वसंत, भाग – 2 Chapter 17 वीर कुवँर सिंह
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    NCERT Solution For Class 7 Hindi वसंत, भाग – 2

    वीर कुवँर सिंह Here is the CBSE Hindi Chapter 17 for Class 7 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 7 Hindi वीर कुवँर सिंह Chapter 17 NCERT Solutions for Class 7 Hindi वीर कुवँर सिंह Chapter 17 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 7 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN7000416

    वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया ?

    Solution

    वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं :-

    (i) शूरवीर- कुँवर सिंह शुरवीर व्यक्ति थे। उनकी शूरवीरता ही थी कि उनके वृद्ध होने पर भी ‘आरा’ क्रान्ति का महत्वपूर्ण केन्द्र था।

    (ii) साहसी – वीर कुँवर सिंह एक साहसी व्यक्ति थे। इनका साहस ही था कि उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे।

    (iii) बुद्धिमान एंवम चतुर – कुँवर सिंह एक बुद्धिमान एवम्‌ चतुर व्यक्ति थे अपनी चतुरता व सूझबूझ के कारण ही एक बार कुँवर सिंह जी को गंगा पार करनी थी पर अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी थी। उनसे बचने के लिए उन्होंने ये अफ़वाह उड़ा दी कि वे बलिया से हाथियों पर अपनी सेना के साथ नदी पार करेंगे परन्तु किया इसका उल्टा उन्होंने शिवराजपुर से नदी पार कर ली और अंग्रेज़ो को मूर्ख बना दिया था। छापामार युद्ध में तो उनका कोई सानी नहीं था।

    (iv) दानवीर दयालु – कुँवर सिंह स्वभाव से दानवीर व दयालु प्रवृति के थे उनकी स्वयं की माली हालत ठीक नहीं थी परन्तु फिर भी वे निर्धन व्यक्तियों की मदद किया करते थे उन्होंने उनको मार्गों, कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया था।

    (v) उदार एवं सवेंदनशील– कुँवर सिंह जी की सेना में हर धर्म के व्यक्ति थे, इब्राहीम खाँ और किफ़ायत हुसैन, उनकी सेना में उच्च पदों पर नियुक्त थे। वे हर धर्म का सम्मान किया करते थे, उन्होंने पाठशाला और मकतब दोनों का ही निर्माण करवाया था।

    Question 2
    CBSEENHN7000417

    कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?

    Solution

    कुँवर सिंह को पढ़ने लिखने के स्थान पर घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में मज़ा आता था। अवश्य इन कार्यों के कारण ही उनके अन्दर एक वीर पुरूष का विकास हुआ था, जिससे आगे चलकर उन्होंने अनेकों वीरतापूर्ण कार्य कर इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। यदि वे ये कार्यों को ना करते तो अंग्रेज़ों से अनेकों युद्ध कैसे लड़ते।

    Question 3
    CBSEENHN7000418

    सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।

    Solution

    ये कथन कुँवर वीर सिंह के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। वे एक सांप्रदायिक व्यक्ति थे उनकी सेना में धर्म के आधार पर नहीं अपितु कार्यक्षमता व शौर्यता के आधार पर नियुक्ति होती थी । इसका उदाहरण इब्राहीम खाँ और किफ़ायत हुसैन थे जो सेना पर उच्च पदों पर आसीन थे।उन्होंने हमेशा हिन्दुओं और मुसलमानों में सांप्रदायिक सद्भावना को रखते हुए हिन्दुओं के लिए पाठशाला व मुसलमानों के लिए मकतब बनवाए।

    Question 4
    CBSEENHN7000419

    पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?

    Solution

    साहसी व्यक्ति उनके साहसी होने का प्रमाण उनकी स्वयं की जीवन गाथा है जो अनेकों उदाहरणों से भरी है। वे इतने वृद्ध होते हुए भी अंग्रेज़ों से लोहा लेते हुए तनिक भी घबराए नहीं । अपनी पूरी उम्र उन्होंने युद्ध करने व स्वतंत्रता संग्राम में ही व्यतीत कर दी। परन्तु उनके साहस का सही परिचय तब मिलता है जब गंगा पार करते हुए अंग्रेज़ों की गोली के द्वारा घायल हाथ को बेकार होने की शंका से गंगा माँ को भेंट चढ़ा दिया। उसके बाद भी वह उसी कार्यकुशलता से अग्रेज़ों के साथ युद्ध करने में तत्पर रहे जो उनके अतुल साहस का परिचय है।

    उदार व्यक्ति वीर सिंह जी का व्यक्तित्व उदार था। वे लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे अपितु स्वयं उनकी माली हालत ठीक ना थी पर वे किसी निर्धन को खाली हाथ नहीं भेजते थे। उनकी इसी उदारता का परिचय है कि उन्होंने अनेक तालाबों, कुओं, स्कूलों, मार्गों का निर्माण करवाया था।

    स्वाभिमानी व्यक्ति – कुँवर सिंह जी स्वाभिमानी व्यक्ति थे। उनका स्वाभिमान ही था कि उन्होनें अंग्रेज़ों की पराधीनता के स्थान पर उनके विरूद्ध खड़ा होकर सर उठा कर जीना स्वीकारा।

    Question 5
    CBSEENHN7000420

    आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फ़रोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुँवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?

    Solution

    वीर कुँवर सिंह भली-भाँति इस बात से अवगत थे कि अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी हुई है। वे ऐसे स्थानों को चुनते थे जो उनकी गुप्त बैठकों के लिए उपयुक्त स्थान हो। जहाँ पर वो अग्रेज़ों के खिलाफ़ गुप्त योजनाएँ सक्रिय ढंग से बना सके। इसके लिए उन्होनें बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों के लिए चुना था। यहाँ पर सारे क्रांतिकारी एकत्र होकर अग्रेज़ों के खिलाफ़ गुप्त योजनाओं को कार्यान्वित रूप दिया करते थे।

    Question 6
    CBSEENHN7000421

    आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे-सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्णनी की मात्रा दीर्घ ी (ई) से ह्रस्व ि (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता जैसे-दृष्टि से दृष्टियों।

    नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए-

    • नीति……………..
    • ज़िम्मेदारियों……………..
    • सलामी……………
    • स्थिति……………
    • स्वाभिमानियों……………
    • गोली………………

    Solution

     

    नीति

    नीतियों

    स्थिति

    स्थितियों

    सलामी

    सलामियों

    गोली

    गालियों

    ज़िम्मेदारियों

    ज़िम्मेदारी

    स्वाभिमानियों

    स्वाभिमानी

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