नियंत्रण एवं समन्वय

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Question
CBSEHHISCH10015373

प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है?

Solution

प्रतिवर्ती क्रिया टहलना
1. यह अनैच्छिक प्रतिक्रिया है। 1. यह ऐच्छिक प्रतिक्रिया है।
2. यह शरीर के अंगों की अचानक तथा तीव्र प्रतिक्रिया होती है। 2. यह समय पर पर लेकिन धीमी प्रतिक्रिया होती है।
3. यह मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। 3. यह मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती है।
4. प्रतिवर्ती क्रिया में शरीर का केवल एक भाग प्रतिक्रिया करता है न कि पूर्ण शरीर। 4. टहलने का अर्थ है पूर्ण शरीर का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना/गति करना।

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Question
CBSEHHISCH10015374

दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?

Solution

प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सुचना आगे प्रेषित करते हैं। सुचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत् आवेग उतपन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और ताँत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुंच जाता है।

तंत्रीकाक्ष के अंत में विद्युत् आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उतपन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इस प्रकार विद्युत् आवेश को आरंभ कराते हैं। यह तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है।इसी प्रकार का एक अंतर्ग्रथन ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिकाओं या ग्रंथियों तक ले जाता है।

Question
CBSEHHISCH10015375

मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?

Solution

अनुमस्तिष्क (cerebrum) शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है। यह प्रमस्तिष्क के पिछले भाग में निचे की ओर स्थित होता है। यही ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।

Question
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हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?

Solution

अगरबत्ती से रसायन वायु में विसरित हो जाते हैं तथा हमारे नाक तक पहुँचते हैं। जब हम नासिका में से अंत: श्वास खींचते हैं तो ये रसायन नासिक गुहा में प्रवेश करते हैं। यहाँ पे ये नाक की नमी युक्त श्लेष्मा में घुल जाते हैं। घ्राणग्राही इन रसायनों को संवेदना के रूप में ग्रहण करते हैं। इसे संवेदी तंत्रिकाओं के माध्यम से अगर मस्तिष्क को प्रेषित कर देते हैं जहाँ पर संवेदना का विशेषण होता है तथा उसे अनुभव किया जाता है, ऐसे हम सुगंध का अनुभव करते हैं।