साखी

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Question
CBSEENHN10002348

मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?

Solution

मीठी वाणी बोलने से सुनने वाले के मन से क्रोध और घृणा की भावना सम्पात हो जाती हैं। इसके साथ ही हमारा अंतःकरण प्रसन्न होने लगता हैं प्रभावस्वरूप औरों को सुख और तन को शीतलता प्राप्त होती है।

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Question
CBSEENHN10002349

दीपक दिखाई देने पर अँधियारा कैसे मिट जाता है? साखी के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

Solution

यहाँ दीपक का मतलब 'भक्तिरूपी ज्ञान' तथा अन्धकार का मतलब 'अज्ञानता' से है। जिस प्रकार दीपक के जलने पर अन्धकार नष्ट हो जाता है ठीक उसी प्रकार जब ज्ञान का प्रकाश हृदय में प्रज्ज्वलित होता है तब मन के सारे विकार अर्थात भ्रम, संशय का नाश हो जाता है।

Question
CBSEENHN10002350

ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते?

Solution

इसमें कोई संदेह नही कि ईश्वर हर प्राणी के भीतर ही नही, बल्कि हर कण में है। किन्तु हमारा मन अज्ञानता, अहंकार, विलासिताओं, इत्यादि में लिप्त है। हम उसे मंदिर, मस्जिदों, गिरजाघरों में ढूंढ़ते हैं जबकि वह सर्वव्यापी है। इस कारण हम ईश्वर को नहीं देख पाते हैं।

Question
CBSEENHN10002351

संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’ किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

Solution

कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं, जो संसार में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भोग करते हैं और दुखी वे हैं, जिन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई है। 'सोना' अज्ञानता का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है। जो लोग सांसारिक सुखों में खोए रहते हैं, जीवन के भौतिक सुखों में लिप्त रहते हैं वे सोए हुए हैं और जो सांसारिक सुखों को व्यर्थ समझते हैं, अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं वे ही जागते हैं। वे संसार की दुर्दशा को दूर करने के लिए चिंतित रहते हैं।