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कार्यपालिका
संसदीय कार्यपालिका का अर्थ होता है:
जहाँ संसद हो वहाँ कार्यपालिका का होना
संसद द्वारा निर्वाचित कार्यपालिका
जहाँ संसद कार्यपालिका के रूप में काम करती है
ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत के समर्थन पर निर्भर हो
D.
ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत के समर्थन पर निर्भर हो
निम्नलिखित को सुमेलित करें
| A. भारतीय विदेश सेवा | (i) जिसमें बहाली हो उसी प्रदेश में काम करती है। |
| B. प्रादेशिक लोक सेवा | (ii) केंद्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते हैं या देश में कहीं और। |
| C. अखिल भारतीय सेवाएँ | (iii) जिस प्रदेश में भेजा जाए उसमें काम करती है, इसमें प्रति नियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है। |
| D. केंद्रीय सेवाएँ | (iv) भारत के लिए विदेशों में कार्यरत। |
A. भारतीय विदेश सेवा | (i) भारत के लिए विदेशों में कार्यरत। |
B. प्रादेशिक लोक सेवा | (ii) जिसमें बहाली हो उसी प्रदेश में काम करती है। |
C. अखिल भारतीय सेवाएँ | (iii) जिस प्रदेश में भेजा जाए उसमें काम करती है, इसमें प्रति नियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है। |
D. केंद्रीय सेवाएँ | (iv) केंद्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते हैं या देश में कहीं और। |
प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने में राष्ट्रपति:
लोकसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
लोकसभा में बहुमत अर्जित करने वाले गठ-बंधन के दलों में सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
राज्यसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।
D.
गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।
इस चर्चा को पढ़कर बताएँ कि कौन सा कथन भारत पर सबसे ज्यादा लागू होता है:
- आलोक: प्रधानमंत्री राजा के समान है। वह हमारे देश में हर बात का फैसला करता है।
- शेखर: प्रधानमंत्री सिर्फ 'समान हैसियत के सदस्यों में प्रथम' है। उसे कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं। सभी मंत्रियों और प्रधानमंत्री के अधिकार बराबर हैं।
- बॉबी: प्रधानमंत्री को दल के सदस्यों तथा सरकार को समर्थन देने वाले सदस्यों का ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो नीति-निर्माण तथा मंत्रियों केचयन में प्रधानमंत्री की बहुत ज्यादा चलती है।
इन तीनों कर्तव्यों में बॉबी का कथन भारतीय परिपेक्ष्य में प्रधानमंत्री की स्थिति को व्यक्त करता हैं। भारत में, प्रधानमंत्री का सरकार में स्थान सर्वोपरि होता है। मंत्रि-परिषद् के प्रधान के रूप में प्रधानमंत्री अपने देश की सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी होता है। निश्चय ही प्रधान मंत्री को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त है फिर भी लोकसभा में बहुमत को बनाए रखने के लिए और अन्य कारणों से भी उसके निर्णयों को राजनितिक दल के सदस्य, सहयोगी दल व तत्कालीन परिस्थितियाँ भी प्रभावित करती हैं।
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