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NCERT Solutions for Class 10 विज्ञान कृतिका भाग २ Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?

मैं क्यों लिखता हूँ? Here is the CBSE विज्ञान Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 विज्ञान मैं क्यों लिखता हूँ? Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 विज्ञान मैं क्यों लिखता हूँ? Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 विज्ञान.

Question 1
CBSEENHN100018889

“आज आपकी रिपोर्ट छाप हूँ तो कल ही अखबार बंद हो जाए” -स्वतंत्रता संग्राम के दौर में समाचार-पत्रों के इस रवैये पर ‘एही तैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा’ के आधार पर जीवन-मूल्यों की दृष्टि से लगभग १५० शब्दों में चर्चा कीजिए।” [4]
अथवा
‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि विज्ञान के दुरुपयोग से किन मानवीय मूल्यों की क्षति होती हैं ? इसके लिए हम क्या कर सकते हैं ?

Solution

जहाँ एक ओर विज्ञान ने  जीवन को आसान बनाया है वहीं दूसरी ओर विज्ञान ने समस्त प्राणी जगत को संकट में डाल दिया है |

"Our scientific power has outrun our spiritual power. We have guided missiles and misguided men."

-Martin Luther King, Jr.

एक महान व्यक्ति ने एक बार कहा था, हमारी वैज्ञानिक शक्ति ने हमारी आध्यात्मिक शक्ति का नाश कर दिया है | हमारे पास बेहतर तकनीक वाली मिसाइल्स, बॉम इत्यादि हैं लेकिन इन हथियारों को नियंत्रित करने वालों में नैतिकता नहीं हैं |

इसका उपाय है विज्ञान के साथ-साथ हमें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाये | भारत जगत गुरु है | इस देश की संस्कृति है "वसुधैव कुटुम्बकम" | प्राचीन समय में भारत में गुरुकुलों में नैतिक शिक्षा और चरित्र निर्माण पर ही बल दिया जाता था |

"When wealth is lost, nothing is lost; when health is lost, something is lost; when character is lost, all is lost."

-Billy Graham

आज विश्व में भारत की संस्कृति को सभी श्रेष्ठ मानते हैं | जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं हम प्रकृति से प्राप्त करते हैं, विज्ञान की प्रगति सदा ही प्रकृति का विनाश करती है |

अतः हमें विज्ञान का उपयोग उन गतिविधियों तक ही सीमित रखना चाहिए जो जीवन के लिए आवश्यक हों और जिनसे पृथ्वी पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव न्यूनतम हों |

अथवा

मैं क्यों लिखता हूँ' लेखक के अनुसार 

आज विज्ञान का दुरुपयोग कई तरह से हो रहा है। दुनिया देश विकास के लिए जीवाश्म इंधनों का बढ़ चढ़कर उपयोग कर रहे हैं जिससे हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे विनाश की ओर बढ़ रहा है। कई देश एक से बढ़कर एक जैविक हथियार तैयार कर रहे हैं। 

1. हीरोशिमा में हुए विस्फोट के हमलों के कारण  लेखक कल्पना करते हैं और पीढ़ित लोगों के पीढ़ा को भी वह व्यक्त करते हैं।

2. विज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए हवाई जहाज , गाडियों आदि का निर्माण किया, इसकी वजह से जिससे हमारा पर्यावरण हो रहा है |

3. चिकत्सा के क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड का दुरूपयोग किया जा रहा है , लोग गर्भ में पल रहे लिंग की जाँच करके गर्भ में हत्या कर दे रहे है |

4. विज्ञान ने कंप्यूटर का अविष्कार किया फिर इंटरनेट का , और मानव काम का बोझ कम कर लिए लेकिन कुछ लोगों ने इसका दुरूपयोग करना शुरू कर दिया |

विज्ञान का दुरुपयोग रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपने आप से शुरुआत करनी होगी । मैं ये कोशिश करूँगा कि मेरे कारण पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुँचे। उसके बाद मैं अपने समाज में विज्ञान के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाउंगा। 

पर्यावरण साफ़ होगा तभी हम जीवन सफल होगा |

 

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