बाल महाभारत

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Question
CBSEENHN7000268

महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परपंरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।

Solution

पांडु भरत वंश के राजा थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् युधिष्ठिर को राजा बनना चाहिए था परन्तु युधिष्ठिर की आयु कम होने के कारण उनके बड़े होने तक राज्य की ज़िम्मेदारी धृतराष्ट्र को दी गई थी। युधिष्ठिर के बड़े होने के पश्चात् न्यायोचित तो यही था कि युधिष्ठिर को उनका कार्य-भार सौंप दिया जाता। अत: भरत वंश की परंपरा के अनुसार राज्य पद के अधिकारी युधिष्ठिर ही थे।

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Question
CBSEENHN7000269

महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।

Solution

युद्ध जीतने के लिए कौरवों तथा पांडवों दोनों ने प्रयास किए हैं।

कौरवों द्वारा किए गए प्रयास :-

(1) युद्ध में पितामह भीष्म तथा गुरू द्रोणाचार्य को सेना का नेतृत्व सौंपना।

(2) दुर्योधन का कृष्ण के पास युद्ध के लिए सहायता मांगने जाना।

(3) चक्रव्यूह की रचना करना

(4) अर्जुन को दूर भेजना

पांडवों द्वारा युद्ध के लिए किए गए प्रयास :-

(1) कर्ण का वध।

(2) दुःशासन का वध।

(3) दुर्योधन के भाई युयुत्सु पर विश्वास कर युद्ध में सम्मिलित करना।

(4) कृष्ण का साथ माँगना।

(5) अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह तोड़ना।

Question
CBSEENHN7000270

तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रूकवा सकता था? कैसे?

Solution

महाराज धृतराष्ट्र उस समय भरत वंश के राजा थे। उनकी आज्ञा का पालन करना प्रजा का कर्तव्य था। यदि वे निश्चय के पक्के होते तो अपने पुत्रों को आज्ञा देकर युद्ध को टाल सकते थे। परन्तु एक राजा होते हुए भी अपने राज्य के भविष्य के हित में वे कोई दृढ़ निश्चय नहीं कर पाए।

Question
CBSEENHN7000271

इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

Solution

पाठ पर आधारित मुहावरे :-

(1) वज्र के समान गिरना – (अधिक कष्ट होना) अपमान के कटु वचन उसके हृदय पर व्रज के समान लगे

(2) जन्म से बैरी – (घोर शत्रुता होना) दोनों भाई इतना लड़ते हैं, मानो जन्म से बैरी हो।

(3) खलबली मच जाना – (नियंत्रण न होना) शिक्षक के न आने से पूरी कक्षा में खलबली मच गई।

(4) दंग करना – (हैरान करना) छोटे से बच्चे में इतना बल देखकर मैं दंग रह गया।

(5) दग्धहृदय – (मन दुःखी होना) दग्ध हृदय के साथ उसने अपने पुत्र को अंतिम बार विदा किया।