वसंत, भाग – 2 Chapter 11 रहीम के दोहे
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    NCERT Solution For Class 7 Hindi वसंत, भाग – 2

    रहीम के दोहे Here is the CBSE Hindi Chapter 11 for Class 7 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 7 Hindi रहीम के दोहे Chapter 11 NCERT Solutions for Class 7 Hindi रहीम के दोहे Chapter 11 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 7 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN7000375

    पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।

    Solution

    उदाहरण वाले दोहे –

    (i) तरूवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।

    कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान||

    (ii) थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।

    धनी पुरूष निर्धन भए, करें पाछिली बात||

    (iii) धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।

    जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह||

    कथन वाले दोहे 

    (1) कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।

    बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत||

    (2) जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।

    रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह||

    Question 2
    CBSEENHN7000376

    रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?

    Solution

    क्वार के मास में जो बादल आसमान में होते हैं वे सक्रिय नहीं होते अर्थात्‌ केवल गरज कर ही रह जाते हैं बरसते नहीं हैं। उसी प्रकार जो निर्धन हो गए हैं वे केवल बड़बड़ा कर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते हैं। इसलिए कवि ने दोनों में समानता दिखाई है।

    Question 3
    CBSEENHN7000377

    निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित-हिंदी रूप लिखिए-

    जैसे-परे-पड़े (रे, ड़े)

    बिपति      बादर

    मछरी       सीत

    Solution

    (i)

    बिपति –

    विपत्ति

    (ii)

    बादर –

    बादल

    (iii)

    मछरी –

    मछली

    (iv)

    सीत –

    शीत

    Question 4
    CBSEENHN7000378

    नीचे दिए उदाहरण पढ़िए-

    (क) बनत बहुत बहु रीत।

    (ख) जाल परे जल जात बहि।

    उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग। इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।

    Solution
    1. चारू चंद्र की चंचल किरणें (यहाँ ‘च’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
    2. रघुपति राघव राजा राम (यहाँ ‘र’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
    3. विमल वाणी ने वीणा ली (यहाँ ‘व’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
    4. मुदित महीपति मंदिर आए (यहाँ ‘म’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
    5. तरनि तनूजा तट तमाल तरूवर बहुछाए (यहाँ ‘त’ वर्ण की आवृति बार-बार हुई है)
    6. जहाँ एक ही वर्ण की आवृति एक से अधिक बार की जाए वहाँ ‘अनुप्रास’ अंलकार होता है।

    Question 5
    CBSEENHN7000379

    नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए-

    (क) तरुवर फल……………….सचहिं सुजान||

    (ख) धरती की-सी……………….यह देह||

    Solution

    (क) हमारे मन में परोपकार की भावना का उदय होगा और हमारे मन से लोभ तथा मोह नष्ट हो जाएगा। लोगों में कटुता, द्वेष तथा विषमता कम होगी और सदभाव बढ़ेगा।

    (ख) हमारा शरीर तथा मन सहनशील होगा और हम आने वाले कष्ट के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, हमें दुख की अनुभूति कम होगी।

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