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तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।
हाँ, डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक स्तंभ में भी पाए जाते हैं।उदाहरण के लिए लिथियम ( Li ), सोडियम ( Na ) तथा पोटैशियम ( K ) एक डॉबेराइनर का त्रिक बनाते हैं। यदि Li को पहला तत्व मानें तो उससे आठवें स्थान पर Na आता है और यदि Na को पहला तत्व मानें तो उसके आठवें स्थान पर K आता है। इस प्रकार डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक स्तंभ में पाए जाते हैं।
डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
डॉबेराइनर के वर्गीकरण की सबसे बड़ी सीमा यह थी कि इस नियम के अनुसार उस समय उपस्थित पाए जाने वाले सारे तत्वों का वर्गीकरण नहीं होता था। उदाहरण- तीन तत्व; नाइट्रोजन ( N ), फॉस्फोरस ( P ) तथा ऑरसेनिक ( As ) के रासायनिक गुणधर्म समान हैं इसलिए इन्हें एक ही त्रिक का होना चाहिए जबकि N परमाणु द्रव्यमान (14.0 u), As (74.9 u) का तथा P का (31.0 u) है जिसके अनुसार यह एक त्रिक के तत्व नहीं हैं। उस समय ज्ञात 30 तत्वों में से 21 तत्वों को त्रिक के रूप में व्यवस्थित नहीं किया जा सका था।
न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं?
(i) अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्व गए गुणधर्म पहले तत्व से नहीं मिलता।
(ii) न्यूलैंड्स के कल्पना की थी कि प्रकृत में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं और भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा।
(iii) अपनी सारणी में तत्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड्स ने दो तत्वों को एक साथ रख दिया था और कुछ असमान तत्वों को एक स्थान में रख दिया था जैसे कोबाल्ट तथा निकैल एक साथ में हैं। इन्हें एक साथ उसी स्तंभ में रखा गया है जिसमें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन हैं चाहे इनके गुणधर्म उन तत्वों से भिन्न हैं। आयरन को कोबाल्ट और निकैल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है।
(iv) न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ठीक से लागू हो पाया है।
मेंडलीफ के आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए-
K, C, Al, Si, Ba
ऑक्साइड के सूत्र निम्नलिखित हैं:
K2O, CO2, Al2O3’ SiO2, BaO
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