महिलाएँ, जाति एवं सुधार

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Question
CBSEHHISSH8008205

निम्नलिखित लोगों ने किन सामाजिक विचारों का समर्थन और प्रसार किया:

राममोहन रॉय

दयानन्द सरस्वती

वीरेशलिंगम  पंतुलु

ज्योतिराव फुले

पंडिता रमाबाई

पेरियार

मुमताज़ अली

ईश्वरचंद्र विद्यासागर

Solution

राममोहन रॉय: राजा राममोहन रॉय ने ब्रह्मा समाज की स्थापना की। उनके प्रयासों के फलस्वरूप ही 1829 में 'सती प्रथा' पर रोक लगा दी गई थी।
दयानन्द सरस्वती: स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875 में 'आर्य समाज' की स्थापना की तथा विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।  
 
वीरेशलिंगम  पंतुलु: वीरेशलिंगम  पंतुलु ने एक एसोसिएशन की स्थापना की तथा विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।   
ज्योतिराव फुले: ज्योतिराव फुले ने लड़कियों की शिक्षा का समर्थन किया। उन्होंने जाति व्यवस्था समेत सभी प्रकार की असमानताओं का विरोध किया।
पंडिता रमाबाई: पंडिता रमाबाई ने पुरषों के साथ महिलाओं की समानता का समर्थन किया। उन्होंने उच्च जाती की महिलाओं की दयनीय अवस्था का प्रतिकार किया। उन्होंने पुणे में एक 'विधवा गृह' की भी स्थापना की।
पेरियार: पेरियार ने समानता की वकालत की। उन्होंने 'आत्म-सम्मान आंदोलन' की नींव रखी तथा सत्ता पर ब्राह्मणों के वर्चस्व को ललकारा।  
मुमताज़ अली: मुमताज़ अली ने महिला शिक्षा का समर्थन किया।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह तथा लड़कियों की शिक्षा का समर्थ किया। उन्होंने लड़िकयों  के लिए स्कूल भी खोले।


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Question
CBSEHHISSH8008206

निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ:  

A.

जब अंग्रेज़ों ने बंगाल पर क़ब्ज़ा किया तो उन्होंने विवाह, गोद लेने, संपत्ति उत्तराधिकार आदि के बारे में नए कानून बना दिए।

B.

समाज सुधारकों को सामाजिक तौर-तरीकों में सुधार के लिए प्राचीन ग्रंथो से दूर रहना पड़ता था। 

C.

सुधारकों को देश के सभी लोगों का पूरा समर्थन मिलता था।

D.

बाल विवाह निषेध अधिनियम 1829 में पारित किया गया था।

Solution

A. सत्य
B. असत्य
C. असत्य
D. असत्य

Question
CBSEHHISSH8008207

प्राचीन ग्रंथो के ज्ञान से सुधारकों को नए कानून बनवाने में किस तरह मदद मिली?

Solution

राजा राममोहन रॉय जैसे सुधारक जो संस्कृत, फ़ारसी तथा अन्य कई भारतीय एवं यूरोपीय भाषाओं के अच्छे ज्ञाता थे। उन्होंने अपने लेखन के ज़रिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि प्राचीन ग्रंथो में विधवाओं को जलाने की अनुमति कही नहीं दी गयी है।

प्राचीन ग्रंथों के उनके ज्ञान ने उन्हें बहुत अधिक आत्मविश्वास और नैतिक समर्थन दिया जो उन्होंने नए कानूनों को बढ़ावा देने में उपयोग किया। जब लोगों ने उन सुधारों के खिलाफ आवाज उठाई तो वे डर नहीं पाए।

Question
CBSEHHISSH8008208

लड़कियों को स्कूल ने भेजने के पीछे लोगों के पास कौन-कौन से कारण होते थे?

Solution

लड़कियों को स्कूल ने भेजने के पीछे कारण थे:
(i) लोगो को भय था कि स्कूल वाले लड़कियों को घर से निकाल ले जाएँगे और उन्हें घरेलू कामकाज नहीं करने देंगे।
(ii) स्कूल जाने के लिए लड़कियों को सार्वजनिक स्थानों से गुजर कर जाना पड़ता था। बहुत सारे लोगों को लगता था कि इससे लड़कियाँ बिगड़ जाएँगी।
(iii) उनकी मान्यता थी कि लड़कियों को सार्वजनिक स्थानों से दूर रहना चाहिए। इससे उनके आचरण पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।