जनसुविधाएँ

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Question
CBSEHHISSH8008367

आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलपूर्ति के उदाहरण कम है?

Solution

जल एक आवश्यक जनसुविधा है इसलिए यह जिम्मेदारी सरकार की बनती है कि वह इसे सफलतापूर्वक   लोगों तक पहुँचाए। यह जनसुविधा सभी को मुहैया होनी चाहिए। इस कार्य के लिए नुकसान और फायदे को अलग करना आवश्यक  होता है। निजी कंपनियां केवल अपने मुनाफे के बारे में सोचती है। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि व्यक्ति तक वह वस्तु पहुँच रही है या नहीं। जलपूर्ति का निजीकरण करने का अर्थ है कि लोगों की जनसुविधा की उपलब्धता में अनियमितता, इससे देश में अराजकता फैल सकती है। यही कारण है कि निजी जलापूर्ति के  उदाहरण कम देखने को मिलते हैं।

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Question
CBSEHHISSH8008368

चेन्नई एक ऐसी जगह है जहाँ पानी की बहुत कमी है। न्यायपालिका केवल शहर की लगभग आधी जरूरत को ही पूरा कर पाती है। कुछ इलाकों में पानी नियमित रूप से पानी आता है और कुछ इलाकों में बहुत कम पानी आता है। उन स्थानों में जहाँ पानी का भंडारण किया गया है। उसके आसपास के इलाके में ज़्यादा पानी आता है और दूर की बस्तियों में कम पानी मिलता है।
इस समस्या का सामना ज़्यादातर गरीब व्यक्ति को करना पड़ता है क्योंकि उच्च या माध्यम वर्ग का व्यक्ति इस समस्या का हल आसानी से ढूंढ़ लेता है। वे बोरवेल खोद कर या बोतलों का पानी खरीद कर अपना काम चला लेते हैं।

Solution

Question
CBSEHHISSH8008369

किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?

Solution

(i) किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी भेजने से स्थानीय लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।पीने हेतु शुद्ध पानी की कमी पड़ रही है। सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं है जिसे फसल गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
 
(ii) हाँ,  लोग भूमिगत पानी के दोहन का विरोध कर सकते हैं क्योंकि पानी एक प्राकृतिक संसाधन है। जिसका निजी कंपनियां अपने स्वार्थ हेतु अनावश्यक रूप से दोहन नहीं कर सकती।
(iii) हाँ, सरकार उन जलव्यपारियों दोनों के खिलाफ कदम उठा सकती है।उनसे जुर्माना वसूल किया जा सकता है तथा उन्हें दंड भी दिया जा सकता है।

Question
CBSEHHISSH8008370

ऐसा क्यों है कि ज़्यादातर निजी अस्पताल और स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है?
 

Solution

ज़्यादातर निजी अस्पताल और स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है, क्योंकि-
(i) शहरों में लोगो की जिंदगी भागदौड़ से भरी है उनकी आमदनी अच्छी होती है। यहां लोग यह चाहते हैं कि उनके सभी काम निर्धारित समय से पूर्व हो जाये बजाय इसके कि सरकारी स्कूल और अस्पतालों में लंबी कतारों में खड़ा होना पड़े।
(ii) कस्बों या ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा यातायात, बिजली, जलापूर्ति आदि सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती है।