यतीन्द्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत

Sponsor Area

Question
CBSEENHN100018863

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [1 × 5 = 5]

किसी दिन एक शिष्या ने डरते-डरते खाँ साहब को टोका, बाबा। आप यह क्या करते हैं, इतनी प्रतिष्ठा है आपकी। अब तो आपको भारतरत्न भी मिल चुका है, यह फटी तहमद न पहना करें। अच्छा नहीं लगता, जब भी कोई आता है आप इसी फटी तहमद में सबसे मिलते हैं। खाँ साहब मुसकराए। लाड़ से भरकर बोले, धत् ! पगली, ई भारतरत्न हमको शहनईया पे मिला है, लुंगिया पे नाहीं तुम लोगों की तरह , बनाव-सिंगार देखते रहते, तो उमर ही बीत जाती, हो चुकती शहनाई। तब क्या रियाज हो पाता?

(क) एक दिन एक शिष्या ने खाँ साहब को क्या कहा? क्यों ?
(ख) खाँ साहब ने शिष्या को क्या समझाया।
(ग) इससे खाँ साहब के स्वभाव के बारे में क्या पता चलता

Solution

(क) एक दिन एक शिष्या ने खाँ साहब से कहा कि बाबा अब तो आपको बहुत प्रतिष्ठा व सम्मान मिल चुका है, फिर भी आप यह फटी हुई तहमद (लुंगी) क्यों पहनते हो? उस (शिष्या) ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि खाँ साहब इसी तहमद में ही सभी से मिलते थे और उसे यह अच्छा नहीं लगता था।

(ख) खाँ साहब ने नम्रतापूर्वक अपनी शिष्या को समझाते हुए कहा कि मुझे ‘भारतरत्न’ शहनाई बजाने पर मिला है, न कि लुंगी पर। मैंने बनाव सिंगार पर ध्यान न देकर अपनी साधना शहनाई पर ध्यान दिया है।

(ग) इससे खाँ साहब के स्वभाव का पता चलता है कि वे सादा जीवन उच्च विचार के प्रबल समर्थक थे। वे सादगी पसंद और उन्होंने अपना सारा जीवन अपनी साधना में समर्पित कर दिया। वे सच्चे अर्थों में सच्चे कलाकार’ थे।

Sponsor Area

Question
CBSEHIHN10002794

शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है?

Solution

मशहूर शहनाई वादक “बिस्मिल्ला खाँ” का जन्म डुमराँव गाँव में ही हुआ था। इसके अलावा शहनाई बजाने के लिए रीड का प्रयोग होता है। रीड अंदर से पोली होती है, जिसके सहारे शहनाई को फूँका जाता है। रीड, नरकट से बनाई जाती है, जो डुमराँव में मुख्यत: सोन नदी के किनारे पाई जाती है। इसी कारण शहनाई की दुनिया में डुमराँव का महत्त्व है।

Question
CBSEHIHN10002795

बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है?

Solution

शहनाई ऐसा वाद्य है, जिसे मांगलिक अवसरों पर ही बजाया जाता है। 'उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ' शहनाई वादन के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा जाता है।

Question
CBSEHIHN10002796

सुषिर-वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?

Solution

सुषिर-वाद्यों से यह अभिप्राय है, कि फूँककर बजाये जाने वाले वाद्य को 'सुषिर-वाद्य' कहते हैं।
शहनाई एक अत्यंत मधुर स्वर उत्पन्न करने वाला वाद्य है। फूँककर बजाए जाने वाले वाद्यों में कोई भी वाद्य ऐसा नहीं है, जिसके स्वर में इतनी मधुरता हो। शहनाई में समस्त राग-रागिनियों को आकर्षक सुरों में बाँधा जा सकता है। इसलिए शहनाई की तुलना में अन्य कोई सुषिर-वाद्य नहीं टिकता और शहनाई को ‘सुषिर-वाद्यों के शाह’ की उपाधि दी गयी होगी।