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NCERT Solutions for Class 12 Help.html Aroh Bhag Ii Chapter 2 आलोक धन्वा

आलोक धन्वा Here is the CBSE Help.html Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 Help.html आलोक धन्वा Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 Help.html आलोक धन्वा Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 Help.html.

Question 1
CBSEENHN12026061

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

सबसे तेज बौछारें गईं भादों गया

सवेरा हुआ

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

शरद आया पुलों को पार करते हुए

अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए

पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

चमकीले इशारो से बुलाते हुए और

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

कि पतंग ऊपर उठ सके

दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज उड़ सके

दुनिया का सबसे पतला कागज उड़ सके-

बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-

कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और

तितलियों की इतनी नाजुक दुनिया

Solution

प्रस्तुत पक्तियाँ आधुनिक युग के कवि आलोक धन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतग’ से अवतरित हैं। इस कविता में कवि ने पतंग के बहाने बात सुलभ इच्छाओं और उमग, का सजीव चित्रण किया है। पतग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना होता है।

व्याख्या: कवि के अनुसार समय परिवर्तनशील है। इसके अनुसार ही ऋतुओं का बारी-बारी से आगमन होता है। इसी क्रम में भादों का महीना बरसात का होता है। इस मास में तेज बौछारें पड़ती हैं। तेज बौछारों और भादो की विदाई साथ-साथ होती है। भादों की रातें अँधेरी होती हैं। भादों के जाते ही शरद की उजियाली फैल जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि रात बीत गई और सवेरा हो गया। इस सवेरे की तुलना खरगोश की लाल आँखों से की गई है। सवेरे में सूर्य की लालिमा भी मिली होती है। खरगोश की आँखों के समान लालिमा और चमक से युक्त एक नए सवेरे का आगमन हो चुका है। कवि शरद का मानवीकरण करते हुए कहता है कि शरद अपनी नई चमकदार साइकिल को तेज गति से चलाते हुए और जोर-जोर से उसकी घंटी को बजाकर पतग उड़ान वाले बच्चो के समुह को सुंदर संकेतों के माध्यम से बुला रहा है।

इस समय बच्चे पतंग उड़ा रहे हैं अत: शरद आकाश को इतना मुलायम बना देता है कि बच्चों की पतंग आसानी से ऊपर की ओर: उठ सके अर्थात् वह उनके लिए अनुकूल वातावरण की सृष्टि कर देता है। पतंग दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन वस्तु है। वह उसे उड़ाने में सहायक बनता है। पतंग अत्यंत पतले कागज से बनी होती है और इसमें बाँस की पतली कमानी भी लगी होती है। ये सब चीजें मिलकर पतंग का निर्माण करती हैं। शरद का सवेरा इन सबको उड़ने के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण करता है। पतंग के उड़ने के साथ ही बच्चों की सीटियों एवं किलकारियों का दौर शुरू हो जाता है। तितलियों की दुनिया भी बड़ी नाजुक होती हे। वे भी मधुर गुजार करने लगती है। बच्चों का संसार भी इन तितलियों के समान होता है

Question 6
CBSEENHN12026066

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास

जब वे दौड़ते हैं बेसुध

छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं

डाल की तरह लचीले वेग से अकसर

छतों के खतरनाक किनारों तक-

उस समय गिरने से बचाता है उन्हें

सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज एक धागे के सहारे

पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं

अपने रंध्रों के सहारे

अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं

पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है

उनके बेचैन पैरों के पास।

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