ग्रामीण बंगाल के बहुत से इलाकों में जोतदार एक ताकतवर हस्ती क्यों था?
ग्रामीण बंगाल में बहुत-से इलाकों में जोतदार काफ़ी शक्तिशाली थे। वे ज़मींदारों से भी अधिक प्रभावशाली थे उनके शक्तिशाली होने के निम्नलिखित कारण थे:
- उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों तक आते-आते, जोतदारों ने जमीन के बड़े-बड़े रकबे, जो कभी-कभी तो कई हजार एकड़ में फैले थे, अर्जित कर लिए थे।
- स्थानीय व्यापार और साहूकार के कारोबार पर भी उनका नियंत्रण था और इस प्रकार वे उस क्षेत्र के गरीब काश्तकारों पर व्यापक शक्ति का प्रयोग करते थे।
- गाँवों में, जोतोदारों की शक्ति, जमींदारों की ताकत की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती थी। जमींदार के विपरीत जो शहरी इलाकों में रहते थे, जोतदार गाँवों में ही रहते थे और गरीब ग्रामवासियों के काफी बड़े वर्ग पर सीधे अपने नियंत्रण का प्रयोग करते थे।
- जोतदार ग्राम में ज़मींदारों के लगान वृद्धि के प्रयासों का विरोध करते थे। वे ज़मींदारी अधिकारीयों को अपने लगान वृद्धि को लागू करने से सम्बन्धित कर्तव्यों का पालन नहीं करने देते थे।