कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
(i) शृंखलन ( Catenation )- शृंखलनकार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की अदभुत क्षमता होती है। इस गन को शृंखलन कहते हैं इन यौगिकों में कार्बन की लंबी शृंखला कार्बन की विभिन्न शाखाओं वाली शृंखला या अँगूठी के आकार में व्यवस्थित कार्बन पाए जाते हैं। कार्बन के परमाणु एकल, युगल या तिहरे आबंध में जुड़ सकते हैं।
(ii) चतु: संयोजकता ( tetravalency )- कार्बन में चार संयोजकता होती है। इसलिए इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं या कुछ अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फ़र, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्व के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं। इससे ऐसे विशेष गुण करने वाले यौगिक बनते हैं, जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।