वसंत, भाग – 2 Chapter 4 कठपुतली
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    NCERT Solution For Class 7 Hindi वसंत, भाग – 2

    कठपुतली Here is the CBSE Hindi Chapter 4 for Class 7 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 7 Hindi कठपुतली Chapter 4 NCERT Solutions for Class 7 Hindi कठपुतली Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 7 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN7000305

    कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

    Solution

    कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वो धागे में बंधी हुई पराधीन है और वह स्वतंत्रता की इच्छा रखती है।

    Question 2
    CBSEENHN7000306

    कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

    Solution

    कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है लेकिन वह खड़ी नहीं होती कयोंकि वह धागे से बंधी हुई होती है, उसके अन्दर स्वतंत्रता के लिए लड़ने की क्षमता नहीं है और अपने पैरो पर खड़े होने की शक्ति भी नहीं है।

    Question 3
    CBSEENHN7000307

    पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी ?

    Solution

    पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को अच्छी लगी क्योंकि पहली कठपुतली स्वतंत्र होने की बात कर रही थी और दूसरी कठपुतलियाँ भी बंधन से मुक्त होकर आज़ाद होना चाहती थीं।

    Question 4
    CBSEENHN7000308

    पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’-तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए-

    • उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी।
    • उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
    • वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
    • वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

    Solution

    पहली कठपुतली ने अपनी इच्छा तो व्यक्त कर दी कि मुझे स्वतंत्र होना है। लेकिन बाद में उसे अपनी ज़िम्मेदारी महसूस होती है कि स्वतंत्र होने की क्षमता उसमें नहीं है। अकेले स्वतंत्र होना एक अलग बात है तथा दूसरों को भी स्वतंत्र करवाना एक अलग बात है। उसे लगा उसकी उम्र अभी इतनी नहीं है कि वो सबकी ज़िम्मेदारी उठा सके।

    Question 5
    CBSEENHN7000309

    ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’- इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-

    (क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।

    (ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।

    (ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।

    (घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।

    Solution

    मन के छंद से यहाँ तात्पर्य मन की खुशी से है। अर्थात् यहाँ कठपुतलियाँ कहती हैं कि बहुत दिनों से हमने अपनी मर्ज़ी से अपनी खुशी के लिए कुछ नहीं किया। इसी कारण से हमारे मन की इच्छाएँ खत्म हो गई हैं, हमारे मन का दुख दूर नहीं हुआ।

    Question 8
    CBSEENHN7000312

    स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियों ने कैसे लड़ी होंगी और स्वतंत्र होने के बाद स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे में बाँधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी ?

    Solution

    स्वतंत्र होने के लिए कठपुतलियों ने पहले तो पराधीनता के खिलाफ़ आवाज़ उठाई होंगी। फिर अपने धागों को तोड़ दिया होगा।

    यदि उन्हें फिर से धागे में बाँधने के प्रयास किए गए होंगे तो उन्होनें धागों में बंधना स्वीकार नहीं किया होगा तथा पूरी शक्ति से संघर्ष किया होगा।

    Question 9
    CBSEENHN7000313

    नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए-

    (क) सन्‌ 1857 

    (ख) सन्‌ 1942

    Solution

    (क) सन्‌ 1857 – (i) रानी लक्षमीबाई (ii) तांत्या टोपे।

    (ख) सन्‌ 1942 – (i) चंद्रशेखर आज़ाद (ii) भगत सिंह।

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