रक्त और हमारा शरीर

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Question
CBSEENHN7000326

(क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं-

  • इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो-

बनते-बनते,    पहुँचते-पहुँचते,    लेते-लेते,    करते-करते

(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए-

सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।

आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।

इन वाक्यों में ‘होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है- किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।

आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए –

ठीक-ठीक,   घड़ी-घड़ी,   कहीं-कहीं,   घर-घर,   क्या-क्या

Solution

(क)

 (i)

मेरी नौकरी की बात बनते-बनते बिगड़ गई।

(ii)

प्लेटफार्म में समय पर पहुँचते-पहुँचते भी हमारी गाड़ी छूट गई।

(iii)

मेरे लेते-लेते भी सामान रह गया।

(iv)

करते-करते भी कार्य समय पर नहीं हो पाया।

(ख)

 (i)

ठीक-ठीक ( ठीक से ) :- ठीक-ठीक समय बताइए क्या वक्त हुआ है।

(ii)

घड़ी-घड़ी (हर घड़ी में) :- तुम घड़ी-घड़ी मुझसे पूछने मत आया करो।

(iii)

कहीं-कहीं (कहीं पर) :- इस जगह पर कहीं-कहीं ही पानी मिलता है।

(iv)

घर-घर (हर घर में) :- घर-घर जाकर हर बच्चे को पोलियो की दवा पिलाओ।

(v)

क्या-क्या (और क्या) :- बच्चों को खाने में क्या-क्या अच्छा लगता है।

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Question
CBSEENHN7000327

रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?

Solution

जब शरीर के किसी हिस्से पर घाव बन जाए और रक्त बहने लगे तो सर्वप्रथम उस स्थान पर साफ़ कपड़े को कसकर बाँध देना चाहिए ताकि रक्त के प्रवाह को रोका जा सके। इस तरह रक्त का प्रवाह तुरन्त रूक जाएगा परन्तु इस तरकीब से भी बात ना बने और रक्त का प्रवाह बना रहे तो तुरन्त ही डाक्टर के पास उपचार के लिए मरीज़ को लेकर जाना चाहिए।

Question
CBSEENHN7000328

खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?

Solution

क्योंकि रक्त दिखने में तो द्रव की भांति होता है परन्तु इसके विपरीत उसके अंदर एक अलग दुनिया का ही प्रतिबिम्ब होता है। रक्त दो भागों में विभाजित होता है – एक भाग तरल रूप में होता है जिसे हम प्लाज़्मा के नाम से जानते हैं, दूसरे भाग में हर प्रकार व आकार के कण होते हैं। कुछ सफ़ेद होते हैं तो कुछ लाल, और कुछ रंगहीन होते हैं। ये सब कण प्लाज़्मा में तैरते रहते हैं। रक्त का लाल रंग लाल कणों के कारण होता है क्योंकि रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या करीब चालीस से पचपन लाख होती है। इनकी इसी अधिकता के कारण रक्त लाल प्रतीत होता है। इनका कार्य ऑक्सीजन को शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना होता है। लाल कण के बाद सफ़ेद कणों का कार्य रोगाणुओं से हमारी रक्षा करना होता है और जो रंगहीन कण होते हैं जिन्हें हम बिंबाणु कहते हैं। इनका कार्य घाव को भरने में मदद करना होता है। इस प्रकार रक्त की एक बूँद अपने में ही जादुई दुनिया को समेटे हुए है जिसके लिए ‘भानुमती का पिटारा’ कहना सर्वथा उचित है।

Question
CBSEENHN7000329

एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?

Solution

इससे पहले ये समझना आवश्यक है कि एनीमिया है क्या। जब हमारे शरीर को उचित पौष्टिक आहार मिल नहीं पाता तो हमारे शरीर में रक्त का निर्माण होना बन्द हो जाता है। शरीर में रक्त की कमी होने लगती है और रक्त में होने वाली लाल-कणों की इसी कमी को एनीमिया कहते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम सदैव पौष्टिक आहार ही लें। जैसे – हरी सब्जियाँ, दालें, दूध, माँस-मछली, अंडे इत्यादि प्रचुर मात्रा में लें।