्रबंध वाले संगठन अव्यवस्थित प्रबंध वाले संगठन
    सार्वजनिक क्षेत्रक    
    निजी क्षेत्रक    


    Solution
      सुव्यवस्थित प्रबंध वाले संगठन अव्यवस्थित प्रबंध वाले संगठन
    सार्वजनिक क्षेत्रक डाकघर डीटीसी और डीजेबी
    निजी क्षेत्रक रैन बैक्सी  नॉर्थ दिल्ली इलैक्ट्रीसिटी सप्लाई लिमिटेड    

    सार्वजनिक या सरकारी क्षेत्र में, डाकघर द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं बेहतर और सुलभ हैं। डीटीसी और डीजेबी द्वारा प्रदान की गई दूसरी ओर सेवाएं संतोषजनक नहीं हैं ये अपर्याप्त और अक्षम हैं।
    निजी क्षेत्र में, स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।

    Question 28
    CBSEHHISSH10018516

    सार्वजनिक क्षेत्रक की गतिविधियों के कुछ उदाहरण दीजिए और व्याख्या कीजिए कि सरकार द्वारा इन गतिविधियों का कार्यान्वयन क्यों किया जाता है?

    Solution

    सार्वजनिक क्षेत्रक की गतिविधियों के उदाहरण हैं:
    (i) रेलवे
    (ii) सड़कें
    (iii) डाक और टेलीग्राफ कार्यालय
    (iv) बीएसएनएल और एमटीएनएल
    (v) भारतीय जीवन बीमा निगम
    सरकार ने रक्षा के साथ ही आर्थिक कारणों के लिए उपर्युक्त गतिविधियों को उठाया है। सरकार, देश के परिवहन, संचार और रक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करती है। हर सरकार को कुछ आवश्यक गतिविधियों का पालन करना चाहिए। देश के आंतरिक कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इन गतिविधियों में से अधिकांश भी आवश्यक हैं।

    Question 29
    CBSEHHISSH10018517

    व्याख्या कीजिए कि किसी देश के आर्थिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्रक कैसे योगदान करता है?

    Solution

    सार्वजनिक क्षेत्र एक राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए नीचे बताए गए तरीके से योगदान देता है:

    (i) सार्वजनिक क्षेत्र में भारत के सभी लोगों के लिए सड़कों, पुलों, रेलवे इत्यादि जैसी सेवाओं पर खर्चों को पूरा करने के लिए करों और अन्य तरीकों के माध्यम से धन जुटाया जाता है।

    (ii) गोवरमेंट रेलवे, नौवहन, हवाई जहाज, मेट्रो और स्थानीय रेलगाड़ियां चलाती है। सरकार भारी खर्च करती है और सुनिश्चित करती है कि ऐसी सुविधा सभी के लिए उपलब्ध हो।

    (iii) भारत में सरकार 'उचित मूल्य' पर किसानों से गेहूं और चावल खरीदती है। इससे अपने गोदामों में भण्डारित करती है और राशन की दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर बेचती है। सरकार को लागत का कुछ भाग वहन करना पड़ता है। इस तरह, सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं दोनों का समर्थन किया है।

    Question 30
    CBSEHHISSH10018518

    असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों को निम्नलिखित मुद्दों पर संरक्षण की आवश्यकता है – मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।

    Solution

    असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर संरक्षित किया जाना चाहिए:

    (क) वेतन:
    (i) उन्हें अतिरिक्त समय का भुगतान किए बिना एक दिन में निर्धारित घंटे से अधिक काम करने के लिए मज़बूर बनाया जाता है।

    (ii) दैनिक मज़दूरी के अलावा अन्य भत्ते नहीं मिलते हैं।

    (iii) वे कम वेतन वाले रोज़गार हैं।

    (iv) कोई नौकरी सुरक्षा नहीं है उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।

    (v) वे कम मजदूरी को स्वीकार करने के लिए मजबूर हैं।

    (ख) सुरक्षा: वे आमतौर पर कई खतरनाक उद्योगों में लगे हैं जैसे कांच, सीमेंट, ईंट, खनन और पटाखे उद्योग जहां जोखिम अधिकतम होता है।

    (ग) स्वास्थ्य: कम वेतन के कारण, वे पौष्टिक भोजन नहीं कर पा रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति बहुत खराब है। उनके अमानवीय काम और रहने की स्थिति के कारण, वे अस्वास्थ्यकर रहते हैं।

    Question 31
    CBSEHHISSH10018519

    अहमदाबाद में किए गए एक अध्ययन पत्र में पाया गया कि नगर के 15,00,000 श्रमिकों में से 11,00,000 श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम करते थे। वर्ष 1997 – 98 में नगर की कुल आय 600 करोड़ रुपये थी इसमें से 320 करोड़ रुपये संगठित क्षेत्रक से प्राप्त होते थे। इस आँकड़े को सारणी में प्रदर्शित कीजिए‌। नगर में और अधिक रोजगार सृजन के लिए किन तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए।

    Solution
      संगठित क्षेत्रक असंगठित क्षेत्रक कुल योग
    श्रमिकों की संख्या 400,000 1,100,000 1,500,000
    कुल आय (करोड़ रुपये) 320 280 600

    शहर में अधिक रोजगार सृजन करने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जाना चाहिए:
    (i) अधिक उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और संयुक्त क्षेत्र में स्थापित किए जाने चाहिए।
    (ii) शहर में रहने वालों को खुद के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए पर्याप्त ऋण प्रदान किया जाना चाहिए।(iii) आवासीय परिसरों, वाणिज्यिक परिसरों, सड़कों, गलियों, स्कूल भवनों, अस्पतालों आदि के निर्माण के लिए निर्माण कार्य लिया जाना चाहिए।
    (iv) बैंकिंग सेवाएं, एटीएम, कॉल सेंटर, स्वास्थ्य सुविधाएं, शैक्षणिक संस्थान, उद्यान, पार्क, मनोरंजन केंद्र और वित्तीय प्रतिष्ठानों को सरकारी, निजी उद्यमों, एनआरआई द्वारा शुरू किया जाना चाहिए।

    Question 32
    CBSEHHISSH10018520

    निम्नलिखित तालिका में तीनों क्षेत्रकों का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) रुपये (करोड़) में दिया गया है:
    वर्ष प्राथमिक द्वितीयक तृतीयक
    1950 80,000 19,000 39,000
    2000 3,14,000 2,80,000 5,55,000
    (क) वर्ष 1950 एवं 2000 के लिए जी.डी.पी में तीनों क्षेत्रकों की हिस्सेदारी की गणना कीजिए।
    (ख) अध्याय में दिए आरेख-2 के समान एक दण्ड-आरेख के रूप में प्रदर्शित कीजिए।
    (ग)  दंड-आरेख से हम क्या निष्कर्ष प्राप्त करते हैं? 

    Solution

    (क) वर्ष 1950 में कुल जीडीपी = 80,000 + 19,000 + 39,000 = 138,000

    वर्ष 1950 में प्राथमिक सेक्टर की हिस्सेदारी = (80,000/138,000) × 100=100 = 57.97%

    वर्ष 1950 में द्वितीयक सेक्टर की हिस्सेदारी = (19,000/138,000) × 100 = 13.76%

    वर्ष 1950 में तृतीयक सेक्टर की हिस्सेदारी =(39,000 )/138,000 × 100 = 28.26%

    वर्ष 2000 में कुल जीडीपी = 314,000 + 280,000 + 555,000 = 1,149,000

    वर्ष 2000 में प्राथमिक सेक्टर की हिस्सेदारी = (314,000/1,149,000) × 100 = 27.32%

    वर्ष 2000 में द्वितीयक सेक्टर की हिस्सेदारी = (280,000/1,149,000) × 100 = 24.36%

    वर्ष 2000 में तृतीयक सेक्टर की हिस्सेदारी = (555,000/1,149,000) × 100 = 48.30%
    (ख) 

     (ग) हम उपर्युक्त बार ग्राफ़ से निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं:
    (i) 1950 में, प्राथमिक क्षेत्र का योगदान सबसे बड़ा था दूसरे स्थान पर तृतीयक क्षेत्र जबकि माध्यमिक क्षेत्र का योगदान सबसे से कम था।
    (ii) 2000 में स्थिति बदल गई थी। तृतीयक क्षेत्र का योगदान अधिकतम था, दूसरा स्थान प्राथमिक क्षेत्र ने बनाए रखा गया जबकि तीसरे स्थान द्वितीयक क्षेत्र का था।

     

    Question 33
    CBSEHHISSH10018684

    उस नदी का नाम लिखिए, जिसका संबंध 'राष्ट्रीय नौगम्य जलमार्ग' संख्या-1 से है। 

    Solution

    'गंगा नदी' है, जिसका संबंध 'राष्ट्रीय नौगम्य जलमार्ग' संख्या-1 से है।

    Question 34
    CBSEHHISSH10018689

    उपभोक्ता के 'चुनने के अधिकार' का कोई उदहारण दीजिए। 

    Solution

    उपभोक्ता को 'चुनने के अधिकार' का उदहारण -
    यदि कोई एक व्यक्ति दन्त मंजन खरीदना चाहता है और दुकानदार कहता है कि केवल दन्त मंजन खरीदना चाहते हो या साथ में एक ब्रुश भी। यदि आप ब्रुश खरीदने के इच्छुक नहीं है तब आपको मना करने (ब्रुश नहीं चाहिए केवल दन्त मंजन चाहिए) का अधिकार है।

    Question 35
    CBSEHHISSH10018695

    भारत में लौह अवस्क की 'ओडिशा-झारखण्ड पेटी' की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 

    Solution

    लौह - अयस्क की 'ओडिशा- झारखंड पेटी' -
    (i) ओडिशा में उच्च काटि का हेमेटाइट किस्म का लौह अयस्क पाया जाता है।
    (ii) लौह अयस्क मयूरभंज व केन्दूझर जिलों में बादाम पहाड़ खदानों से निकाला जाता है।
    (iii) इसी से सन्निहद झारखंड के सिंहभूम जिले से गुआ तथा नोआमन्ड़ी से हेमेटाइट अयस्क का खनन किया जाता है।

    Question 36
    CBSEHHISSH10018707

    'ऊर्जा' के बचत ही ऊर्जा उत्पादन है।' इस कथन का आकलन कीजिए।

    Solution

    वर्तमान में भारत विश्व के अल्पतम ऊर्जादक्ष देशों में गिना जाता है। हमें ऊर्जा के सीमित संसाधनों को न्यायसंगत उपयोग के लिए सावधानीपूर्वक उपागम अपनाना होगा।
    (i) एक जागरूक नागरिक के रूप में हम यातायात के लिए सार्वजनिक वाहन का उपयोग करके ऊर्जा की बचत कर सकते हैं।
    (ii) आख़िरकार ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है।
    (iii) विद्युत बचत करने वाले उपकरणों के प्रयोग से बिजली का बचत होती है।
    (iv) गैर पारम्परिक ऊर्जा साधनों के प्रयोग से हम अपना योगदान दे सकते हैं।
    (v) जब प्रयोग न हो रही हो तो बिजली बंद करके। विद्युत बचाई जा सकती है।

    Question 37
    CBSEHHISSH10018754

    बुनियादी सेवाओं से क्या तात्पर्य हैं?

    Solution

    किसी भी देश में, इस तरह के अस्पतालों, शैक्षणिक संसाधनों, पोस्ट और टेलीग्राफ सेवाओं, पुलिस स्टेशनों, अदालतों, गांव प्रशासनिक कार्यालयों, नगर निगम, रक्षा, परिवहन, बैंकों, बीमा कम्पनियों, आदि के रूप में कई सेवाओं के लिए आवश्यक हैं। इन्हें बुनियादी सेवाओं के रूप में माना जाता है।

    Question 38
    CBSEHHISSH10018755

    संगठित और असंगठित क्षेत्र के बीच क्या अंतर हैं?

    Solution

    संगठित क्षेत्र:

    1. यह क्षेत्र सरकार द्वारा पंजीकृत है।
    2. रोजग़ार के मामले में नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं।
    3. इस क्षेत्र में कारखाना अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, आदि जैसे विभिन्न कानूनों द्वारा नियंत्रित किया जाता है ।

    असंगठित क्षेत्र:

    1. यह क्षेत्र सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं है।
    2. रोजग़ार के मामले में नियमित रूप से नहीं कर रहे हैं।
    3. असंगठित क्षेत्र के छोटे और बिखरी इकाइयाँ सरकारी नियंत्रण से बाहर होती है। इसमें नियम और कानून है, लेकिन अनुपालन नहीं होता है।

    Question 39
    CBSEHHISSH10018756

    उद्यम से क्या मतलब है? स्वामित्व केआधार पर उद्यमी को कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है?

    Solution

    जब कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह सामान या सेवाओं के उत्पादन या वितरण में लगे होते हैं जो मुख्य रूप से बिक्री के उद्देश्य के लिए होते हैं, तो इसे एक उद्यम कहा जाता है।

    उद्यमों को निजी क्षेत्र के उद्यम और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम में वर्गीकृत किया जा सकता है।

    लाभ बनाने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र के उद्यमों का स्वामित्व और व्यक्तियों, या व्यक्तियों के समूह द्वारा संचालित किया जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का स्वामित्व सरकार द्वारा किया जाता है। सरकार लोगों के लाभ के लिए अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण रखने में सक्षम हैं। जब दोनों सरकार और व्यक्ति साझेदारी के आधार पर उद्यम चलाने के लिए एक समझौते में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें संयुक्त उद्यम के रूप में जाना जाता है।

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    Question 40
    CBSEHHISSH10018757

    बेरोजगारी के किन्हीं तीन कारणो का उल्लेख कीजिए?

    Solution

    बेरोजगारी के कारण:

    1. अपर्याप्त आर्थिक विकास: यह सच है कि नियोजित विकास के तहत लाखों न नए रोजगार बनाया गया है लेकिन रोजगार देखने वालों की संख्या उन नौकरियों की तुलना में कहीं अधिक थी। इसी कारण कई लोग अभी भी भारत में बेरोजगार हैं।
    2. शिक्षा की दोषपूर्ण प्रणाली: हमारी शिक्षा प्रणाली में प्रशिक्षण सुविधाओंकी कमी है, व्यावसायिक और व्यावसायिक मार्गदर्शन की कमी है।
    3. औद्योगिकीकरण की धीमी वृद्धि: देश में औद्योगिकीकरण की धीमी वृद्धि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी का एक और कारण है।

    Question 41
    CBSEHHISSH10018758

    राज्य को सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा करने की क्या जरूरत है?

    Solution
    1. सामाजिक न्याय और समानता प्राप्त करने के लिए।
    2. एक किफायती मूल्य पर बुनियादी सेवाए प्रदान करने के लिए।
    3. रोजगार के अवसर बढाने के लिए।
    Question 42
    CBSEHHISSH10018759

    बेरोजगारी और छिपी बेरोजगारी केबीच क्या अंतर है?

    Solution

    बेरोजगारी:

    1. बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक सक्षम व्यक्ति जो मौजूदा मजदूरी दर पर काम करने के इच्छुक है, वह काम नहीं कर सकता है। संसाधनों की कमी के कारण इस प्रकार की बेरोजगारी मौजूद है।
    2. शिक्षित बेरोजगार के बीच बेरोजगारी मौजूद है। आम तौर पर शहरी क्षेत्रों में इस प्रकार की बेरोजगारी देखी जा सकती है।
    3. इसके तहत, कार्यकर्ता काम करने के लिए तैयार है, लेकिन वह कोई काम नहीं ढूंढ पा रहा है।

    छिपी बेरोजगारी:

    1. छिपी हुई बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें आवश्यक लोगों की तुलना में अधिक लोग गतिविधि में व्यस्त हैं। वैकल्पिक रोजगार के अवसरों की अनुपस्थिति इस स्थिति की ओर ले जाती है।
    2. दूसरी तरफ छिपी हुई बेरोजगारी आम तौर पर कृषि क्षेत्र में और ज्यादातर ग्रामीण लोगों में मौजूद है।
    3. इसके तहत, कार्यकर्ता काम कर रहा है, लेकिन अगर उसे हटा दिया जाता है, तो उत्पादन नहीं गिरता है।

    Question 43
    CBSEHHISSH10018760

    सार्वजनिक क्षेत्र ओर निजी क्षेत्र के बीच क्या अन्तर है?

    Solution

    सार्वजनिक क्षेत्र

    1. सार्वजनिक क्षेत्र उस क्षेत्र को संदर्भित करता है जिसमें सरकार अधिकांश संपत्तियों का मालिक है और अधिकांश गतिविधियों का संचालन करती है सरकार उत्पादन और वितरण के साधनों को नियंत्रित करती है
    2. यह क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और लोगोंको सुरक्षा जैसी बुलवाते- सुविधाएं प्रदान करता है।
    3. उदाहरण भारतीय रेल, डाकघर आदि।

    निजी क्षेत्र:

    1. वह क्षेत्र जहां संपत्तियों का स्वामित्व एक व्यक्तिगत अथवा व्यक्तियों का समूह या कंपनियों के हाथों में है, वे निजी सेवक के रूप में जानी जाती हैं। इस क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ है।
    2. निजी क्षेत्र के उद्योगों के उदाहरण हैं टिस्को, मुंबई और अहमदाबाद आदि में कपास वस्त्र उद्योग, रिलायस, टिस्को, आदि।

    Question 44
    CBSEHHISSH10018761

    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) से क्या तात्पर्य है?

    Solution

    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 25 अगस्त 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं।

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