टोपी

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Question
CBSEENHN8001243

गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

Solution

गवरइया व गवरा के बीच आदमी के कपड़े पहनने पर बहस हुई। गवरइया का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर जँचता है जबकि गवरा का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर अपनी कुदरती सुंदरता को ढक लेता है।
गवरइया की इच्छा थी कि वह अपने सिर पर एक टोपी पहने। उसे अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर तब मिला जब उसे कूड़े के ढेर पर चुगते-चुगते रुई का एक फाहा मिला।

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Question
CBSEENHN8001244

गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।

Solution

गवरइया और गवरे की बहस तीन तर्कों पर हुई-
1. आदमी के कपड़े पहनने पर।
2. गवरइया द्वारा टोपी पहनने की इच्छा व्यक्त करने पर।
3. गवरइया को रुई का फाहा मिलने पर।
इन विचारों को संवादों में निम्न रूप से लिखा जा सकता है-
गवरइया - आदमी रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर कितना जंचता है।
गवरा - बेवकूफ है आदमी, कपड़े पहनकर अपनी सुंदरता को ढक लेता है।
गवरइया - कपड़े मौसम से बचने हेतु भी पहने जाते हैं।
गवरा - कपड़े पहन लेने से तो उनकी मौसम को सहने की शक्ति समाप्त हो जाती है। साथ ही कपड़ों से उनकी हैसियत भी झलकती है।
गवरइया - आदमी की टोपी तो सबसे अच्छी होती है।
गवरा - टोपी। टोपी की तो बहुत मुसीबतें हैं। कितने ही राजपाट टोपी के दम पर बदल जाते हैं। टोपी इज़्ज़त का प्रतीक है। साथ ही जीवन की जरूरतें पूरी करने हेतु न जाने कितनी टोपियाँ घुमानी पड़ती हैं अर्थात् न जाने कितनों को मूर्ख बनाना पड़ता है।(गवरइया का कोई प्रतिक्रिया किए बिना अपनी पुन पर अड़े रहना)
गवरइया – गवरा! देखो मुझे रुई का फाह। मिल गया। अब मेरी टोपी बन जाएगी।
गवरा - तू तो बावरी हो गई है। रुई से टोपी तक का सफर तो बहुत लंबा है।
गवरइया - बस तुम तो देखते जाओ कैसे में टोपी बनवा कर ही दम लूँगी।

Question
CBSEENHN8001245

टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।

Solution

गवरइया को कूड़े के ढेर पर चुगते-चुगते कई का एक फाहा मिल गया। उसे लगा कि अब वह अपनी टोपी पहनने की इच्छा पूरी कर सकेगी। सबसे पहले वह धुनिए के पास गई। उसने रुई को धुनवाया, इसके बाद वह कोरी के पास सूत कतवाने गई। सूत कत जाने पर वह बुनकर को खोजने लगी। बुनकर के मिलने पर उसने बहुत सुंदर कपड़ा बुनवाया फिर गई वह दर्जी के पास। दर्जी से प्रार्थना करने पर गवरइया की फुँदने वाली सुंदर टोपी तैयार हो गई। इन सबके कार्यों के लिए गवरइया ने सही पारिश्रमिक भी दिया।

Question
CBSEENHN8001246

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

Solution

जब गवरइया ने दर्जी को यह कहा कि वह उस कपड़े की दो टोपियाँ सिल ले। एक टोपी मजूरी के रूप में अपने लिए रख ले। इस प्रकार के पारिश्रमिक से खुश होकर दर्जी ने गवरइया की टोपी पर पाँच फुँदने भी जड़ दिए।