नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।
(क) “नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।” तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की ज़रूरत है या नहीं? कारण भी बताओ।
(ख) “रोज त्योहार मनाएँगे।” तुम्हारे विचार से क्या रोज़ त्योहार मनाना उचित है? क्यों?
(ग) “सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे। दूध पूत के लिए बदल देगें तारों की चाल” क्या ऊपर लिखी बातें संभव हो सकती हैं? कारण भी पता करो?
(घ) कवि ‘हम धरती के लाल’ ही क्यों कहना चाहते हैं?
(क) हमारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की आवश्यकता नहीं है। संसार, इंसान से बनता है। अतः बदलाव की आवश्यकता है, तो वह केवल इंसान में है। यदि इंसान में सुधार हो जाता है, तो संसार अपने आप नया हो जाएगा। यदि हम नया संसार बनाते हैं या नया इंसान बनाते हैं, तो इसमें इस बात की गारण्टी नहीं है कि उसमें समस्याएँ, असमानाताएँ नहीं आएगीं। इसलिए इस बात को भुलाकर हमें स्वयं में बदलाव करने की आवश्यकता है।
(ख) हमारे विचार से रोज़ त्योहार मनाना उचित नहीं है। इसके बहुत से कारण हैं। वे इस प्रकार हैं-
(i) रोज़ त्योहार मनाने से मनुष्य इन्हीं में उलझा रहेगा और अन्य कार्य नहीं कर पायेगा।
(ii) लोगों पर इससे आर्थिक दबाव बन जाएगा।
(iii) जीवन में उमंग शेष नहीं रहेगी। त्योहार जीवन में बदलाव लाते हैं और यदि रोज़ ही त्योहार होंगे, तो उमंग के लिए स्थान ही नहीं बचेगा।
(iv) लोगों का समय नष्ट होगा। त्योहारों की तैयारी महीनों पहले से आरंभ हो जाती है। यदि त्योहार रोज़ होगें, तो लोगों को उसकी तैयारी में समय देना पड़ेगा। इससे लोगों का बहुत समय नष्ट होगा।
(v) सबसे बड़ी और मुख्य बात त्योहारों का महत्व कम हो जाएगा।
(ग) कवि की ये बात संभव हो सकती हैं। यदि मनुष्य मेहनत करे। मेहनत से ही वह धरती पर सौ-सौ स्वर्ग उतार सकता है। कवि के अनुसार यदि सभी मनुष्य एक साथ मेहनत करें, तो पृथ्वी का हर स्थान लहलहा उठेगा। उसकी सुंदरता इतनी अनुपम होगी कि मानो चारों और स्वर्ग उतर आएँ हों। इस तरह हमारे द्वारा की गई मेहनत आने वाली पीढ़ियों के भाग्य को बदलकर रख देगी और वे हमेशा फलते-फूलते हुए इस पृथ्वी पर रहेगें।
(घ) कवि हम धरती के लाल इसलिए कहना चाहता है ताकि वह मनुष्य का संबंध धरती से व्यक्त कर सके। एक संतान का कर्तव्य होता है कि वह अपने माता-पिता के लिए कुछ करे। जब हम धरती को माँ मानने लगते हैं या कहने लगते हैं, तो उससे भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। यह भावनात्मक संबंध हमें याद दिलाता कि हमें अपनी माँ के लिए कुछ करना है।