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क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?
वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों से अपघटित हो जाते हैं, जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। ये पदार्थ जीवाणुओं द्वारा स्रावित किए जाने वाले एन्ज़ाइमों की मदद से कुछ समय के अंतराल में सरल अणुओं में परिवर्तित हो जाते हैं। उदहारण- जैविक खाद।
अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ जैविक प्रक्रमों से अपघटित नहीं होते। यह पदार्थ सामान्यतः अक्रिय हैं, और लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं। उदाहरण-मानव निर्मित प्लास्टिक।
ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित करते हैं-
1) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ जैसे पेड़ों के पत्ते, सब्ज़ियों के छिलके आदि खाद बनाने के काम आ सकते हैं।
2) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों में कार्बन की मात्रा ज़्यादा होती है। इनके पदार्थों के अपघटन से वातावरण में कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है।
ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
दो तरीके जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-
1) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का अपघटन नहीं हो पाता जिससे वे भूमि और जल संसाधनों को दूषित करते हैं।
1) वे खाद्य शृंखला में मिलकर जैव आवर्धन करते हैं और मनुष्यों को हानि पहुँचाते हैं।
पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बनाइए।
आहार श्रंखला में उत्पादक और उपभोक्ता का स्थान ग्रहण करने वाले जीव जीवमंडल को कोई संरचना प्रदान करते हैं और इसे पोषी स्तर कहते हैं। आहार श्रृंखला में पहला स्थान उत्पादक का होता है। शाकाहारियों में सिर्फ उत्पादक(पौधे) उपभोक्ता होता है और माँसाहारियों की श्रृंखला में उपभोक्ता अधिक होते हैं।
पारितंत्र में अपमार्जकों का क्या महत्त्व/भूमिका है?
पारितंत्र में अपमार्जक मृत जैव अवशेषों का अपमार्जन करते हैं। ये मृत शरीरों का अपने भोजन के लिए उपयोग करते हैं। वे जटिल कार्बन पदार्थों को सरल पदार्थों में परिवर्तित करते हैं। जैविक कचरा, पेड़ पौधों के सड़े- गले भाग, गाय- भैंस के गोबर, सड़े- गले फल, सब्ज़ियों के छिलके आदि का कुछ समय के अंतराल में अपघटन कर देते हैं।
ओज़ोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?
ओज़ोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु होता है। ओज़ोन वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फीयर में सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी की सुरक्षा करती है। इन विकिरणों से त्वचा कैंसर होता है।
आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।
हम कचरा निपटान की समस्या कम करने में निम्नलिखित योगदान कर सकते हैं-
1) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का कम से कम उपयोग।
2) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों जैसे प्लास्टिक का पुनः चक्रण।
3) खाद का उत्पादन, जैव निम्नीकरणीय कचरे से जैव गैस का उत्पादन।
4) कचरे की मात्रा भस्मक में जलाकर कम करना।
5) अजैव निम्नीकरणीय और जैव निम्नीकरणीय पदार्थों को अलग-अलग कूड़ेदान में डालना।
क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर(मार) दें?
यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें तो उसके अगले स्तर के जीव भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगेंगे, इसी प्रकार उन जीवों के एक पहले के स्तर के जीवों की संख्या बढ़ जाएगी और आहार शृंखला का संतुलन खराब हो जाएगा।
क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न- भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?
हाँ, एक पोषी स्तर के जीवों को हटाने का प्रभाव भिन्न स्तरों पर अलग अलग होगा।
1) उत्पादकों को हटाने से शाकाहारी जीव भूक से मर जाएंगे और शाकाहारी जीवों के समाप्त हो जाने से माँसाहारी जीव खत्म हो जाएँगे।
2) शाकाहारियों को हटाने से उत्पादकों में अनियंत्रित वृद्धि होगी और माँसाहारी भूखे मर जाएँगे।
3) माँसाहारियों को हटाने से शाकाहारियों की जनसंख्या अधिक हो जाएगी और उत्पादक(वनस्पतियाँ) नष्ट हो जाएँगे।
4) अपघटकों को हटाने से जैविक कचरे, मृत जीवों के शरीरों, सड़े-गले सब्ज़ी, फलों के छिलकों में से उत्पन्न होने वाले तरह तरह के जीवाणुओं से बीमारियाँ फैलेंगी और अन्य जीवों की मृत्यु का कारण बनेंगी।
किसी पोषक स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव नहीं है।
जैविक आवर्धन (Biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैव आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न- भिन्न होगा?
जैविक आवर्धन से अभिप्राय है हानिकारक रसायनों (जैसे DDT) का आहार श्रृंखला में प्रवेश करना और पोषी स्तर के साथ बढ़ते चले जाना। धरती से विषैले रसायन (जैसे कीटनाशक, धातु, आदि) पौधों द्वारा ग्रहण किए जाते हैं फिर इन पौधों को खाने वाले शाकाहारी जीवों में प्रवेश हो जाते हैं और ऐसे करके जब माँसाहारी जीव इन जीवों को खाते हैं तो उनके शरीर में रसायनों की सघनता बढ़ जाती है।
जैविक आवर्धन का स्तर पोषी स्तर के साथ बढ़ता जाएगा।
ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
ओज़ोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु होता है। ओज़ोन वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फीयर में सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी की सुरक्षा करती है। इन विकिरणों से त्वचा कैंसर होता है और जीवों के लिए हानिकारक है। इस कारण से ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय है।
इस क्षति को सीमित करने के लिए
1) CFCs के उपयोग पर नियंत्रण होना चाहिए,
2) नाभिकीय विस्फोट कम हो जाना चाहिए,
3) सुपर सौनिक विमानों का कम से कम प्रयोग।
ऊपरी वायुमण्डल में ओजोन का क्या कार्य है।
ओजोन हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों से पृथ्वी की सतह को ढालती है, UV किरणें जीवों के लिए अत्यधिक हानिकारक हैं और मानवों की त्वचा में कैंसर का कारण बनती हैं।
परीक्षाओं के पश्चात् राकेश अपने मित्रों के साथ समीप के पार्क में पिकनिक पर गया। सभी अपने साथ भोजन-सामिग्री को प्लास्टिक की थैलियों अथवा डिब्बों में पैक करके ले गए। भोजन समाप्ति के पश्चात कुछ मित्रों ने बचे-कुचे भोजन और प्लास्टिक की थैलियों को एकत्र करके उसे जलाने की योजना बनाई परन्तु राकेश ने उन्हें तुरन्त ही ऐसा करने से रोका। उसने बची हुई भोजन-सामिग्री और फल के छिलकों को प्लास्टिक की थैलियों और डिब्बों से अलग करके पार्क के कोने में रखे क्रमशः हरे और लाल कूड़ेदानों में डालने का सुझाव दिया।
(a) आपके विचार से प्लास्टिक की वस्तुओं को जलाना अपशिष्टों के निपटारे की पर्यावरण-हितैशी वियदि है? क्यों? राकेश द्वारा सुझाए गए उपाय के लाभ लिखिए।
(b) पार्कों और सड़कों को स्वच्छ रखने में हम किस प्रकार योगदान दे सकते हैं?
(a) जली हुई प्लास्टिक हानिकारक गैसों के उत्पादन से वायु प्रदूषण का कारण बनती है क्योंकि कचरे के निपटान का पर्यावरण-अनुकूल तरीका नहीं है। जैविक और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने की राकेश की विधि फायदेमंद है क्योंकि फलों के बचे हुए खाद्य और छिलके जैसे जैवसंयोज्य पदार्थ हैं और वे खाद के रूप में काम कर सकते हैं, जबकि प्लास्टिक बैग और डिब्बे गैर-बायोडिग्रैडबल हैं और शारीरिक रूप से इनका पुनः नवीनीकरण किया जा सकता है; इस प्रकार, पर्यावरण को साफ रखने के लिए राकेश की वियधि फायदेमंद है तो आज से आप सभी इसका पालन करेंगे।
(b) हम पार्कों और सड़कों को साफ रख सकते हैं:
i) हरे रंग की कचरे में बीओड्रिडेडबल अपशिष्ट और लाल डस्टबिन में गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को फेंकना।
ii) सड़कों और पार्कों पर थूकने से लोगों को रोकना।
iii) केवल कचरे और कूड़े को कूड़ेदान में फेंकना।
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किसी विद्यालय के छात्रों ने प्रातः कालीन सभा में यह समाचार सुना कि दिल्ली में कूड़े का कोई पर्वत अचानक फट गया और कई गाड़ियाँ उस मलबे में दब गयीं । कुछ लोग भी जख्मी हो गए और हर ओर ट्रैफिक जाम हो गया । शिक्षक महोदय ने बौद्धिक सत्र में भी इसी विषय पर चर्चा की तथा छात्रों से कूड़े की समस्या का हल खोजने के लिए कहा । अन्तत: छात्रों ने दो बिन्दुओं का निष्कर्ष निकाला - पहला यह है कि जो कूड़ा हम उत्पन्न करते हैंउसका प्रबन्धन हम स्वयंकरें, तथा दूसरा यह कि निजी स्तर पर हम कम कूड़ा उत्पन्न करें।
a) जो कूड़ा हम उत्पन्न करतेहैंउसकेप्रबन्धन केदो उपाय सुझाइए ।
b) निजी तौर पर, कम से कम कूड़ा उत्पन्न करने के लिए हम क्या कर सकते हैं? दो बिंदु दीजिए ।
c) इस प्रसंग में शिक्षक महोदय ने जिन मूल्यों के विषय में छात्रों को शिक्षा दी उनमें से दो मूल्यों की सूची बनाइए ।
a)कचरा लैंडफिल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और उर्वरक और खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
b) कचरे को कम करने के लिए हमें तीन 'R' नियमों का पालन करना चाहिए जैसे कि रीयूज, रीसायकल, कम करें (Reuse, Recycle, Reduce.)
c) पर्यावरण और स्वस्थ जीवन का मूल्य।
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