देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना

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Question
CBSEHHISSH8008201

निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ:

A. विलियम जोन्स  (i) अंग्रेज़ी शिक्षा को प्रोत्साहन  
B. रबीन्द्रनाथ टैगोर  (ii) प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान  
C. टॉमस मैकॉले     (iii) गुरु 
D. महात्मा गांधी  (iv) प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा   
E. पाठशालाएँ  (v) अंग्रेज़ी शिक्षा के विरोध 

Solution

A.

विलियम जोन्स 

(i)

प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान  

B.

रबीन्द्रनाथ टैगोर 

(ii)

प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा   

C.

टॉमस मैकॉले    

(iii)

अंग्रेज़ी शिक्षा को प्रोत्साहन  

D.

महात्मा गांधी 

(iv)

अंग्रेज़ी शिक्षा के विरोध 

E.

पाठशालाएँ 

(v)

गुरु 

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Question
CBSEHHISSH8008202

निम्नलिखित में से सही और गलत बताएँ:  

A.

जेम्स मिल प्राच्यवादियों के घोर आलोचक थे।

B.

1854 के शिक्षा संबंधी डिस्पैच में इस बात ज़ोर दिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए।

C.

महात्मा गांधी मानते थे कि साक्षरता बढ़ाना ही शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

D.

रविंद्रनाथ टैगोर को लगता था कि बच्चों पर सख्त अनुशासन होना चाहिए।          

Solution

A. सत्य
B. असत्य
C. असत्य
D. असत्य

Question
CBSEHHISSH8008203

विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन क्यों ज़रूरी दिखाई देता था? 

Solution

विलियम जोन्स भारत के प्रति एक ख़ास तरह का रवैया रखे थे। वे भारत और पश्चिम, दोनों की प्राचीन संस्कृतियों के प्रति गहरा आदर भाव रखते थे। उनका मन्ना था कि भारतीय सभ्यता प्राचीन काल में अपने वैभव के शिखर पर थी परन्तु बाद में उनका पतन होता चला गया।
उनकी राय में, भारत को समझने के लिए प्राचीन काल में लिखे गए यहाँ के पवित्र और क़ानूनी ग्रंथो को खोजना व समझना बहुत ज़रूरी था। उनका मानना था कि हिन्दुओं और मुसलमानों के असली विचारों व कानूनों को इन्हीं रचनाओं के ज़रिए समझा जा सकता हैं और इन रचनाओं के पुन: अध्ययन से ही भारत के भावी विकास का आधार पैदा हो सकता है।

Question
CBSEHHISSH8008204

जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले ऐसा क्यों सोचते थे की भारत में यूरोपीय शिक्षा अनिवार्य है?    

Solution

(i) मैकॉले के अनुसार भारत एक असभ्य देश था, जिसे सभ्य बनाने की ज़रूरत थी।
(ii) उनका विचार था की शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यावहारिक एवं उपयोगी चीज़ों का पठन-पाठन होना चाहिए। अत: भारतीयों को उन वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकासों से अवगत कराया जाना चाहिए जिनका उदय पश्चिम में हुआ है।
(iii) उन्होंने महसूस किया कि अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से भारतीयों को दुनिया के कुछ बेहतरीन साहित्यों को पढ़ने का सुअवसर प्राप्त होगा। यह उन्होंने पश्चिमी विज्ञानं एवं दर्शन के विकास से भी अवगत कराएगी।